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कर्मचारी भविष्य निधि एवं कर्मचारी पेंशन योजना में क्या है मूलभूत अंतर

लखनऊ

 22-12-2023 11:10 AM
सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

जब भी कोई व्यक्ति आजीविका कमाना शुरू करता है तो वह दैनिक खर्चों के साथ साथ उसमें से कुछ हिस्सा बचत भी करता है जिसे वह अपने भविष्य के लिए संभालकर रखना चाहता है। अपने बचत किए गए धन को व्यक्ति विभिन्न योजनाओं में निवेश करता है जिससे कि वह उनको अपने सेवानिवृत्ति समय में उपयोग में ला सकें। जब भी निवेश के लिए सेवानिवृत्ति योजनाओं की बात आती है तो निवेश करने से पूर्व उपलब्ध विभिन्न विकल्पों को समझना आवश्यक है। हमारे देश भारत में आम तौर पर लोगों द्वारा सबसे ज्यादा उपयोग में लाई जाने वाली दो सेवानिवृत्ति योजनाएं - कर्मचारी भविष्य निधि (Employees’ Provident Fund (EPF) और कर्मचारी पेंशन योजना (Employee Pension Scheme (EPS) हैं। हालाँकि दोनों ही सेवानिवृत्ति योजनाएँ हैं, लेकिन ईपीएफ और ईपीएस के बीच कई अंतर हैं जिनके बारे में प्रत्येक कर्मचारी को जानकारी होनी चाहिए। इस लेख में, हम भविष्य निधि बनाम पेंशन निधि की तुलना करेंगे। इससे पहले आइए दोनों योजनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं। कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) भारत में एक बचत और सेवानिवृत्ति निधि योजना है जो आम तौर पर वेतनभोगी कर्मचारियों और उनके नियोक्ताओं द्वारा स्थापित और योगदान की जाती है। यह एक सरकार समर्थित पहल है जिसका उद्देश्य कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के वर्षों के दौरान वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ही योजना में नियमित योगदान करते हैं, जिसमें कर्मचारी के वेतन का एक हिस्सा भविष्य निधि खाते में आवंटित किया जाता है। भारत सरकार द्वारा इस श्रेणी के तहत अपने नागरिकों के लिए दो बड़ी योजनाएं लागू की हैं गई हैं- कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF)। कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) मुख्य रूप से संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए लागू होता है जबकि सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) सभी भारतीय नागरिकों के लिए खुला है। EPF के तहत नियोक्ता और कर्मचारी को कर्मचारी के वेतन (मूल वेतन, महंगाई भत्ता) का 12% योगदान करना होता है।
PPF में आप एक वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 150,000 रुपये जमा कर सकते हैं। भविष्य निधि खाते व्यक्तियों को सेवानिवृत्ति के बाद के जीवन के लिए वित्तीय सहायता देने और दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्य हासिल करने में मदद करते हैं। वे कर लाभ भी प्रदान करते हैं और देश की सामाजिक सुरक्षा प्रणाली का एक अभिन्न अंग हैं।
भविष्य निधि योजना की एक उल्लेखनीय विशेषता यह है कि यह कर्मचारियों को विशिष्ट वित्तीय आवश्यकताओं, जैसे घर खरीदने, गृह ऋण चुकाने या उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए पांच साल की सेवा पूरी करने के बाद इस योजना से बाहर आने की अनुमति देती है। इसके अलावा, कर्मचारी 58 वर्ष की आयु के बाद या 60 दिनों या उससे अधिक समय तक बेरोजगार रहने के बाद सेवानिवृत्ति कोष का उपयोग कर सकते हैं। इस योजना पर सरकार द्वारा निर्धारित एक निश्चित दर पर नियमित ब्याज मिलता है, जिसकी समय-समय पर समीक्षा की जाती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में 4.5 करोड़ से ज्यादा EPF खाते मौजूद हैं इनमें से 1.23 लाख से अधिक खाते High Networth Individuals, (HNI) के हैं जो मासिक रूप से बड़ी रकम का योगदान करते हैं। सूत्रों के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इन खातों का कुल योगदान ₹62,500 करोड़ था और सरकार इन उच्च आय वर्ग के व्यक्तियों को कर छूट के साथ 8 प्रतिशत की दर से एक सुनिश्चित ब्याज देती है या भुगतान करती है। मार्च 2022 में, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 2020-21 में 8.5 प्रतिशत से घटाकर 8.10 प्रतिशत कर दी थी, जो कि चार दशकों में सबसे कम दर थी। हालांकि अब भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 के पैरा 60(1) के तहत वर्ष 2022-23 के लिए 8.15% की दर से ब्याज का भुगतान करने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी प्राप्त कर ली है।
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पात्रता मानदंड:
ईपीएफ योजना में नामांकन के लिए पात्रता आवश्यकताएँ निम्नलिखित हैं:
➲ ईपीएफ योजना के प्रावधानों से भारत के सभी राज्य लाभान्वित हो सकते हैं।
➲ मूल वेतन और महंगाई भत्ता मिलाकर 15,000 रुपये प्रति माह वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए EPF खाते के लिए पंजीकरण अनिवार्य है।
➲ 15,000 रुपये से अधिक वेतनभोगी कर्मचारी सहायक PF आयुक्त से अनुमोदन के अधीन EPF खाते के लिए पंजीकरण कर सकते हैं।
➲ यदि किसी कंपनी में 20 से अधिक लोग कार्यरत हैं, तो उसे EPF योजना में नामांकन करना कानूनन अनिवार्य है।
➲ 20 से कम कर्मचारियों वाला व्यवसाय स्वैच्छिक आधार पर EPF योजना में शामिल हो सकता है।
ईपीएफ कार्यक्रम के सक्रिय सदस्य बनने के बाद कर्मचारी बीमा लाभ और पेंशन लाभ सहित विभिन्न प्रकार के कर्मचारी भविष्य निधि लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं। कर्मचारी भविष्य निधि के लाभ:
EPF के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:

➲ कर लाभ: EPF खाते में कर्मचारी का योगदान धारा 80C के तहत कर छूट के लिए पात्रता के अलावा अर्जित ब्याज दर आयकर से मुक्त है। इसके अलावा EPF खाते के 3 साल तक निष्क्रिय रहने पर भी ब्याज अर्जित होती रहती है। पांच साल की निरंतर सेवा के बाद EPF निकासी पर कर नहीं लगता है, जब तक कि नियोक्ता अपना व्यवसाय समाप्त नहीं कर देता या कर्मचारी स्वेच्छा से अपनी नौकरी नहीं छोड़ देता।
➲ आजीवन पेंशन: जबकि नियोक्ता और कर्मचारी दोनों EPF में वेतन का 12% योगदान करते हैं, नियोक्ता का 8.33% हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में भेज दिया जाता है। सेवानिवृत्ति निधि निकाय के अनुसार, 10 साल की अंशदायी सदस्यता कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत आजीवन पेंशन सुनिश्चित करती है।
➲ बीमा लाभ: कर्मचारी भविष्य निधि कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा (EDLI) योजना के तहत बीमा संरक्षित होती है। सेवा की अवधि के दौरान बीमित व्यक्ति की मृत्यु की स्थिति में पंजीकृत नामांकित व्यक्ति को एकमुश्त भुगतान प्राप्त होता है। पिछले फरवरी में, EPFO द्वारा इस योजना के तहत न्यूनतम आश्वासन सीमा को पहले के 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया गया था। अधिकतम बीमा लाभ 6 लाख रुपये तक सीमित है।
➲ समय से पहले निकासी का विकल्प: कर्मचारी भविष्य निधि खाता धारक समय से पूर्व विशिष्ट आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जैसे कि चिकित्सा उपचार, गृह ऋण पुनर्भुगतान और बेरोजगारी के लिए ,धन की निकासी कर सकते हैं।
➲ उच्च रिटर्न: भविष्य निधि खाते पर मिलने वाला ब्याज चक्रवर्ती ब्याज होता है, जो कर मुक्त भी होता है जिससे भविष्य में उच्च रिटर्न प्राप्त होते हैं।
इसके अलावा यह दीर्घकालिक वित्तीय नियोजन में सहायता करता है। इसमें एकमुश्त राशि निवेश करने की कोई आवश्यकता नहीं है। कर्मचारियों के वेतन में नियमित आधार पर कटौती की जाती है, जिससे उन्हें समय के साथ महत्वपूर्ण राशि बचाने में मदद मिलती है। यह आपात्कालीन स्थिति में किसी कर्मचारी की वित्तीय सहायता करने में सक्षम हो सकता है। यह सेवानिवृत्ति के लिए पैसे बचाने और स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने में सहायता करता है।
आइए अब जानते हैं कि कर्मचारी भविष्य निधि की कार्यप्रणाली क्या है?
वास्तव में EPF के उद्देश्य तीन स्तंभों पर आधारित हैं:

➲ सेवानिवृत्ति लाभों के लिए धन का संचय
➲ 58 वर्ष की उम्र के बाद कर्मचारी पेंशन
➲ कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना
कर्मचारी भविष्य निधि के लिए नियोक्ता और कर्मचारी दोनों अपनी आय (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) का 12% EPF में योगदान करते हैं। इस धन को EPF और EPS (कर्मचारी भविष्य योजना) के बीच बांटा जाता है, अर्थात कर्मचारी का पूरा योगदान EPF में जाता है। जबकि नियोक्ता के योगदान का केवल 3.67% EPF में जाता है और शेष कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है। योजना ऑफिस (EPFO) ने प्रत्येक सदस्य को एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (Universal Account Number (UAN) आवंटित किया है, जो नौकरी बदलने पर भी वही रहता है। UAN सुनिश्चित करता है कि कर्मचारी सेवानिवृत्ति तक बिना किसी हानि के एक खाते से दूसरे खाते में धनराशि स्थानांतरित कर सकते हैं। आइये अब कर्मचारी पेंशन योजना के विषय में विस्तार से जानते हैं।
कर्मचारी पेंशन योजना (Employee Pension Scheme (EPS) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा प्रदान की जाने वाली एक योजना है जो पात्र कर्मचारियों को पेंशन प्रदान करती है। यह योजना 15,000 रुपये तक वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है और उनकी सेवानिवृत्ति के वर्षों के दौरान वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है। EPS के तहत, नियोक्ता कर्मचारी के वेतन का 8.67%, अधिकतम 1250 रुपये तक, कर्मचारी के ईपीएस खाते में योगदान देता है। यह धनराशि कर्मचारी की सेवा अवधि के दौरान जमा की जाती है एवं सेवानिवृत्ति के बाद उसे पेंशन के रूप में प्रदान की जाती है।
EPS की एक अनूठी विशेषता यह है कि इस योजना में केवल नियोक्ता ही योगदान देता है। हालाँकि, पेंशन कर्मचारी को 58 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद देय है। वैकल्पिक रूप से, कर्मचारी 50 वर्ष की आयु तक पहुंचने के बाद शीघ्र पेंशन का भी लाभ उठा सकते हैं। यदि किसी कर्मचारी ने दस साल की सेवा पूरी नहीं की है या 50 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली है, तो एकमुश्त निकासी की जा सकती है।
पेंशन का भुगतान कर्मचारी के पूरे जीवनकाल में किया जाता है, और कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में, पेंशन का भुगतान उनके नामांकित व्यक्ति को किया जाता है। भुगतान की गई पेंशन की राशि की गणना कर्मचारी की सेवा की अवधि और सेवा के अंतिम 12 महीनों में औसत मासिक वेतन के आधार पर की जाती है।

अंतर बिंदु EPF EPS
योजना में योगदान EPF में एक कर्मचारी का योगदान उनके वेतन और महंगाई भत्ते का 12% होता है, जबकि नियोक्ता वेतन और महंगाई भत्ते का 3.67% योगदान देता है। इस योजना में कर्मचारी का कोई योगदान नहीं होता, जबकि नियोक्ता का योगदान वेतन और महंगाई भत्ते का 8.33% होता है।
अंशदान सीमा इसमें निवेश की कोई निश्चित सीमा नहीं होती। इसमें मासिक योगदान ₹1250 तक सीमित है।
प्रयोज्यता EPF सभी कर्मचारियों के लिए सुलभ है। ईपीएस केवल उन कर्मचारियों को उपलब्ध है जिनका वेतन और महंगाई भत्ता 15,000 रुपये से कम है।
खाते से निकासी कर्मचारी EPF योजना से धन की निकासी कर सकते हैं। यदि पांच वर्ष की सेवा पूरी करने से पहले निकासी की जाती है तो निकाली गई धनराशि पर कर लगाया जाता है। यदि कर्मचारी 60 दिनों की निर्बाध अवधि के लिए बेरोज़गार रहते हैं तो संपूर्ण EPF राशि निकाली जा सकती है। यदि सदस्य ने 10 वर्ष से कम की सेवा पूरी कर ली है या यदि वे 58 वर्ष की आयु तक पहुँच चुके हैं, जो भी पहले हो, तो शीघ्र एकमुश्त निकासी की अनुमति है। शीघ्र पेंशन प्राप्त करने के लिए, कर्मचारी की आयु 50 वर्ष होनी चाहिए।
देय लाभ सेवानिवृत्ति के बाद 58 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर या कर्मचारी के 60 दिनों की निर्बाध अवधि तक बेरोजगार रहने पर एकमुश्त लाभ देय हो जाता है। जब कर्मचारी 58 वर्ष का हो जाता है तो नियमित पेंशन देय हो जाती है। कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में, पेंशन नामित व्यक्ति को वितरित की जाती है।
ब्याज EPF खाते में शेष राशि पर एक निश्चित दर से ब्याज मिलता है, जिसकी समीक्षा और निर्धारण सरकार हर तिमाही में करती है। वर्तमान वार्षिक ब्याज दर 8.15% है। EPS खाते पर कोई ब्याज नहीं मिलता है।
कर लाभ निवेश राशि, उत्पन्न रिटर्न और भुगतान राशि कर से पूरी तरह मुक्त होती है। चूंकि कर्मचारी EPS में कोई योगदान नहीं करते हैं, इसलिए वे अपने निवेश पर किसी भी कर लाभ के लिए पात्र नहीं हैं। योजना से कोई भी एकमुश्त निकासी कर योग्य है, और योजना के तहत प्राप्त पेंशन भी कराधान के अधीन है।


संदर्भ
https://shorturl.at/bkmU6
https://shorturl.at/jpC04
https://shorturl.at/lnD08
https://shorturl.at/grxF3
https://shorturl.at/aelKT
https://rb.gy/90r1ge
https://rb.gy/mkc2cr

चित्र संदर्भ
1. कर्मचारी भविष्य निधि बनाम कर्मचारी पेंशन योजना को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia, Wallpaper Flare)
2. कर्मचारी भविष्य निधि के लोगो को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. भारतीय कर्मचारियों को दर्शाता एक चित्रण (Wallpaper Flare)
4. एक वृद्ध के हाथ को दर्शाता एक चित्रण (Wallpaper Flare)



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