Post Viewership from Post Date to 30-Dec-2023 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1822 308 2130

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

लखनऊ में प्रदर्शित,कला व वास्तुकला के एकीकरण को दर्शाते,लैटिन अमेरिका के ओविएडो वेगा के चित्र

लखनऊ

 29-11-2023 09:48 AM
द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

‘कला एवं वास्तुकला’ के बीच एकीकरण का विचार, इस विद्या की उत्पत्ति से ही मिलता है। हालांकि, बीसवीं सदी की शुरुआत में अवंत-गार्डे आंदोलन(Avant-Garde movement) के दौरान, इस एकीकरण ने एक नया अर्थ और सामाजिक उद्देश्य प्राप्त किया, जो आज आधुनिकतावाद(Modernism) की सबसे परिभाषित विशेषताओं में से एक बन गया है।
दरअसल कला के उपभोक्ता के भावनात्मक जीवन को आकार देने हेतु, एक उपकरण के रूप में, कलात्मक अभिव्यक्ति का उपयोग किया जाता है। इसमें कला एवं वास्तुकला संयुक्त रूप से एक नया अर्थ दे सकते हैं, जो कला के कार्य और तकनीक के अलावा भी, किसी समुदाय की भावना का प्रतिनिधित्व करने वाली जगह भी प्रदान कर सकता है। जर्मनी(Germany) में उभरे बॉहॉस कला शैली (Bauhaus Art school)में, व्यावसायिक और औद्योगिक विकास को“पद्धति-उपदेशात्मक तर्कवाद” कहा जाता है, जो गेसमट कुंस्टवर्क(Gesamt kunstwerk) के माध्यम से सभी कलाओं के एकीकरण को प्रोत्साहित करता है।इसमें वास्तुकला, चित्रकला, मूर्तिकला, औद्योगिक डिज़ाइन और शिल्प शामिल है। बॉहॉस शैली के अलावा, इन दोनों विषयों के बीच यह एकीकरण, तथा विशेष रूप से, वास्तुकला की औपचारिक अवधारणाओं के साथ, चित्रकला और मूर्तिकला के तत्वों के संयोजन की परिकल्पना फ़्रांस के कलाकार ले कोर्बुसीयर(Le Corbusier) द्वारा लाई गई थी। कोर्बुसीयर ने तर्क दिया था कि,वास्तविक दुनिया में यानी निर्माण स्थल पर, वास्तुकारों, चित्रकारों और मूर्तिकारों की भूमिकाएं समान महत्व की थीं।
वास्तुकला में कला को सम्मिलित करते हुए, किसी आदर्श लक्ष्य– परियोजना की शुरुआत से ही, सभी विषयों को एकीकृत करना होता है। साथ ही, डिज़ाइन प्रक्रिया के बाद भी, कलाकारों द्वारा अंतिम इच्छित परिणाम से समझौता नहीं होता है।इसका एक अच्छा उदाहरण,ब्रासीलिया(Brasília) में राष्ट्रीय कांग्रेस में,सलाओ नीग्रो(Salão Negro)कक्ष है। यहां परियोजना समाप्त होने के बाद,एक कलाकार ने फर्श पर काले ग्रेनाइट(Granite)तथा दीवारों पर सफेद संगमरमर का उपयोग करके एक अमूर्त और सरल डिज़ाइन बनाया है। परिणामस्वरूप, वास्तुकला और निर्माण सामग्री के साथ पूरी तरह से एकीकृत एक भित्ति चित्र तैयार हुआ। आधुनिकतावाद के इतिहास में, कला और वास्तुकला के बीच एकीकरण के सबसे महत्वपूर्ण उदाहरणों में से एक, मेक्सिको सिटी(Mexico City) का यूएनएएम परिसर(UNAM Campus)है।यह परिसर मेक्सिको में सबसे प्रतीकात्मक वास्तुशिल्प उपलब्धियों में से एक है। वैसे भी मेक्सिको, वास्तुकला में कला को शामिल करने में, अग्रणी माना जाता है। इस विश्वविद्यालय परिसर को 100 से अधिक वास्तुकारों, इंजीनियरों(Engineers), कलाकारों और लैंडस्केप डिजाइनरों(Landscape designers) द्वारा डिजाइन किया गया था। एक अलग पैमाने पर,कभी-कभी व्यक्तिगत तत्वों,को शामिल करने के माध्यम से भी, कला और वास्तुकला के बीच एकीकरण संभव है। इसका उदाहरण, मीज़ वैन डेर रोह (Mies van der Rohe) द्वारा निर्मित प्रतिष्ठित बार्सिलोना पवेलियन(Barcelona Pavilion)है।ऐसे विभिन्न विषयों के एकीकरण के हर रूप में, वास्तुकारों, चित्रकारों और मूर्तिकारों के बीच एक सुसंगत संवाद शामिल होता है। इस एकीकरण को कुछ अन्य कलाकारों ने भी प्रसिद्ध किया है। रोडोल्फो ओविएडो वेगा(Rodolfo Oviedo Vega)के काम में अक्सर ही, वास्तुशिल्प तत्व दिखाई देते हैं। इसमें रेलिंग(Railings), खिड़कियां, मेहराब आदि तत्व फीके रंगों में होते है, जो उनकी ज्यामितीय संरचना पर जोर देते हैं। साथ ही यह, शहरी स्थान और निर्माण में वेगा की रुचि भी दिखाते हैं। उनके ये कार्य हमें, इमारतों की सौंदर्य संबंधी संभावनाओं, उनके स्तरों एवं आयतनों तथा समकालीन शहरों के स्थापत्य रूपों की खोज में ले जाते हैं। शहरी वास्तुकला के साथ यह जुड़ाव उनके मूल एवं लैटिन अमेरिका(Latin America) के सबसे शहरीकृत देश, एल साल्वाडोर(El Salvador) से संबंध का भी सुझाव देता है।
ओविएडो वेगा की कला, विरोधाभास और कुछ अंतर्विरोधों में से एक है। पहली नज़र में उनकी चित्रकारी मंद लग सकती हैं, परंतु, करीब से निरीक्षण करने पर,वह अपनी बनावट में आश्चर्यजनक रूप से विविध हो जाती है।
वेगा ने पूरी दुनिया की यात्रा की है, और इस प्रकार, उन्होंने उन अनुभवों और कलात्मक प्रभावों को अवशोषित किया है जो कभी-कभी उनके काम में परिलक्षित होते हैं। साथ ही, कुछ समय के लिए वे दक्षिणी भारत और बाद में पेरिस(Paris) में भी रहे।
क्या आप जानते हैं कि, हमारे शहर लखनऊ की कला स्त्रोत चित्रशाला में,पिछले वर्ष सितंबर माह में, एक छह दिवसीय कला प्रदर्शनी लगाई गई थी। इसमें इसी प्रशंसित कलाकार–ओविएडो वेगा की गुलाबी व भूरे ऐक्रेलिक रंग(Acrylic colour) में चित्रित, 14 पेंटिंग प्रदर्शित की गई थी।ये चित्र आधुनिक कला, कैनवस(Canvas) और लकड़ी पर बने वास्तुशिल्प डिजाइनों का एक संयोजन थे। इन चित्रों में कपड़ा, सोना, तांबा तथा मक्के की पत्ती जैसी विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का भी उपयोग किया गया था । यह प्रदर्शनी भारत एवं एल साल्वाडोर के बीच स्थापित, राजनयिक संबंधों की 44वी वर्षगांठ का जश्न मनाने के लिए भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा आयोजित की गई थी।
दूसरी ओर, गंभीर क्षेत्रवाद(Critical regionalism) एक वास्तुशिल्प दृष्टिकोण है, जो स्थानीय आवश्यकताओं, मूल इच्छाओं और क्षमता पर ध्यान केंद्रित करने वाली प्रासंगिक ताकतों का उपयोग करके, अमूर्त आधुनिकतावाद को प्रस्तुत करता है। हमारे देश भारत के महानगरीय शहरों में जैसे-जैसे आर्थिक प्रक्रिया स्थानीय निर्माण परंपराओं को बाधित और विस्थापित करती है, गंभीर क्षेत्रवाद वैश्विक आधुनिकतावाद की समरूपी ताकतों के लिए, प्रतिरोध प्रदान करता है।
वर्ष1857 से 1947 तक हमारे शहर लखनऊ में साकार की गई कुछ प्रमुख वास्तुशिल्प परियोजनाएं भी,अपने डिजाइनों में महत्वपूर्ण क्षेत्रीयता के विचारों को शामिल करती हैं। यह क्षेत्रवाद सौंदर्य संबंधी प्राथमिकताओं का कोई समूह न होकर, एक दार्शनिक ढांचा है। यह समान निर्माण-स्थान स्थितियों से उत्पन्न होने वाले, बाहरी प्रभावों के बावजूद विभिन्न प्रकार की वास्तुकला का निर्माण करने में सक्षम है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/2v6pzx6a
https://tinyurl.com/mry5tfta
https://tinyurl.com/3keunp5d
http://surl.li/nnxjf

चित्र संदर्भ
1. ओविएडो वेगा के चित्र को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
2. बॉहॉस कला शैली को दर्शाता एक चित्रण (picryl)
3. यूएनएएम परिसर को दर्शाता एक चित्रण (staticflickr)
4. साल्वाडोरन कलाकार ओविदो वेगा द्वारा निर्मित पेंटिंग को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
5. साल्वाडोरन कलाकार ओविदो वेगा द्वारा निर्मित एक अन्य पेंटिंग को दर्शाता एक चित्रण (youtube)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id