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“प्लेटोनिक ठोस”, पाँच विशेष त्रि-आयामी आकृतियों का एक समूह है। ये विशेष 3D आकार होते हैं, जिनकी सतहें और किनारे बिल्कुल समतल होते हैं। "प्लेटोनिक ठोस (Platonic Solids)" का नाम प्राचीन यूनानी विचारक प्लेटो (Plato) के नाम पर रखा गया है, जिनका मानना था कि दुनिया के मूल तत्व, जैसे अग्नि, पृथ्वी, जल और वायु, सभी इन्हीं आकृतियों से बने हैं। गणितज्ञ प्लेटो का मानना था कि “ये आकृतियाँ ब्रह्मांड की नींव बनीं।”
इन पांच आकृतियों के नाम क्रमश दिए गए हैं:
चतुष्फलक या टेट्राहेड्रोन (Tetrahedron: 4 नियमित त्रिकोणों से निर्मित, आग का प्रतीक।)
अष्टफलक या ऑक्टाहेड्रोन (Octahedron: 8 त्रिकोणों से निर्मित, हवा का प्रतीक।)
इकोसाहेड्रोन (Icosahedron: 20 त्रिकोणों से निर्मित, पानी का प्रतीक।)
घन या क्यूब (Cube: 6 वर्गों से निर्मित, पृथ्वी का प्रतीक।)
डोडेकाहेड्रोन (Dodecahedron: 12 पंचकोणों से निर्मित, स्वर्ग का प्रतीक।)
इनका अध्ययन सबसे पहले प्राचीन यूनानियों द्वारा किया गया था, प्रसिद्ध यूनानी दार्शनिक प्लेटो, प्लेटोनिक ठोस पदार्थों में बहुत रुचि रखते थे। प्लेटोनिक ठोसों का आज भी अध्ययन किया जाता है, क्योंकि वे सुंदर और दिलचस्प आकार के होते हैं। इनका उपयोग कला, वास्तुकला और गणित जैसे कई अलग-अलग क्षेत्रों में भी किया जाता है।
प्लेटोनिक ठोस ज्यामितीय आकृतियों का अस्तित्व प्राचीन काल से ही है। कुछ लोगों का मानना है कि स्कॉटलैंड (Scotland) के अंतिम नवपाषाण काल की नक्काशीदार पत्थर की गेंदें इन आकृतियों का प्रतिनिधित्व करती हैं, हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
पाइथागोरस (Pythagoras) और थेएटेटस (Theaetetus) सहित कई प्राचीन यूनानियों ने इन ठोस पदार्थों को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। थेएटेटस ने सभी पांच प्लेटोनिक ठोसों का गणितीय विवरण प्रदान किया और संभवतः साबित किया कि कोई अन्य उत्तल नियमित पॉलीहेड्रा (Polyhedra) मौजूद नहीं है। प्लेटो, दार्शनिक, जिनके नाम पर ठोस पदार्थों का नाम रखा गया है, ने अपने संवाद टिमियस (Timaeus) में चार शास्त्रीय तत्वों (पृथ्वी, वायु, जल और अग्नि) में से प्रत्येक को एक नियमित ठोस के साथ जोड़ा है। उन्होंने पांचवें प्लेटोनिक ठोस, डोडेकाहेड्रोन का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका उपयोग भगवान ने नक्षत्रों की व्यवस्था के लिए किया था।
यूक्लिड (Euclid) ने अपने काम "एलिमेंट्स (Elements)" में गणितीय रूप से प्लेटोनिक ठोसों का वर्णन किया है। प्लेटो का दृढ़ विश्वास था कि “ज्यामिति ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने की कुंजी है।” यह विश्वास इतना मजबूत था कि उनकी अकादमी के प्रवेश द्वार पर शिलालेख पर भी यह लगा हुआ था: "ज्यामिति से अनभिज्ञ कोई भी व्यक्ति यहां प्रवेश न करें"।
उन्होंने यूनानी विद्वानों को, गणित और दर्शन दोनों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी अकादमी ने पाइथागोरस के नक्शेकदम पर चलते हुए गणित को दर्शनशास्त्र के उपसमूह के रूप में पढ़ाया। इसी के बल पर प्लेटो ने "गणितज्ञों के निर्माता" की उपाधि अर्जित की, और उनकी अकादमी ने यूडोक्सस (Eudoxus), थेएटेटस (Theaetetus) और आर्किटास (Archytas) जैसे प्राचीन दुनिया के कुछ सबसे प्रतिष्ठित गणितज्ञों को भी आकर्षित किया।
कई विद्वान मानते हैं कि दार्शनिक प्लेटो भारतीय विचारधारा से प्रभावित थे। यूनानी इतिहासकारों के अनुसार, माना जाता है कि पाइथागोरस (सुकरात और प्लेटो के गुरु) ने भारत की यात्रा की थी। ऐसा माना जाता है कि कि प्लेटो और सुकरात के दार्शनिक विचार पाइथागोरस की यात्रा के दौरान भारत में प्रचलित अवधारणाओं से प्रभावित थे। उपनिषद, प्राचीन भारतीय ग्रंथ, दुनिया के पहले दार्शनिक ग्रंथ माने जाते हैं, जो दुनिया की प्रकृति, वास्तविकता और दिव्यता में गहन अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।
दिलचस्प बात यह है कि भारतीय लोग पाइथागोरस प्रमेय (Pythagoras Theorem) का उपयोग खुद पाइथागोरस के जागरूक होने से भी बहुत पहले से कर रहे थे। इसलिए, पाइथागोरस की भारत यात्रा को देखते हुए यह मान लेना अनुचित नहीं है कि “पाइथागोरस के शिष्य भारतीय विचारों से प्रभावित थे।” इसके अलावा प्राचीन काल में यूनानी सभ्यता में भारत को ज्ञान की भूमि माना जाता था। यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि सिकंदर महान ने एक ब्राह्मण ऋषि डंडामिस, जिन्हें दंडी स्वामी के नाम से भी जाना जाता है, से मिलने की कोशिश की थी। यूनानियों का मानना था कि भारतीय ऋषि, उस समय के विद्वानों में सबसे बुद्धिमान थे।
संदर्भ
https://tinyurl.com/yt5un92w
https://tinyurl.com/mrx7729t
https://tinyurl.com/mf3webkh
https://tinyurl.com/46snb534
चित्र संदर्भ
1. प्लेटोनिक ठोस को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. प्लेटो को दर्शाता एक चित्रण (Rawpixel)
3. प्लैटोनिक सॉलिड्स स्टीरियो 5 को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
4. प्लेटोनिक ठोसों के गुणों को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
5. प्लेटो और अरस्तू को दर्शाता एक चित्रण (PICRYL)
6. पाइथागोरस को दर्शाता एक चित्रण (PICRYL)
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