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काम करना कई लोगों के लिए महज एक पेशे या नौकरी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह लोगों के जीवन को एक अर्थ भी देता है। । इसलिए हमारी नौकरी, कई मायनों में हमारी पहचान और हमारे जुनून को दिखाती है, और हमारे जीवन से सीधे तौर पर जुड़ी होती है। अधिकांश लोग नौकरी करके ही अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं।
तनख्वाह हमारी, राशन खरीदने, किराया या किश्त चुकाने, बिल भुगतान करने, हमारी सेहत को सही रखने और बच्चों की ट्यूशन फीस (Tuition Fees) देने के साथ-साथ, हमारी हॉबी या रुचि जैसे संगीत या नृत्य सीखने जैसी गतिविधियों को भी वित्तपोषित करती है। जब प्रतिभाशाली लोगों को नौकरी के सही अवसर मिलते हैं, तो वे अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं। लेकिन जब खुद नौकरी की सुरक्षा ही खतरे में पड़ जाती है, तो ऐसी स्थिति, हमारे भीतर अवसाद और तनाव पैदा कर सकती है। साथ ही यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकती है।
हर किसी का सपना होता है कि, “उसके पास एक ऐसी नौकरी हो, जो उसके खर्चों के साथ-साथ उसकी इच्छाओं की भी पूर्ति कर सके।” सही करियर (Career) की तलाश में लोग वर्षों बिता देते हैं। हम अपना आधा जीवन पढ़ाई, अच्छे ग्रेड या नंबर से पास होने और उसके बाद नौकरियों के बाज़ार में अनगिनत अन्य लोगों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में ही बिता देते हैं। ये सब हम केवल इसलिए करते हैं, “क्योंकि हमें एक स्थिर नौकरी मिल सके।” एक स्थिर नौकरी आपको गहरी मानसिक शांति प्रदान करती है।
इसे पाकर आपको अपने खर्चों के बारे सोच-सोच कर चिंता नहीं करनी पड़ती। यह इंसान को अलग-अलग चीज़ों के साथ प्रयोग करने, जोखिम लेने और बिना किसी दबाव के जीवन का आनंद लेने की अनुमति देती है। अच्छी नौकरी होने पर आप अपने बचे हुए पैसे का उपयोग व्यवसायों, स्टॉक (Stock) या परियोजनाओं में निवेश करने के लिए कर सकते हैं।
दूसरी ओर, अस्थिर (Unstable) और अनौपचारिक नौकरी (Informal Job) आपके जीवन में तनाव और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इसके अलावा आप जिस प्रकार के कार्यस्थल में काम करते हैं, वह भी आपके नौकरी करने के अनुभव को आकार दे सकता है।
कार्यस्थल, औपचारिक या अनौपचारिक दोनों हो सकते हैं। औपचारिक कार्यस्थल में, कर्मचारियों और प्रबंधक के बीच स्पष्ट कार्य समझौता (Working Agreement) होता है, जो कि कर्मचारियों का नियोक्ता के साथ एक लिखित अनुबंध या मौखिक समझौता हो सकता है। औपचारिक कार्यस्थलों पर काम करने वाले कर्मचारियों को अक्सर एक विशिष्ट ड्रेस कोड (Dress Code) का पालन करने या वर्दी पहनने की आवश्यकता होती है। दूसरी ओर अनौपचारिक कार्यस्थल में नियोक्ताओं और कर्मचारियों के बीच कोई औपचारिक कामकाजी समझौता नहीं होता है। यानी एक प्रबंधक या पर्यवेक्षक अपने कर्मचारियों के मुआवजे, घंटे और कार्य वातावरण को अपनी मर्जी से कभी भी बदल सकता है। इन कार्यस्थलों में छोटे व्यवसाय और एजेंसियां शामिल हो सकती हैं, जो फ्रीलांसरों (Freelancers) या अल्पकालिक कर्मचारियों के साथ काम करते हैं।
उदाहरण के लिए, एक किराने की दुकान को हम एक अनौपचारिक कार्यस्थल मान सकते हैं, जहां एक कर्मचारी पूरे हफ्ते दुकान चलाने में अपने मालिक की मदद करता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि, “देश के अधिकांश यानी लगभग 83% लोग असंगठित क्षेत्र में ही काम करते हैं, जबकि केवल शेष 17% श्रमिक संगठित क्षेत्र में रोजगार कर रहे हैं।” अधिकांश कर्मचारी, सटीक रूप से कहें तो 92.4%, कर्मचारी अनौपचारिक हैं, यानी उनके पास कोई लिखित अनुबंध, सवैतनिक अवकाश या अन्य लाभ हासिल नहीं हैं। दिलचस्प बात यह है कि संगठित क्षेत्रों में भी 9.8% अनौपचारिक श्रमिक हैं, जो अनुबंध के तहत काम करते हैं। इससे देश में कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग (Outsourcing) की व्यापकता का पता चलता है। वर्ष 2017-18 में असंगठित क्षेत्र की रोज़गार हिस्सेदारी में 3.6 प्रतिशत अंक की वृद्धि हुई। दूसरी ओर, औपचारिक रोज़गार में भी 0.9 प्रतिशत अंक की मामूली वृद्धि देखी गई।
चलिए नीचे दी गई तालिका की मदद से इस स्थिति को बेहतर ढंग से समझने की कोशिश करते हैं।
नई नौकरी की तलाश करने से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आपको अंशकालिक (Part Time) नौकरी करनी चाहिए या आप पर पूर्णकालिक (Full Time) नौकरी सूट करेगी। पूर्णकालिक नौकरियों के तहत आपको कार्यालय में अधिक घंटे तक काम करना पड़ सकता है, लेकिन इसके तहत आपको अधिक लाभ और भत्तों की सुविधा मिल जाती है। पूर्णकालिक कर्मचारी आमतौर पर सप्ताह में 30 से 40 घंटे काम करते हैं, जबकि अंशकालिक कर्मचारी 30 घंटे से कम काम करते हैं।
पूर्णकालिक श्रमिकों को आमतौर पर अंशकालिक श्रमिकों की तुलना में अधिक लाभ मिलते हैं। जैसे:
➲ पूर्णकालिक कर्मचारियों को आमतौर पर एक निश्चित वेतन दिया जाता है और उन्हें नियमित रूप से भुगतान किया जाता है। इससे उनके लिए अपने बजट को प्रबंधित करना आसान हो जाता है।
➲ कई नियोक्ता अपने पूर्णकालिक कर्मचारियों को स्वास्थ्य, दंत चिकित्सा और जीवन बीमा जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान करते हैं।
➲ पूर्णकालिक कर्मचारियों को अक्सर दीर्घकालिक निवेश के रूप में देखा जाता है, तथा उनकी पदोन्नति की संभावना अधिक होती है।
➲ पूर्णकालिक नौकरियों में आमतौर पर एक सुसंगत कार्यक्रम होता है, जिससे आपके लिए भविष्य की योजना बनाना आसान हो सकता है।
➲ कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को सीखने और बढ़ने में मदद करने के लिए प्रशिक्षण और कार्यशालाएं भी प्रदान करती हैं।
➲ पूर्णकालिक काम करने से आप अपने सहकर्मियों के साथ अच्छे संबंध बना सकते हैं।
➲ पूर्णकालिक कर्मचारियों को अक्सर मुफ्त नाश्ता, पार्किंग और फिटनेस सेंटर (Parking And Fitness Center) जैसी कार्यालय सुविधाएं भी मिलती हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/mrsah75z
https://tinyurl.com/477anpv3
https://tinyurl.com/mvh4n7ys
https://tinyurl.com/5n7yb534
https://tinyurl.com/2wumha64
चित्र संदर्भ
1. एक रोबोटिक वर्कशॉप को दर्शाता एक चित्रण (PICRYL)
2. कार्यस्थल को दर्शाता एक चित्रण (pxhere)
3. दिहाड़ी करती महिला को दर्शाता एक चित्रण (pxhere)
4. एक किराना दुकान को दर्शाता एक चित्रण (Wikimedia)
5. एक कार्यालय को दर्शाता एक चित्रण (Pexels)