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पेड़ों की छाल के फायदे गिनते-गिनते थक जाएंगे आप!

लखनऊ

 20-11-2023 09:58 AM
पेड़, झाड़ियाँ, बेल व लतायें

आपने "आम तो आम, गुठलियों के भी दाम", यह कहावत अवश्य सुनी होगी। इस कहावत का प्रयोग आमतौर पर किसी ऐसी वस्तु के लिए किया जाता है, जिसके प्रत्येक भाग का आप इस्तेमाल कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर किसी पेड़ के अधिकांश भागों का प्रयोग किया जा सकता है। आमतौर पर अधिकांश पेड़ों की जड़ों से लेकर उनकी पत्तियों तक उनके प्रत्येक भाग का प्रयोग किसी न किसी उद्द्येश्य के लिए किया जा सकता है। यहां तक पेड़ों की छाल भी हमारे बहुत काम आ सकती है।
पेड़ों, पौधों, झाड़ियों और लताओं की बाहरी परत को “छाल” कहा जाता है। छाल के स्वयं दो (आंतरिक छाल, बाहरी छाल) भाग होते हैं। इंसान सदियों से, पेड़ों से लकड़ी और इसकी छाल का प्रयोग विभिन्न प्रयोजनों के लिए करते आ रहे हैं। विभिन्न पेड़ प्रजातियों की छाल का पारंपरिक और आधुनिक, दोनों तरीकों से अच्छा उपयोग किया जा सकता है। विश्व स्तर पर हर साल लगभग 3.6 बिलियन क्यूबिक मीटर लकड़ी की कटाई की जाती है। यदि हम इसमें से लगभग 10% हिस्से को भी छाल मानकर चलते हैं, तो इसका मतलब है कि सालाना लगभग 360 मिलियन क्यूबिक मीटर छाल का उत्पादन होता है।
पहले के समय में इस छाल का अधिकांश हिस्सा, यूं ही फेंक दिया जाता था। आज भी अकेले कैलिफोर्निया (California) की आरा मिलों में हर साल तकरीबन 2.2 से 2.6 मिलियन टन छाल का उत्पादन किया जाता है। कनाडा में, प्रतिवर्ष 17 मिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक छाल का उत्पादन किया जाता है, जिसमें से आधे से अधिक को जला दिया जाता है या फेंक दिया जाता है। एक पेड़ से निकलने वाली छाल की मात्रा अलग-अलग हो सकती है। यह पेड़ के कुल द्रव्यमान का 5 से 28% तक हो सकती है। पेड़ से निकलने वाली छाल की मात्रा पेड़ की प्रजाति, उसकी उम्र और पर्यावरणीय स्थितियों सहित, कई कारकों पर निर्भर करती है। कुछ पेड़ों, जैसे ओक, चिनार और काले टिड्डे में छाल का अनुपात विशेष रूप से अधिक होता है। छाल का अनुपात लकड़ी की गुणवत्ता और आर्थिक मूल्य को भी प्रभावित कर सकता है। प्राचीन समय में लोग छाल का उपयोग उसी तरह करते थे, जैसे कि वे पेड़ के अन्य भागों का उपयोग करते थे। उदाहरण के लिए, अपनी रेशेदार प्रकृति के कारण छाल, रस्सियाँ और कपड़े बनाने के लिए बहुपयोगी मानी जाती है, और यहां तक कि पेंटिंग और मानचित्र बनाने के लिए सतह के रूप में भी इनका उपयोग किया जाता है।। इसके अलावा पहले के समय में इसे शादी के उपहार के रूप में भी दिया जाता था। स्कैंडिनेविया (Scandinavia) में लोग सर्दियों के दौरान, भोजन के रूप में विभिन्न पाइन प्रजातियों (Pine Species) के पेड़ों की छाल का सेवन करते थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि नॉर्वे (Norway) में 1812 के अकाल के दौरान, भोजन के रूप में खाल, बहुत उपयोगी साबित हुआ था। टिड्डी (Locust), विलो (Willow), एल्म (Elm) और ओक (Oak) जैसे विभिन्न पेड़ों की छाल का उपयोग, लोक चिकित्सा में बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। साथ ही इनका उपयोग इत्र बनाने और औषधि विज्ञान में भी किया जाता है। उदाहरण के लिए, चोंड्रोडेंड्रोन टोमेंटोसम (Chondrodendron Tomentosum) की छाल का उपयोग सर्जरी के दौरान मांसपेशियों को राहत देने वाले यौगिक के रूप में किया जाता है। फ्रेंगुला अलनस (Frangula Alnus) की छाल में एंटीवायरल (Antiviral), एंटीफंगल (Antifungal) और रेचक गुण होते हैं। सैलिक्स अल्बा (Salix Alba) और एस. फ्रैगिलिस (S. Fragilis) की छाल उत्कृष्ट दर्द निवारक साबित होती है और बुखार को कम करती है। एस्कुलस हिप्पोकैस्टेनम (Aesculus Hippocastanum) की छाल का उपयोग दस्त, बवासीर और त्वचा संबंधित समस्याओं के निवारण के लिए किया जा सकता है। अफ़्रीकी वारबर्गिया सैलुटारिस (African Warburgia Salutaris) की छाल और पत्ती का उपयोग पारंपरिक रूप से सर्दी के लक्षणों और खांसी के इलाज के लिए किया जाता है। हाल के वर्षों में कच्चे माल की कमी के कारण छाल जैसे वैकल्पिक ईंधन की मांग भी बढ़ती जा रही है। कच्चे माल की कमी के कारण हमें वैकल्पिक ईंधन की तलाश करनी होगी। छाल, जो यूरोपीय जंगलों में प्रचुर मात्रा में पाई जाती है, इस संदर्भ में संभावित रूप से ऊर्जा का अच्छा स्रोत साबित हो सकती है। पूरी तरह सूखने पर 10 टन छाल को जलाने से 7 टन कोयले के बराबर गर्मी उत्पन्न होती है। हालाँकि, छाल में अक्सर नमी की मात्रा अधिक होती है, जिससे इसकी ऊर्जा दक्षता कम हो जाती है। यदि नमी की मात्रा 60% से अधिक हो, तो छाल प्रभावी ढंग से नहीं जल सकती।
छाल का उपयोग ब्रिकेट (Briquettes) बनाने के लिए भी किया जा सकता है, जिसे आमतौर पर पुआल और चूरा के साथ मिलाया जाता है। छाल कृषि में उपयोगी साबित होती है। छाल से मल्चिंग (Mulching ) करने पर पानी के वाष्पीकरण को कम करने में मदद मिलती है। यह संघनन को रोककर, जल अवशोषण को बढ़ाकर और कटाव को कम करके मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार करती है। हालांकि, अपनी उच्च रासायनिक सामग्री और वितरण लागत के कारण सभी प्रकार की छालें मल्चिंग के लिए उपयुक्त नहीं होती हैं। छाल की इन्हीं सब उपयोगिताओं को समझते हुए कई प्रमुख लकड़ी प्रसंस्करण कंपनियां भी छाल प्रसंस्करण संयंत्रों (Bark Processing Plants) के निर्माण में भारी निवेश कर रही हैं। छाल के बारे में जागरूकता और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए, वन उत्पाद अनुसंधान सोसायटी की छाल उपयोग समिति, सर्वोत्तम छाल उत्पाद के लिए वार्षिक पुरस्कार भी देती है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/3d3rxb79
https://tinyurl.com/3b695e3u
https://tinyurl.com/meyyx7sh
https://tinyurl.com/3v3ujw59

चित्र संदर्भ
1. पेड़ों की छाल निकालते व्यक्ति को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
2. वृक्ष अनुप्रस्थ काट को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
3. पाइनस थुनबर्गी की छाल अनगिनत चमकदार परतों से बनी होती है। को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
4. छाल से निर्मित रस्सी को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
5. छाल के ढेर को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
6. खोकली छाल को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



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