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प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, कई भारतीय सैनिकों ने ब्रिटिश सेना की ओर से लिए लड़ाई लड़ी। इस दौरान, ग्रीस के थेसालोनिकी (Thessaloniki) नामक हलचल भरे शहर में, ब्रिटिश सैनिकों सहित एक बहुराष्ट्रीय बल,ओरिएंट सेना (Orient Army) को जर्मन और बल्गेरियाई सैनिकों का मुकाबला करने के लिए तैनात किया गया था। इस विविध टुकड़ी में लगभग 520 भारतीय सैनिक भी थे; ये सभी सैनिक निचली जातियों के थे और गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते थे! इन सभी सैनिकों ने अपनी मातृभूमि से दूर, जर्मनों और बल्गेरियाई लोगों के खिलाफ मित्र राष्ट्रों (Allies) की ओर से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी। जान गवाने वाले भारतीय सैनिकों को अन्य सैनिकों से अलग थेसालोनिकी के भारतीय कब्रिस्तान (Indian Cemetery Of Thessaloniki) नामक एक अलग भूखंड में दफनाया गया था। ऐसा संभवतः इसलिए किया गया था क्यों कि कई भारतीय सैनिक ईसाई नहीं थे, और उस समय विभिन्न धर्मों के लोगों को अलग-अलग कब्रिस्तानों में दफनाने की प्रथा थी। इस कब्रिस्तान को 1916 और 1920 के बीच बनाया गया था। इसमें दो खंड (एक दफन के लिए और एक दाह संस्कार के लिए) हैं। यहां 200 से अधिक भारतीय सैनिकों का उनकी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया।
थेसालोनिकी में दफनाए गए लगभग 74% भारतीय सैनिक, हिंदू थे और इनमें से 20% निचली जाति के थे। उन्हें अक्सर शारीरिक श्रम वाली नौकरियों में नियोजित किया जाता था। उच्च जाति हिंदुओं के सैनिक या ड्राइवर होने की संभावना अधिक थी। इसके अलावा थेसालोनिकी में मरने वाले भारतीयों में 20% मुसलमान थे। अधिकांश मुसलमान सहायक कर्मचारी थे। थेसालोनिकी में कुछ ईसाइयों और गोरखा सैनिकों को भी दफनाया गया।
थेसालोनिकी का भारतीय कब्रिस्तान, वहां दफनाए गए सैनिकों की अनोखी विविधता को दर्शाता है। इसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों दफन परंपराओं के तत्व शामिल हैं! यहां पर अंतिम संस्कार के अवशेष और दफनियां एक साथ मौजूद हैं। कब्रों पर विविध भाषाओं में शिलालेख लिखे गए हैं, जिनमें से कुछ अरबी में और कुछ पंजाबी में लिखे गए हैं। थेसालोनिकी के भारतीय कब्रिस्तान की देखभाल और रखरखाव की जिम्मेदारी अब राष्ट्रमंडल युद्ध कब्र आयोग की है।
अपनी अलग पृष्ठभूमि और मान्यताओं के बावजूद, थेसालोनिकी में दफनाए गए सभी भारतीय सैनिक एक ही उद्येश्य के साथ आगे बढ़ रहे थे। गोरखा सैनिक “खुखरी” नामक चाकू के हुनर और कुशलता के लिए जाने जाते थे। भारतीय सैनिकों को नायक, हवलदार या सूबेदार जैसी भारतीय उपाधियाँ प्राप्त थीं। हालांकि इनमे से कोई भी भारतीय उच्च पदस्थ या कमीशन प्राप्त अधिकारी नहीं था। मृतकों में से कुछ रॉयल फील्ड आर्टिलरी (Royal Field Artillery) जैसी ब्रिटिश इकाइयों के साथ काम कर रहे थे, लेकिन अधिकांश भारतीय (24वीं पंजाबी, 10वीं जाट, भोपाल इन्फैंट्री, या 6वीं गोरखा राइफल्स) जैसी भारतीय इकाइयों से थे। 80वीं कर्नाटक इन्फैंट्री (Karnataka Infantry) नामक एक इकाई दक्षिण भारत से भी पहुंची थी।
इन सैनिकों ने 1918 के बाद रॉयल आर्टिलरी (Royal Artillery), भरतपुर और इंदौर के परिवहन कोर, खच्चर / म्यूल कोर (Mule Core) और कुछ भारतीय रेजिमेंटों सहित विभिन्न इकाइयों में सेवा की। कब्रिस्तान में मोनास्टिर रोड इंडियन मेमोरियल (Monastir Road Indian Memorial) नामक एक स्मारक भी है, जिसमें प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मैसेडोनिया (Macedonia) में मारे गए 150 से अधिक भारतीय सैनिकों के नाम सूचीबद्ध हैं। उनकी कब्रों को चिह्नित या स्थानांतरित नहीं किया जा सका। उनकी कब्रें इस संघर्ष के दौरान भारतीय सहित दुनिया भर के सैनिकों द्वारा युद्ध में किए गए बलिदानों की याद दिलाती हैं। आयोग की जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना होती है कि कब्रिस्तान को वहां दफन किए गए भारतीय सैनिकों की स्मृति का सम्मान करते हुए सम्मानजनक स्थिति में रखा जाए।
2007 में एथेंस में द्वितीय विश्व युद्ध में लड़ते हुए शहीद हुए भारतीय सैनिकों के सम्मान में एक समारोह आयोजित किया गया था। उस समय भारत के राष्ट्रपति रहे एपीजे अब्दुल कलाम ने भी इस समारोह में भाग लिया और सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों ने कई लड़ाइयाँ लड़ीं, जिनमें मोंटे कैसीनो, मध्य इटली और गोथिक लाइन की लड़ाइयाँ शामिल थीं। जर्मनों को पराजित करने के बाद, इन देशों में स्थिरता लाने के लिए भी उन्हें ग्रीस भेजा गया था। एथेंस के पास फेलेरोन युद्ध कब्रिस्तान में 56 से अधिक भारतीय सैनिकों को दफनाया गया है। उनकी कब्रों को क्रॉस से चिह्नित किया गया है, और उनके नाम एक स्मारक पर सूचीबद्ध हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/muvajphf
https://tinyurl.com/nwn7cr8x
https://tinyurl.com/5yyy9dwj
https://tinyurl.com/4yew68d7
https://tinyurl.com/37nwm4c3
चित्र संदर्भ
1. ला चैपेलेट में ब्रिटिश और भारतीय कब्रिस्तान को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
2. थेसालोनिकी, ग्रीस के ज़ेजटिनलिक कब्रिस्तान, को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
3. प्रथम विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों को दर्शाता एक चित्रण (GetArchive)
4. मेसोपोटामिया अभियान के दौरान एक भारतीय सैनिक को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
5. प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रेलरोड का निर्माण करते भारतीय सैनिकों को दर्शाता एक चित्रण (picryl)
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