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गठिया रोग के इलाज में प्रयुक्त होने वाली एस्पिरिन(Aspirin) दवा की कैसे हुई खोज?

लखनऊ

 04-11-2023 10:04 AM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

जर्मनी(Germany) देश के एक रसायनज्ञ(Chemist) फेलिक्स हॉफमैन(Felix Hoffmann) ने मुख्य रूप से दो दवाओं का संश्लेषण किया है। वे दो दवाएं एस्पिरिन(Aspirin) और हेरोइन(Heroin) नामक एक अवैध पदार्थ हैं। ये दोनों दवाएं उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध में, रसायनज्ञों द्वारा नई दवाओं के खोज प्रयासों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इस दिशा में, एक दृष्टिकोण शारीरिक रूप से ज्ञात एवं सक्रिय पदार्थों को संशोधित करना था। जबकि, दूसरा दृष्टिकोण, कृत्रिम रंग उद्योग के उत्पादों या उप-उत्पादों के रूप में, बनाए गए असंख्य कार्बनिक यौगिकों में से कुछ यौगिकों पर, रासायनिक संचालन करना था।
वर्ष 1897 की गर्मियों में, हॉफमैन शारीरिक रूप से सक्रिय पदार्थों की शक्ति में सुधार या विषाक्तता को कम करने की उम्मीद के साथ, सभी प्रकार के अणुओं में एसिटाइल समूह(Acetyl group – CH3CO) जोड़ रहे थे। ‘एसिटिलेटिंग(Acetylating)’ अणुओं की यह रणनीति, दवा निर्माण वाली,रणनीति फ्रेडरिक बायर एंड कंपनी(Friedrich Bayer & co), जहां हॉफमैन कार्यरत थे, की कुछ पहली दवाओं में भी मौजूद थी। एस्पिरिन दवा के इतिहास में, एक किंवदंती है कि, हॉफमैन अपने पिता के गठिया(Rheumatic disease) के दर्द को कम करने के लिए एक दवा की खोज कर रहे थे। तब उन्होंने सैलिसिलिक एसिड(Salicylic acid), जो विलो(Willow) पेड़ की छाल(Bark) और कुछ अन्य पौधों में पाया जाने वाला एक आम औषधीय घटक है, को एसिटाइलेट किया था। प्राचीन काल से ही, अर्थात कम से कम 2,400 वर्षों से ही, इसके स्वास्थ्य प्रभावों के लिए विलो छाल के दर्द निवारक और बुखार कम करने वाले गुण सर्वज्ञात थे। और, उन्नीसवीं शताब्दी की शुरुआत में, कई रसायनज्ञों द्वारा सैलिसिलिक एसिड को इस पेड़ की छाल से पृथक किया गया था। हालांकि, सैलिसिलिक एसिड के कुछ दुष्प्रभाव भी थे। इससे पेट में जलन पैदा होती थी और कुछ मरीज़ इसे सहन करने में असमर्थ थे।
दरअसल, हॉफमैन ने 10 अगस्त 1897 को, शुद्ध एसिटाइल सैलिसिलिक एसिड का पहला नमूना तैयार किया था। जैसे ही, हॉफमैन एसिटाइल सैलिसिलिक एसिड का उत्पादन करने में सफल हुआ, बायर कंपनी की एक प्रयोगशाला के प्रमुख हेनरिक ड्रेसर(Heinrich Dreser) ने स्वयं ही, विषाक्तता के लिए इस पदार्थ का परीक्षण किया। फिर बाद में, उन्होंने पशुओं पर भी इसके कुछ प्रयोग किए। अतः, तब जाकर एसिटाइल सैलिसिलिक एसिड को ‘एस्पिरिन’ यह नाम दिया गया था। फिर, बायर कंपनी ने यह पहचानते हुए कि, एस्पिरिन में संभावित मुनाफ़ा है, दुनिया भर में इस दवा का विपणन किया। आज भी, यह दवा काफ़ी लोकप्रिय बनी हुई है। दूसरी ओर, अब कुछ ऐसे सबूत सामने आए हैं, जो इंगित करते हैं कि, बायर कंपनी के अन्य कर्मचारी तथा हॉफमैन के सहयोगी, आर्थर इचेनग्रुन(Arthur Eichengrün) एवं हेनरिक ड्रेसर ने एस्पिरिन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, आर्थर को इस कहानी से दूर रखा गया था, क्योंकि, वह एक यहूदी थे। जबकि, इस बात एवं कथनों पर अभी भी विवाद चल रहे हैं। फिर भी, आज, दुनिया भर में सालाना 70 मिलियन पाउंड(Pound) से अधिक एस्पिरिन का उत्पादन होता है। और, केवल अमेरिका(America) में ही, प्रति वर्ष 15 बिलियन से अधिक एस्पिरिन गोलियों का उपभोग किया जाता हैं।
दरअसल, 1853 में ही, रसायनज्ञ चार्ल्स फ्रेडरिक गेरहार्ड(Charles Frédéric Gerhardt) ने पहली बार एसिटाइलसैलिसिलिक एसिड का उत्पादन करने हेतु, एसिटाइल क्लोराइड(Acetyl chloride) के साथ सोडियम सैलिसिलेट(Sodium salicylate) दवा का उपचार किया था। जबकि, इससे अगले 50 वर्षों में, अन्य रसायनज्ञों ने भी इसकी रासायनिक संरचना स्थापित की और अधिक कुशल उत्पादन विधियां बनाई। जिसमें, हॉफमैन की खोज भी शामिल है।
आइए, चूंकि अब हमनें इस दवा का इतिहास जान लिया है, अब इसके बारे में जानते हैं। एस्पिरिन एक नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा(Nonsteroidal anti-inflammatory drug–NSAID) है। इसका उपयोग दर्द, बुखार और/या सूजन को कम करने एवं एक एंटीथ्रॉम्बोटिक(Antithrombotic) के रूप में किया जाता है। सूजन संबंधी विशिष्ट स्थितियां जिनके इलाज के लिए एस्पिरिन का उपयोग किया जाता है, उनमें कावासाकी रोग(Kawasaki disease), पेरिकार्डिटिस(Pericarditis) और गठिया बुखार शामिल हैं। सिरदर्द और मामूली दर्द पर इलाज के अलावा, एस्पिरिन कई अन्य स्वास्थ्य स्थितियों में अद्भुत काम करने के लिए, सिद्ध है। दिल के दौरा से ख़तरा होने वाले लोगों को प्रतिदिन, एक एस्पिरिन लेने की सलाह दी जाती है। और, इसका उपयोग स्ट्रोक(Stroke) को रोकने एवं उसका इलाज करने के लिए किया जाता है। साथ ही, एस्पिरिन को कैंसर(Cancer), हृदय रोग, अल्जाइमर(Alzheimer), बांझपन, दाद(Herpes) तथा अंधापन के लिए भी एक शक्तिशाली दवा माना जाता है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि, लंबे समय तक एस्पिरिन लेने से बड़ी आंत के कैंसर से होने वाले मृत्यु का जोखिम, 40% से अधिक कम हो सकता है।
दूसरी ओर, स्वस्थ वृद्ध वयस्कों के एक बड़े नैदानिक परीक्षण के डेटा के अनुसार, उन लोगों में मस्तिष्क रक्तस्राव की उच्च दर पाई गई है, जो प्रतिदिन छोटी एस्पिरिन दवा लेते थे। साथ ही, उनमें स्ट्रोक के खिलाफ भी कोई महत्वपूर्ण सुरक्षा नहीं थी। छोटी एस्पिरिन, जिसे लोकप्रिय रूप से बेबी एस्पिरिन(Baby Aspirin) के नाम से जाना जाता है, प्लेटलेट्स(Platelets) के थक्के जमने की क्रिया को धीमा कर देती है, जिससे रक्त पतला हो जाता है। इससे चोटों के दौरान समस्या हो सकती है। अतः अध्ययन में कहा गया है कि, वृद्ध लोगों को, एस्पिरिन दवा लेते समय विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए। इससे इंट्राक्रानियल रक्तस्राव(Intracranial bleeding) अर्थात मस्तक में रक्तस्राव का खतरा 38% बढ़ सकता है। यह हमारे पेट की परत एवं त्वचा को भी संवेदनशील बना सकता है, और गैस्ट्रिक अल्सर(Gastric Ulcer), रक्तस्राव एवं अन्य समस्याओं को बढ़ा सकती है। अतः यदि आप स्वस्थ है, तो एस्पिरिन का उपचार किसी सही डॉक्टर के निर्देशन में ही करें। हेरोइन नामक अवैध पदार्थ(Drug) की एक अन्य कहानी है। ड्रेसर, ने सांस लेने पर, कोडीन(Codeine) के होने वाले प्रभाव पर काम किया था। तब उन्होंने कोडीन का उत्पादन करने के उद्देश्य से, हॉफमैन को एसिटिलेट मॉर्फिन(Acetylate morphine) का निर्देश दिया, जिसके परिणामस्वरूप, हेरोइन यह पदार्थ का निर्माण हुआ। लेकिन, वर्ष 1874 में एक अन्य अंग्रेजी रसायनज्ञ ने पहले ही इस यौगिक की खोज की थी। आज, हेरोइन के दुष्परिणाम पहचाने गए हैं। लेकिन, इससे पहले, इसे भारी खांसी एवं प्रसव के दर्द को कम करने, युद्ध की गंभीर चोटों से राहत देने, रोगियों को एनेस्थीसिया(Anesthesia) के लिए तैयार करने और कुछ मानसिक विकारों को नियंत्रित करने के लिए, बायर एवं अन्य कंपनियों द्वारा व्यापक रूप से बेचा जाता था। हालांकि, 1930 के दशक में, अधिकांश देशों में इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

संदर्भ
https://tinyurl.com/ys63dvr3
https://tinyurl.com/2p9mrxvf
https://tinyurl.com/y4m8dnv6
https://tinyurl.com/42ucmwde
https://tinyurl.com/mry8jww9

चित्र संदर्भ
1. एस्पिरिन के पुराने पैकेट को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. बायर एस्पिरिन विज्ञापन, एनवाईटी, 19 फरवरी 1917 को संदर्भित करता एक चित्रण (PICRYL)
3. अमेरिका में, "एस्पिरिन" की बिक्री को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. एस्पिरिन की गोलियों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. हेरोइन नामक अवैध पदार्थ को दर्शाता एक चित्रण (flickr)



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