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जब भी दो या दो से अधिक पक्ष किसी भी खेल के नतीजों (परिणामों) का अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं, और अपने अनुमान के अनुरूप, आनेवाले परिणामों पर पैसे या किसी अन्य संपति को दांव पर लगाते हैं, तो इस प्रक्रिया को खेल सट्टेबाजी (Sports Betting) कहा जाता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह दांव एक रूपये का लगाया गया है, या फिर एक करोड़ का। यदि खेल के परिणाम आने पर किसी भी पक्ष के पास पैसे आ या जा रहे हैं तो, इसे खेल सट्टेबाजी में ही गिना जायेगा। आप इस बात पर भी दांव लगा सकते हैं कि कौन सी टीम जीतेगी, कितने अंक अर्जित करेगी, या यहां तक कि एक खिलाड़ी कैसा प्रदर्शन करेगा।
खेल सट्टेबाजी में आप कितना पैसा जीत सकते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने दांव कितने का लगाया है, आपके द्वारा उपयोग की जाने वाली स्पोर्ट्सबुक और इवेंट (Sportsbooks And Events) की विजय संभावना (Winning Possibility) क्या है। खेल सट्टेबाजी, वैधानिक या अवैधानिक दोनों तरीकों से की जा सकती है। कानूनी या वैधानिक तौर पर खेल सट्टेबाजी एक सट्टेबाज या स्पोर्ट्सबुक के माध्यम से की जाती है। स्पोर्ट्सबुक्स ऐसे व्यवसाय होते हैं, जो खेल आयोजनों पर दांव लगाते हैं। ये व्यवसाय आमतौर पर ऑनलाइन संचालित होते हैं और पैसे दांव लगाने से पहले से लेते हैं।
अवैध खेल सट्टेबाजी एक सट्टेबाज के माध्यम से की जाती है। खेल सट्टेबाजी में सीधा दांव (Straight Bet), स्प्रेड बेट (Spread Bet), बातचीत का दांव (Negotiated Bet), कुल दांव (Net Bet), वायदा शर्त (Future Bet), प्रोप शर्त (Prop Bet) जैसे कई प्रकार के दांव लगाए जा सकते हैं। खेल सट्टेबाजी, प्राचीन काल से ही चली आ रही है, इसका इतिहास प्राचीन यूनान से शुरू होता है, जहाँ के लोग अलग-अलग खेल आयोजनों जैसे मुक्केबाजी, रथ दौड़, या ओलंपिक खेल में अपने पैसे लगाते थे। यूनानी संस्कृति के विकास के साथ ही खेल सट्टेबाजी का चलन भी बढता गया।
प्राचीन यूनानी आमतौर पर निम्नलिखित खेलों में दांव लगाते थे:
1.चित व पट (Heads And Tails)
2.टिलिया या चेकर्स (Tilia Or Checkers)
3.पासे का खेल (Dice Game)
आगे चलकर रोमन लोग इस खेल सट्टेबाजी को एक कदम और आगे लेकर गए। जिस तरह आज भारत में विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, उसी प्रकार रोमन साम्राज्य में "ग्लैडीएटोरियल खेल (Gladiatorial Games) " नामक खेल आयोजित किये जाते थे। इस दौरान हजारों रोमन लोग ग्लेडियेटर्स की लड़ाई देखने के लिए एक स्थान पर इकट्ठा होते थे, और इन खेलों पर दांव भी लगाते थे। ग्लैडीएटर खेल आमतौर पर हिंसक और क्रूर होते थे।
बाद के वर्षों में शुरू हुए ओलंपिक खेलों के दौरान प्रशंसको ने कई खेलों पर दांव लगाना शुरू कर दिया। ओलंपिक के दौरान, प्रशंसक रथ दौड़ और कुश्ती प्रतियोगिताओं सहित विभिन्न खेलों पर दांव लगा सकते हैं। 18वीं शताब्दी में, खेल सट्टेबाजी अधिक आम हो गई, जिसमें घुड़दौड़, सट्टेबाजी के लिए सबसे लोकप्रिय खेल बनकर उभरा। यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) में, घुड़दौड़ सट्टेबाजी (Horse Racing Betting) विशेष तौर पर पसंद की जाने लगी। इसलिए 1750 में सट्टेबाजी सहित घुड़दौड़ को नियंत्रित करने वाले नियमों और कानूनों को स्थापित करने के लिए जॉकी क्लब (Jockey Club) की स्थापना की गई थी। 19वीं सदी का दौर औद्योगीकरण और सांस्कृतिक उथल-पुथल का समय था। इस दौरान घुड़दौड़, मुक्केबाजी और क्रिकेट जैसे पारंपरिक खेल बहुत ही तेजी से लोकप्रिय हो गए थे। प्रशंसकों ने इन खेलों पर भी दांव लगाना शुरू कर दिया।
19वीं सदी के अंत में संयुक्त राज्य अमेरिका में, पेशेवर बेसबॉल (Professional Baseball) अधिक लोकप्रिय हो गया, जिसके कारण बेसबॉल पर सट्टेबाजी करने का चलन भी लोकप्रिय हो गया। हालाँकि, 1877 में लुइसविल ग्रेज़ (Louisville Grays) नामक एक मैच फिक्सिंग घोटाले (Match-Fixing Scandal) ने खेल सट्टेबाजी में भ्रष्टाचार से जुड़ी चिंताएँ बढ़ा दीं। इसके बाद खेल सट्टेबाजी को प्रतिबंधित करने और एथलेटिक प्रतियोगिताओं (Athletic Competitions) की अखंडता की रक्षा के लिए अमेरिका और ब्रिटेन (America And Britain) में नए कानूनों की स्थापना हुई। हालांकि इन कानूनों के बावजूद भी खेल सट्टेबाजी अवैध रूप से फलती-फूलती रही।
1960 में, यूके में सट्टेबाजी और जुआ अधिनियम (Betting And Gambling Act) पारित किया गया, जिसके तहत खेल सट्टेबाजी के लिए एक विशेष कानूनी ढांचा स्थापित किया गया। इस ढांचे के तहत कुछ नियमों के साथ विभिन्न खेल आयोजनों पर दांव लगाने की अनुमति दी गई थी।
20वीं सदी में जुआ कानूनों के विकास और खेल सट्टेबाजी के इतिहास में बहुत बड़ा बदलाव देखा गया। 20वीं सदी में, सरकारों को खेल सट्टेबाजी की राजस्व क्षमता और विनियमन की आवश्यकता का एहसास होने लगा था। इसके बाद सरकारों ने खेल सट्टेबाजी को वैध कर किया लेकिन इस पर कर यानी टैक्स (Tax) लगाना शुरू कर दिया। इस कदम से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला और ग्राहकों को भी धोखाधड़ी से बचाया जा सका।
1990 के दशक के अंत और 2000 के दशक की शुरुआत में, ऑनलाइन खेल सट्टेबाजी (Online Sports Betting) का उदय हुआ। इसके बाद लोगों के लिए अपने पसंदीदा खेलों पर दांव लगाना आसान और अधिक सुलभ हो गया। आज, ऑनलाइन खेल सट्टेबाजी दुनिया में जुए के सबसे लोकप्रिय रूपों में से एक बन गई है। खेल सट्टेबाजी में संभावित बाधाओं और भुगतान की गणना आप ऑनलाइन कैलकुलेटर (Online Calculator) का उपयोग करके कर सकते हैं। आप किसी भी समय अपने सट्टेबाजी खाते से जीती गई धनराशि आराम से निकाल सकते हैं। खेल सट्टेबाजी से पैसा कमाना शेयर बाजार में ट्रेडिंग के समान ही संभव है। लेकिन फिर भी याद रखें, खेल सट्टेबाजी में पैसे आने की कोई गारंटी नहीं होती।
संदर्भ
https://tinyurl.com/3y45t298
https://tinyurl.com/49tbhb29
https://tinyurl.com/58maw7j
चित्र संदर्भ
1. घुड़दौड़ और ऑनलाइन खेल सट्टेबाजी को संदर्भित करता एक चित्रण (picryl)
2. खेल सट्टेबाजी के डिजिटल मंच को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. खेल सट्टेबाजी को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. घुड़दौड़ को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. बेसबॉल खेल को दर्शाता एक चित्रण (picryl)
6. घुड़दौड़ में सट्टेबाजी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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