Post Viewership from Post Date to 17-Nov-2023 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
3099 202 3301

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

नवरात्रि के नौवें दिन, मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप का पूजन कर सकता है फलित

लखनऊ

 17-10-2023 09:45 AM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

‘नवरात्रि’ भगवान शिव जी की पत्नी देवी दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित एक बड़ा त्यौहार है। देवी दुर्गा विभिन्न रूपों में प्रकट होती हैं।वह घटस्थापना के पहले दिन शैलपुत्री या हिमालय की बेटी के रूप में; दूसरे दिन, कुंवारी ब्रह्मचारिणी के रूप में; तीसरे दिन, चंद्रमा से बना तथा घंटी के आकार का मुकुट पहने हुए, चंद्रघंटा के रूप में; चौथे दिन, कुष्मांडा के रूप में, जो ब्रह्मांड का प्रतीक है; पांचवें दिन,कार्तिक्य की माता स्कंदमाता के रूप में, जो राक्षस तारकासुर का वध करती हैं; छठे दिन, कात्यायनी के रूप में, जो राक्षस महिषासुर का वध करती है; सातवें दिन, कालरात्रि के रूप में, जो हमें समय और मृत्यु की अनिवार्यता की याद दिलाती है; आठवें दिन, महागौरी के रूप में, जो सभी पापों को दूर करती है एवं नौवें दिन सिद्धिदात्री के रूप में, जो भक्तों को सिद्धि शक्तियां प्रदान करती है, हमारे सामने प्रकट होती हैं। नवरात्रि के अंतिम दिन, हमारा ध्यान आराधना के लिए, “सिद्धियों की देवी– सिद्धिदात्री‘’ पर केंद्रित हो जाता है। मां सिद्धिदात्री, महादेवी के नवदुर्गा(नौ रूपों) पहलुओं में नौवीं और अंतिम देवी है। उनके नाम के संधि विच्छेद का अर्थ, ‘सिद्धि’ अर्थात अलौकिक शक्ति या ध्यान की क्षमता, एवं ‘धात्री’ अर्थात प्रदान करने वाली, हैं। मां सिद्धिदात्री की पूजा नवरात्रि के नौवें दिन की जाती है; तथा वह सभी दिव्य आकांक्षाओं को पूरा करती है। माना जाता है कि, भगवान शिव के शरीर का एक पक्ष देवी सिद्धिदात्री का है। इसलिए, उन्हें अर्धनारीश्वर के नाम से भी जाना जाता है। वैदिक शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव ने इसी देवी की पूजा करके, सभी सिद्धियां प्राप्त की थीं। जिन सिद्धियों को भगवान शिव जी ने प्राप्त किया था, वे ध्यान और योग सहित कठोर साधना के बाद, प्राप्त अलौकिक शक्तियां होती हैं।
भागवत पुराण के अनुसार, पांच सिद्धियां मुख्य हैं:
1.त्रिकालज्ञत्वम्: भूतकाल, वर्तमान और भविष्य को जानना।
2.अद्वन्द्वम्: गर्मी, सर्दी और अन्य द्वंद्वों को सहन करना।
3.पर चित्त आदि अभिज्ञाता: दूसरों के मन को जानना, आदि।
4.अग्नि अर्क अम्बु विष आदिनाम्प्रतिष्ठितमभ: अग्नि, सूर्य, जल, विष आदि के प्रभाव की जांच करना।
5.अपराजय: दूसरों से अजेय रहना।
दूसरी ओर, योग के अनुसार, सिद्धियां कुछ अलौकिक या जादुई शक्तियां हैं, जो इसके अभ्यासकर्ता द्वारा अपने अभ्यास को गहन करने पर विकसित होती हैं। वास्तव में, 64 लघु सिद्धियां एवं 8 या अष्ट सिद्धियां ज्ञात हैं।
यहां, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि, विशिष्ट संप्रदाय या परंपरा के आधार पर सिद्धियों की सूची भिन्न हो सकती है। तांत्रिक बौद्ध धर्म, सिख धर्म, सांख्य दर्शन, वैष्णववाद तथा शैव धर्म आदि सभी में, सिद्धियों की अपनी–अपनी व्याख्याएं हैं। नीचे, पतंजलि के योग सूत्र पर आधारित सिद्धियां प्रस्तुत की गई हैं।
अनिमा सिद्धि: अनिमा सिद्धि या अनिमादि सिद्धि, सूक्ष्म विश्व को देखने की क्षमता से जुड़ी है। इसका कोई अभ्यासक, असीम रूप से छोटा हो सकता है एवं परिणाम या क्वांटम(Quantum) क्षेत्र का पता लगा सकता है। क्योंकि, उसके शरीर का घनत्व बदल जाता है, और वह ठोस वस्तुओं से भी गुजर सकता है।
महिमा सिद्धि: यह सिद्धि असीम रूप से बड़ा बन जाने तथा आकाशगंगाओं की संरचनाओं को देखने की क्षमता से जुड़ी है।
लघिमा सिद्धि: इस सिद्धि से कोई भारहीन या हवा से भी हल्का हो सकता/सकती है।
गरिमा सिद्धि: यह सिद्धि किसी से भी या किसी भी चीज़ से असीम रूप से भारी बनने और अचल होने की क्षमता से जुड़ी है।
प्राप्ति सिद्धि: प्राप्ति सिद्धि का अभ्यासक, कहीं पर भी तुरंत यात्रा कर सकता है या अपनी इच्छानुसार कहीं भी रह सकता है। यह सिद्धि अंतरिक्ष की उन सीमाओं को भी हटा देती है, जो दो वस्तुओं को एक दूसरे से अलग करती हैं। कहा जाता है कि, इससे कोई व्यक्ति अपनी उंगली से भी चंद्रमा को छू सकेगा(यहां दूरी की सीमा हटा दी गई है)।
प्राकाम्य सिद्धि: इसमें अपनी इच्छाओं को प्रकट करने या हवा से वस्तुओं को महसूस करने की क्षमता शामिल है। संकल्प मुद्रा का अभ्यास करने से, प्राकाम्य सिद्धि विकसित होती है।
ईशित्व सिद्धि: इस सिद्धि में सृजन और विनाश करने की क्षमता होती है। अर्थात इसके अभ्यासक का सृजन और विनाश पर आधिपत्य होता है।
वसित्व सिद्धि: इस सिद्धि को पाने वाले व्यक्ति के पास, प्रकृति के सभी 5 तत्वों, अर्थात अग्नि, वायु, आकाश, पृथ्वी और जल, को नियंत्रित करने की क्षमता तथा सम्मोहन से मन को नियंत्रित करने की क्षमता होती है।
काम-अवसयित्व: इस सिद्धि में किसी को, इच्छा से मुक्ति मिल सकती है, और पूर्ण संतुष्टि का अनुभव होता है। पतंजलि के योग सूत्र 4.1 में कहा गया है कि, सिद्धियां जन्म, जड़ी-बूटियों के उपयोग, मंत्र, आत्म-अनुशासन या समाधि के माध्यम से प्राप्त की जा सकती हैं। इसके विपरीत, ज्योतिषियों के लिए, नवरात्रि का संबंध नवग्रहों या नौ ज्योतिषीय ग्रहों से भी है। प्रत्येक नवरात्रि की रात, लोग एक विशिष्ट ग्रह की पूजा करते हैं। इसलिए, देवी की पूजा का फल,दुर्गा पूजा से परे, ग्रहों को प्रसन्न करना भी हो सकता है। प्रत्येक नवरात्रि की रात किसी विशिष्ट ग्रहों के नकारात्मक गुणों से जुड़ी होती है, और देवी निश्चित रूप से इन गुणों को दूर करने में हमारी मदद करती हैं। अशुभ होने पर, मंगल ग्रह क्रोध और हिंसा को दर्शाता है, शनि अनुशासन तोड़ने को दर्शाता है, बृहस्पति लालच और फिजूलखर्ची दोनों का संकेत दे सकता है, बुध अज्ञानता का प्रतिनिधित्व करता है, शुक्र में दोष का मतलब विचारधारा के प्रति अत्यधिक उत्साह और कट्टरता हो सकता है, सूर्य गर्व और अहंकार को दर्शाता है, चंद्रमा अत्यधिक लगाव को दर्शाता है, जबकि, राहु जुनून और अतृप्त महत्वाकांक्षा को दर्शाता है, और केतु जीवन के गहरे वगुप्त पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है।
अतः हम उस विशेष ग्रह से संबंधित मां दुर्गा के स्वरूपों को पूज सकते हैं।
सर्व मंगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके,
शरण्येत्र्यम्बके गौरी, नारायणी नमोस्तुते!



संदर्भ

https://tinyurl.com/4s5xn6nr
https://tinyurl.com/2s24e2cw
https://tinyurl.com/59kkxxfv
https://tinyurl.com/5n86ha29

चित्र संदर्भ

1. माँ सिद्धिदात्री की प्रतिमा को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia, Pexels)
2. मां भगवती मंदिर परिसर में श्री सिद्धिदात्री माता की प्रतिमा को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. सिद्धिदात्री शब्द को दर्शाता एक चित्रण (Prarang)
4. नवग्रहों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. पतंजलि के योग सूत्र को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र व प्रादेशिक जल, देशों के विकास में होते हैं महत्वपूर्ण
    समुद्र

     23-11-2024 09:29 AM


  • क्या शादियों की रौनक बढ़ाने के लिए, हाथियों या घोड़ों का उपयोग सही है ?
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     22-11-2024 09:25 AM


  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id