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गोद लिए गए बच्चे अक्सर वयस्क होने पर अपने जैविक माता-पिता का पता लगाने की कोशिश करते हैं। आज प्रौद्योगिकी उनकी इस खोज में बड़ी सहायक सिद्ध हो रही है। भारत में जन्मे सरू, जिन्हें ऑस्ट्रेलियाई (Australian) माता-पिता ने गोद लिया था, ने भारत में अपनी जड़ों का पता लगाने के लिए "गूगल अर्थ" (Google Earth) तकनीक का इस्तेमाल किया था, उस पर हॉलीवुड (Hollywood) की हिट फिल्म लायन (Lion) बनाई गई थी। अब, वास्तविक माता-पिता का पता लगाने के लिए "डीएनए परीक्षण" तकनीक भी उपलब्ध है। जो लोग अपने अज्ञात माता-पिता का पता लगाना चाहते हैं, वे आनुवंशिक परीक्षण का विकल्प चुन सकते हैं। गोद लेने वालों के लिए सबसे अच्छा डीएनए परीक्षण ऑटोसोमल डीएनए परीक्षण (एटीडीएनए) (autosomal DNA test (atDNA)) से शुरू होता है। एक ऑटोसोमल डीएनए परीक्षण पुरुषों या महिलाओं द्वारा किया जा सकता है, यह परीक्षण पांच से छ: पीढ़ियों के भीतर डीएनए मिलान करता है। जिससे गोद लिए गए बच्चों की वंशावली का पता लगाया जा सकता है।
आनुवंशिक परीक्षण अनेक रहस्यों पर प्रकाश डालता है। डीएनए रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। हमारे डीएनए में छिपे कुछ रहस्य बहुत विपरीत भी हो सकते हैं। परीक्षण से वंशावली से सम्बंधित बहुत कुछ पता चल सकता है, इसके लिए जितना संभव हो सके खुद को तैयार करें और जरूरत पड़ने पर पेशेवरों से सहायता लें।इसके अतिरिक्त, कुछ गोद लेने वाले या जन्म देने वाले माता-पिता गोपनीयता चाहते हैं। कई बार इसके परिणाम से यह भी आभास होता है मानों आपके परिवार ने आपके जन्म के बाद आपको त्याद दिया हो। इस कारण से, गोद लेने वाले या जन्म देने वाले माता-पिता को अपने डीएनए का परीक्षण करने से पहले या डीएनए मिलान तक पहुंचने से पहले हर संभावना के लिए खुद को तैयार करना चाहिए।
डीएनए मैच (DNA match) क्या है? डीएनए मैच उस व्यक्ति को इंगित करता है जिसके डीएनए आपके डीएनए से समानता रखते हैं। डीएनए मिलान सूची क्या है? डीएनए मिलान सूची आपके सभी डीएनए मिलानों के नामों या उपयोगकर्ता के नामों की एक सूची है। डीएनए मिलान, जो कभी-कभी आपके "चचेरे भाई-बहन" को इंगित करता है, में आपके डीएनए डेटा की तुलना अन्य लोगों के डीएनए डेटा से की जाती है ताकि पारिवारिक रिश्ते का संकेत देने वाले गुणसूत्रों के मिलान खंडों की पहचान की जा सके। आप कितने निकट से संबंधित हैं यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके और किसी अन्य व्यक्ति के डीएनए के कितने मिलान खंड समान हैं।जैविक परिवारों से पुनर्मिलन कराने वाली कई अद्भुत कहानियाँ हैं। अक्सर गोद लिए बच्चे अपने जैविक माता पिता के बारे में जानने के लिए जिज्ञासु होते हैं।
हमारे रामपुर अनाथालय से औपचारिक रूप से गोद लेने का एक दिलचस्प मामला भी सामने आया , जब 5 साल पहले एक अमेरिकी जोड़े ने मुजफ्फरनगर से एक बच्चे को गोद लेने के लिए चुना। दरअसल मुजफ्फरनगर के एक रोडवेज बस स्टैंड में पुलिस अधिकारियों को 14 महीने का एक अनाथ बच्चा मिला। जिसके बाद, उसे 28 दिसंबर, 2018 को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) (CWC) द्वारा रामपुर अनाथालय भेज दिया गया। केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) के माध्यम से बच्चे को अमेरिका के एक दंपत्ति द्वारा गोद लिया गया ।रामपुर अनाथालय ने गोद लेने की सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कीं और लड़के का नया नाम आर्थर जेम्स मिलम (Arthur James Milam) रखकर, उसके नए माता-पिता को सौंप दिया।
जैसा की हमने ऊपर उल्लेख किया, सरू भी ऐसे ही बालकों में से एक था जिसे विदेशी दंपत्तियों ने गोद लिया था। सरू अपने एक छोटे से गांव में गरीब परिवार में रहता था, वह अपने भाई के साथ ट्रैन से कोयले इकट्ठे करके, बेचकर, खाने का सामान खरीदते थे। एक बार सरू अपने भाई के साथ मजदूरी पर जाने की जिद्द करता है, उनका भाई गुड्डू उसे स्टेशन पर बैठाकर काम पर चला गया; काफी देर बाद जब सरू की आंख खुली, तो गुड्डू को वहां नहीं पाकर वह परेशान हो जाता है, अपने भाई को ढूंढने के लिए वह स्टेशन पर खड़ी एक ट्रैन में चढ़ जाता है, और ऐसे ही भटकते भटकते वह कलकत्ता तक पहुंच जाता है।यहां वह कई बार मानव तस्करी का शिकार होने से बच जाता है और कई दिनों तक सड़कों के किनारे अपना जीवन काटता है। कुछ समय बाद कलकत्ता में उसे एक आदमी एक अनाथ आश्रम में छोड़ देता है, जहां उसे कई प्रताड़नाएं झेलनी पड़ती है।उसके पास अपने गांव और परिवार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी जिस कारण अनाथालय वाले उसके परिवार को ढूंढ़ने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। यहां से उसे ऑस्ट्रेलिया के एक दंपत्ति गोद ले लेते हैं। जब वह बड़ा होता है तो उसे अपने घर की याद आने लगती है, ओर बचपन के कुछ दृश्य उसके सामने बार बार आते रहते हैं । फिर इन्ही यादों के बल भूते वह अपने घर की खोज में लग जाता है, जिसमें गूगल मैप उसकी बहुत सहायता करता है।
सरू कहते हैं, "मैं गूगल मैप्स देख रहा था और मुझे एहसास हुआ कि नेट पर गूगल अर्थ भी है, एक ऐसी दुनिया जहां आप जगहों को ज़ूम (zoom) कर सकते हैं। मैं इसमें अपने लिए संभावनाएं खोजने लगा।“ वह बहुत ही अविश्वसनीय रूप से, अपनी यादों के सहारे गूगल अर्थ पर मैप्स का एक खाका तैयार कर लेता है और एक एप्लिकेशन की सहायता से दूर ऑस्ट्रेलिया बैठे भारत में अपने गाँव का रास्ता खोज लेता है!' सरू ने गूगल अर्थ (Google Earth)पर रेलवे लाइनों की भूलभुलैया का अध्ययन करने में वर्षों बिताए, जिससे वह उस रेलवे लाइन की पहचान कर सके जो उसके गांव से होकर गुजरती थी। और इसी की सहायता से अंतत: वह अपने गांव को खोजने में कामयाब हो जाता है। गांव आकर उसे पता चलता है कि उसके बड़े भाई गुड्डू की ट्रैन हादसे में मौत हो गयी थी। लेकिन फिर भी सरू अपनी बूढ़ी माँ और परिवार के अन्य सदस्यों से वर्षों बाद मिलने में आखिकार कामियाब हो जाता है ।
संदर्भ:
https://t.ly/hgOjP
https://t.ly/wW6v3
https://t.ly/6FQmS
https://t.ly/tGecs
https://cara.wcd.gov।in/
https://t.ly/zB0Gg
चित्र संदर्भ
1. खुले में खेलते बच्चे को दर्शाता एक चित्रण (wallpaperflare)
2. एक बच्चे और महिला को दर्शाता एक चित्रण (pxhere)
3. डीएनए परीक्षण (एटीडीएनए) को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. कारा (CARA) की वेबसाइट को दर्शाता एक चित्रण (https://cara.wcd.gov.in)
5. खुले में खेलते बच्चों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
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