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भारत में आवासीय यानी घरेलू बिजली (Residential Electricity) पहली बार सन 1886 में राजस्थान के बीकानेर में स्थित डूंगर निवास में चमकी थी। डूंगर निवास का निर्माण बीकानेर के आधुनिकीकरण कर्ता माने जाने वाले महाराजा डूंगर सिंह जी ने करवाया था। 1886 में पहली बार उन्होंने ही राजस्थान के बीकानेर शहर में बिजली पहुंचाई थी। महाराजा डूंगर सिंह के बदौलत ही बीकानेर के बिजली संयंत्र को भारत में शुरुआती बिजली प्रतिष्ठानों में गिना जाता है। 1886 में ही जमशेदजी टाटा ने भी बॉम्बे (मुंबई) स्थित अपने निवास में एक बिजली संयंत्र स्थापित करवाया था। 1892 आते-आते कलकत्ता में भी पहली बार बड़े पैमाने पर विद्युत संयंत्रों की स्थापना होने लगी। लगभग उसी समय कलकत्ता और बीकानेर में देश की पहली एलेवेटर (Elevator) या लिफ्ट (Lift) भी स्थापित की गईं। “बीकानेर की पहली लिफ्ट यहां के लक्ष्मी निवास में स्थापित की गई थी।” वहीं 1892 में कोलकाता के “राजभवन” में स्थापित लिफ्ट को भारत में स्थापित पहली लिफ्ट माना जाता है।
राजभवन को कैप्टन चार्ल्स व्याट (Captain Charles Wyatt) द्वारा डिजाइन और कर्जन परिवार (Curzon Family) की हवेली के तौर पर तैयार किया गया था। कर्ज़न परिवार के सबसे प्रतिष्ठित पुत्र, जॉर्ज नथानिएल कर्ज़न (George Nathaniel Curzon), उर्फ़ लॉर्ड कर्जन (Lord Curzon) भारत के वायसराय के रूप में राजभवन में रहने आये थे। राजभवन और देश की पहली विद्युत लिफ्ट भी लॉर्ड कर्जन ही लेकर आये थे। इस लिफ्ट को “बर्ड केज लिफ्ट (Bird Cage Lift)” के नाम से जाना जाता है और यह आज भी सुचारू रूप से चलती है।
भारत में पहली बार बिजली का उपयोग 1839 में टेलीग्राफी (Telegraphy) के लिए किया गया था। देश की पहली प्रायोगिक लाइन (Experimental Line) 1839 में कोलकाता में हुगली नदी के किनारे बॉटनिकल गार्डन (Botanical Garden) में स्थापित की गई थी। इसके बाद प्रकाश के लिए बिजली का उपयोग करने में हमें लगभग 35 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा। आखिरकार 1886 में बीकानेर का डूंगर निवास महल पहली बार बिजली से रोशन हुआ।
भारत में बिजली की शुरुआत एक क्रमिक प्रक्रिया थी। शुरुआत में बिजली का उपयोग प्रकाश और अन्य व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जाता था। 1903 में नवनिर्मित मुंबई का ताज महल होटल (Taj Mahal Hotel) भी आधुनिक बिजली जनरेटर (Power Generator) से सुसज्जित था। 1896 में भारत सरकार द्वारा, इलेक्ट्रिक लाइटिंग अधिनियम (Electric Lighting Act) की तैयारी में मदद करने के लिए, क्रॉम्पटन (Crompton) को आमंत्रित किया गया। क्रॉम्पटन ग्रीव्स कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (Crompton Greaves Consumer Electricals Limited) या क्रॉम्पटन मुंबई, भारत में स्थित एक भारतीय विद्युत उपकरण कंपनी है। क्रॉम्पटन के सहयोग के परिणामस्वरूप जनवरी 1897 में लंदन में इंडियन इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड (Indian Electric Company Limited) का गठन हुआ। बाद में कंपनी ने अपना नाम बदलकर कलकत्ता इलेक्ट्रिक (Calcutta Electric) कर दिया।
भारत में पहली बड़ी जलविद्युत परियोजना 1899 में शिवसमुद्रम में कावेरी नदी पर शुरू की गई थी। इसे मैसूर के महाराजा ने शुरू किया था और इसने 1902 में कर्नाटक में स्थित कोलार की सोने की खदानों को बिजली की आपूर्ति प्रदान करना शुरू कर दिया था। बाद में परियोजना की क्षमता बढ़ाकर (1927 तक 42 मेगावाट) कर दी गई थी। 1903 में, मद्रास इलेक्ट्रिक सप्लाई कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (Madras Electric Supply Corporation Of India Limited) ने मद्रास में एक बिजली संयंत्र स्थापित किया। बाद में उन्होंने कराची, कानपुर, इलाहाबाद, नागपुर, रंगून और तिब्बत सहित विभिन्न शहरों में भी बिजली संयंत्र स्थापित किए। हालांकि, बिजली को आम भारतीय घरों तक पहुंचने में कुछ समय लगा। लेकिन, 20वीं सदी की शुरुआत में बिजली, भारतीयों के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बनने लगी थी।
भले ही भारत में आवासीय बिजली साल 1886 में ही आ गई थी, लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि, उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित मजरा फकीर खेड़ा नामक एक गांव को आजादी के 69 साल बाद बिजली मिल पाई। इस गांव को लेसा के जीएम आशुतोष श्रीवास्तव (Ashutosh Srivastava) ने गोद लिया था, जिन्होंने यहां केवल 20 दिनों के भीतर बिजली लाइनें बिछवा दी। पहले दिन ही उन्होंने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे 35 परिवारों और गरीबी रेखा से ऊपर 1 परिवार को बिजली का कनेक्शन (Connection) दिया। गांव में पहली बार बिजली देखकर, यहां के ग्रामीण काफी खुश थे।
बिजली आने पर 5 साल के बेटे की मां बिटाना देवी अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहती हैं कि, उनका बेटा अब रात में भी पढ़ाई कर सकता है। एक स्थानीय दुकान के मालिक चंदन ने कहा कि अब बिजली मिलने से सभी का जीवन बेहतर हो जायेगा। गांव में बिजली आने के बाद छात्र, व्यापारी और किसान अपना उत्पादन बढ़ाने में सक्षम होंगे। इस प्रकार यहां के समस्त ग्रामीण बिजली उपलब्ध कराने के लिए सरकार के आभारी हैं।
संदर्भ
http://tinyurl.com/8v6rc2s5
http://tinyurl.com/3m5dh4y6
http://tinyurl.com/bdzeuw5x
http://tinyurl.com/4pmxb5b6
http://tinyurl.com/ny89ruhd
चित्र संदर्भ
1. एक ग्रामीण परिवार को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. कलकत्ता के राजभवन को दर्शाता एक चित्रण (PICRYL)
3. ताज महल होटल को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. साथ में भोजन करते भारतीय परिवार को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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