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इस मौसम में अवश्य आनंद लें, उत्तर प्रदेश में उगने वाले दुर्लभ, मीठे-मीठे फजरी आम का

लखनऊ

 21-07-2023 09:51 AM
साग-सब्जियाँ

क्या आप जानते हैं कि सुंदर एवं स्वादिष्ट होने के अलावा, आम का फल हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) के स्तर को बराबर बनाए रखने, त्वचा को साफ करने, हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और अन्य कई तरीकों से हमें स्वस्थ रहने में मदद करता है। वास्तव में, आम की कृषि योग्य हज़ारों किस्मों में से केवल 25 से 30 किस्मों की ही व्यावसायिक पैमाने पर खेती की जाती है। आम की कुछ प्रसिद्ध किस्में – चौंसा, सिंधरी, लंगड़ा, दशहरी, अनवर रटौल, सरोली, समर बहिश्त, तोतापरी, फजरी, नीलम, हाफूस, अलमास, सनवाल, सुरखा, सुनेहरा और देसी आदि हैं।
फजरी आम अपनी अनोखी किस्म, मीठे स्वाद और असाधारण एवं असामान्य बनावट के कारण काफी दुर्लभ है। इस आम का छिलका हल्की लालिमा के साथ फीका पीला सा होता है और इसका गूदा थोड़ा सख्त, सुगंधित तथा रेशा या फाइबर(Fibre) रहित होता है। भारत में यह किस्म आमतौर पर हमारे उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल राज्यों में उगाई जाती है। यह आम थोड़ा बड़ा होता है,और तिरछे अंडाकार आकार का होता है। फजरी आम पाकिस्तान में लोकप्रिय हैं और इन्हें वहां “फजरी कलां” कहा जाता है। फजरी आम की कटाई आम तौर पर जुलाई और अगस्त महीनों में की जाती है, क्योंकि इसकी उपज देर से होती है।यह देर से पकने वाला फल है, जो आमों की अन्य किस्मों के बाद बाजार में उपलब्ध होता है।अतः आप अभी भी इस सुंदर आम का स्वाद ले सकते हैं! फजरी आम विटामिन ए (Vitamin A) और विटामिन सी (Vitamin C), फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) से भरपूर होते हैं, जिससे यह आम फल प्रेमियों के लिए एक स्वस्थ विकल्प बन जाता है। फजरी आम, आम का रस, स्मूदी(Smoothie) और मिठाइयाँ बनाने के लिए आदर्श हैं। इस आम का अनोखा स्वाद, इन आमों को आम के शौकीन लोगों के बीच पसंदीदा बनाता है। फजरी आम की किस्म, बांग्लादेश में भी उगाई जाती है। आमतौर पर, इस आम का उपयोग भारतीय उपमहाद्वीप में विभिन्न व्यंजनों, जैम(Jam) और अचार में किया जाता है। फजरी आम काफी बड़ा होता है, और एक फजरी आम का वजन एक किलो तक भी हो सकता है। बांग्लादेश में राजशाही खंड फजरी आम का प्रमुख उत्पादक है। आज, एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक किस्म के रूप में, इस आम का तेजी से निर्यात हो रहा है।
वर्ष 2009 में, भारत ने ‘फ़ाज़ली’ नाम (फजरी आम का बांग्लादेश में प्रसिद्ध नाम) के लिए एक भौगोलिक संकेत (GI Tag) दायर किया था, जिसे बांग्लादेश के साथ साझा किए जाने की संभावना थी। भारत द्वारा विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation) नियमावली (Manual) में इस पंजीकरण के संबंध में, इस मुद्दे पर विवाद था। फिर 2021 में, इस आम को बांग्लादेश के उत्पाद के रूप में भौगोलिक संकेत का दर्जा दिया गया था। अब फजरी आम उत्पादकों को नए विशेषज्ञों की सहायता मिलेगी, क्योंकि इस किस्म का जीआई (Geographical Indication) अथवा भौगोलिक संकेत द्वारा प्रमाणित प्रेषित माल, बंगाल राज्य के मालदा जिले से बहरीन (Bahrain) देश को निर्यात किया जा रहा है । जीआई टैग(Tag), उत्पादकों को उनके उत्पाद के लिए अधिक मूल्य प्राप्त करने में मदद करता है, क्योंकि फिर कोई अन्य उत्पादक समान उत्पादों के विपणन के लिए उस नाम का उपयोग नहीं कर सकता है।
भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग का उपयोग एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले कृषि, प्राकृतिक या निर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान) के लिए किया जाता है। आमतौर पर, ऐसा नाम उसके मूल स्थान के कारण गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है। अब फजरी आम का यह निर्यात, पूर्वी क्षेत्र से पश्चिम एशियाई देशों में आम के निर्यात हेतु एक बड़ी पहल है। फजरी आम का प्रेषित माल, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण, में पंजीकृत कलकत्ता के डीएम एंटरप्राइजेज (DM enterprises), द्वारा निर्यात किया गया और बहरीन के अल जजीरा समूह द्वारा आयात किया गया था । जून 2021 में, बहरीन में भारतीय आम प्रचार कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था, जहां जीआई-प्रमाणित बंगाल की खिरसापतिन, लक्ष्मणभोग और बिहार की जरदालु आदि किस्मों सहित आम की कुल सोलह किस्मों को प्रदर्शित किया गया था।
वैसे तो, भारत के अधिकांश राज्यों में आम के बागान हैं, परंतु, हमारे उत्तर प्रदेश तथा बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक आदि राज्यों का आम के कुल उत्पादन में बड़ा हिस्सा है। हाफूस, केसर, तोतापरी और बंगनपल्ली भारत से निर्यात की जाने वाली आम की प्रमुख किस्में हैं। निर्यात की जाने वाली अन्य किस्मों में मालदा से जीआई-प्रमाणित खिरसापति, लक्ष्मणभोग, आम्रपाली और चौसा; हमारे उत्तर प्रदेश राज्य के मलिहाबाद से दशहरी और नदिया बंगाल से लंगड़ा आदि शामिल हैं। 2021 में पहली बार, भारत ने आंध्र प्रदेश के कृष्णा और चित्तौड़ जिलों के किसानों से प्राप्त, जीआई-प्रमाणित बंगनपल्ली और सुरवर्णरेखा आम की किस्मों का माल निर्यात किया है। इस प्रकार हमारे देश भर में उगाए गए स्वादिष्ट आमों की मिठास, विदेश में भी विख्यात है

संदर्भ

https://bit.ly/3Y14RUf
https://bit.ly/3XR8QTm
https://bit.ly/3XTsFcE
https://bit.ly/3XV0v0L
https://bit.ly/44jbN1n

चित्र संदर्भ

1. पेड़ पर उगे फजरी आम को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
2. फजरी आम की विशेषता बताते किसान को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. फ़ज़ली आम को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. 2 फजली आमों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



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