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हाल के दिनों में भारत के इतिहास और धार्मिक ग्रंथों से छेड़छाड़ के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। हालांकि यह कोई नई बात नहीं है। इतिहास को बदलने या अपने शब्दों में लिखने की प्रथा कई दशकों से चली आ रही है। लेकिन ऐतिहासिक कथा साहित्यों या ऐतिहासिक फिक्शन (Historical Fiction Literature) में इतिहास से छेड़खानी किसी भी संस्कृति के भविष्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है।
ऐतिहासिक कथा साहित्य या ऐतिहासिक फिक्शन, उपन्यासों की एक शैली होती है, जो अतीत की, अक्सर लेखक के जीवनकाल से पहले की घटनाओं पर आधारित होती है। कुछ लोगों का तर्क है कि "ऐतिहासिक कथा" शब्द आज अपना वास्तविक अर्थ खो रहा है। ऐतिहासिक कथा एक प्रकार का उपन्यास है, जिसमें इतिहास का मूल्यांकन किया गया होता है, लेकिन वास्तव में इतिहास का मूल्यांकन करना उतना आसान नहीं है। आजकल कई उपन्यास अतीत पर आधारित तो होते हैं, लेकिन यह समझना भी ज़रूरी है कि यह उपन्यास लेखक के जीवन काल से भी कई दशकों पहले की घटनाओं का लेखा-जोखा होते हैं। जिनके बारे में लेखक ने भी केवल सुना या पढ़ा ही होता है। इसलिए किसी उपन्यास को "ऐतिहासिक" के रूप में परिभाषित करने का अब कोई मतलब नहीं रह गया है। किसी भी कहानी का ऐतिहासिक रूप से सटीक होना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। क्योंकि यदि लेखक केवल तथ्यों पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करता है, इससे उसकी कहानी, नीरस और उत्साहहीन हो सकती है। हालांकि काफी हद तक ऐतिहासिक सटीकता अभी भी ऐतिहासिक कथा साहित्य को उत्साहपूर्ण समकालीन कथा साहित्य (Contemporary Fiction) से अलग करती है।
ऐतिहासिक लेखकों के लिए तथ्यात्मक विवरण और साहित्यिक कला को संतुलित करना बड़ा ही चुनौतीभरा काम होता है। हालांकि इसके विपरीत ऐतिहासिक सटीकता को पूरी तरह से नजरअंदाज करना भी अनैतिक हो सकता है।
ऐतिहासिक कथा साहित्य में इतिहास से हुई छेड़छाड़ से होने वाले नुकसान का अंदाजा लगाने से पहले, हमारे लिए इतिहास की वास्तविक परिभाषा को समझना जरूरी है। वास्तव में इतिहास के तहत अतीत का अध्ययन किया जाता है, जिसमें लोग, उनके कार्य, उनके द्वारा लिए गए निर्णय, बातचीत और उनका व्यवहार शामिल होता है। इतिहास उस यथार्थ (Historical Pattern) और शिक्षाओं को प्रकट करता है, जो आज की चुनौतियों का सामना करने में हमारा मार्गदर्शन कर सकते हैं।
इतिहास का मुख्य उद्देश्य हमारी राजनीतिक प्रणालियों, नेतृत्व, समाज, अर्थव्यवस्था और संस्कृति के बारे में खुली और स्वतंत्र बहस को प्रोत्साहित करना है। हालांकि इसके नकारात्मक पहलू में इतिहास का उपयोग कई वर्तमान कार्यों को उचित ठहराने या आलोचना करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में किया जा सकता है। व्यक्तिगत फायदे या सांस्कृतिक संघर्षों के लिए इतिहास का दुरुपयोग करने से इसका मूल्य कम हो जाता है। इतिहास की समझ यह समझने के लिए भी जरूरी है कि हम अपनी वर्तमान स्थिति तक कैसे पहुँचे। इतिहास वैकल्पिक रास्तों और अवास्तविक संभावनाओं को भी प्रकट कर सकता है।
कभी-कभी, ऐतिहासिक सटीकता को नजरअंदाज कर दिया जाता है, जिससे समस्याएं पैदा होती हैं। कई ऐतिहासिक फिल्मों को इसके लिए आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ता है। उदाहरण के लिए, अमेरिकी ऐतिहासिक फिल्म ब्रेवहार्ट (Braveheart) में यह गलत बताया गया है, कि एक स्कॉटिश विद्रोही विलियम वालेस (William Wallace), भविष्य के राजा एडवर्ड III(King Edward III) के पिता थे, लेकिन वास्तव में वे दोनों इतिहास के अलग-अलग समय काल में मौजूद थे।
इस उदाहरण से यह स्पष्ट हो जाता है कि ऐतिहासिक उपन्यासकारों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उन्हें कुछ नया करने और ऐतिहासिक परिवेश के प्रति सच्चे बने रहने के बीच संतुलन बनाना पड़ता है। हालांकि इंग्लैंड के महान साहित्यकार शेक्सपियर (Shakespeare) की रचनाएँ, सोच समझकर अच्छी तरह से लिखी गई ऐतिहासिक कथा साहित्य का एक आदर्श उदाहरण मानी जाती है। अपनी रचनाओं में उन्होंने, ऐतिहासिक पात्रों को पूरी तरह से आपस में बदल दिया, उनके नाम बदले और उन्हें अलग-अलग गुण दे दिए, इसके बावजूद उनके नाटक आज भी लोगो के बीच प्रसिद्ध हैं। हालाँकि शेक्सपियर की रचनाएँ ऐतिहासिक रूप से सटीक नहीं हैं, फिर भी उन्होंने प्लांटेजेनेट युग (Plantagenet Age : AD 1154 – 1485)से जुड़ी कुछ महानतम ऐतिहासिक कथाएँ रची हैं।
यहां, हमें जानबूझकर लिखे गए झूठ और आकस्मिक गलतियों के बीच अंतर पहचानने की आवश्यकता है। झूठ उद्देश्यपूर्ण होता है, जबकि गलतियाँ अनजाने में होती हैं। यदि समग्र कहानी सम्मोहक है, तो गलतियाँ माफ की जा सकती हैं, इसका एक और उदाहरण, केन फोलेट (Ken Follett) की "द पिलर्स ऑफ द अर्थ (The Pillars Of The Earth)" में देखा जा सकता है। कुछ लोगों का तर्क है कि ऐतिहासिक कथा साहित्य, कभी भी वास्तव में प्रामाणिक नहीं हो सकता क्योंकि अलग-अलग समय अवधि के लोगों के विचारों और जीवन की सटीक कल्पना करना बहुत मुश्किल है। लेकिन यदि ऐतिहासिक कथा साहित्य पूरी तरह से अप्रामाणिक हो जाते है, तो उन्हें पढ़ने या लिखने में किसी की रुचि नहीं होगी। ऐतिहासिक कथा साहित्य के लेखक अपनी कहानियों को वास्तविक बनाने और पाठकों को ऐतिहासिक दुनिया में डुबोने का प्रयास करते हैं। वे गहन शोध करते हैं और ऐतिहासिक पात्रों को जीवंत करने के लिए अपनी कल्पना का उपयोग करते हैं। ऐतिहासिक उपन्यासकारों का लक्ष्य इन मतभेदों को चित्रित करने के साथ-साथ अतीत को वर्तमान पाठकों के लिए पहचानने योग्य बनाना भी है। हालांकि, सभी ऐतिहासिक उपन्यासकार इस संतुलन को हासिल करने में समान रूप से सफल नहीं रहे हैं। वहीं कुछ बहुत सफल हुए हैं।
कुछ लोकप्रिय भारतीय उपन्यासों की सूची निम्नवत दी गई है:
१.शीर्षक: "பொன்னியின் செல்வன், முழுத்தொகுப்பு, पोंनियिन सेलवन” (तमिल, 2400 पृष्ठ)
लेखक: कल्कि कृष्णमूर्ति (Kalki Krishnamurthy)
२.शीर्षक: "पैलेस ऑफ़ इलुशन्स (The Palace Of Illusions)"
लेखिका: चित्रा बनर्जी दिवाकरूनी
३.शीर्षक: " मिडनाइट्स चिलरेन (Midnight's Children)"
लेखक: सलमान रुश्दी
४.शीर्षक: "கடல் புறா பாகம் [कदल पुरा पाकम, तमिल]"
लेखक: सैंडिलियन (Sandillion)
५.शीर्षक: "सी ऑफ पॉपीज़ (Sea Of Poppies)"
लेखक: अमिताव घोष
६.शीर्षक: "द ग्रेट वॉर ऑफ हिंद (The Great War Of Hind)"
लेखक: वैभव आनंद
७.शीर्षक: "द ग्लास पैलेस (The Glass Palace)"
लेखक: अमिताव घोष
८.शीर्षक: "द कृष्णा की (The Krishna Key)"
लेखक: अश्विन सांघी
९.शीर्षक: "வந்தார்கள் வென்றார்கள், वन्तरकाल वनराकल ", तमिल
लेखक: मदन
१० शीर्षक: "बीसवीं पत्नी (The Twentieth Wife)"
लेखिका: इंदु सुदर्शन
संदर्भ
Https://Tinyurl.Com/36nkhjc6
Https://Tinyurl.Com/32t477cc
Https://Tinyurl.Com/Kjb3d9at
Https://Tinyurl.Com/2p8bmj26
चित्र संदर्भ
1. हिंदी की ऐतिहासिक पुस्तकों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. ओटोमन साम्राज्य की ऐतिहासिक घटना को दर्शाता चित्रण (Pixabay)
3. हाथ में पुस्तकों को पकड़े सैनिकों को दर्शाता चित्रण (PxHere)
4. अमेरिकी ऐतिहासिक फिल्म ब्रेवहार्ट के एक दृश्य को दर्शाता चित्रण (NDLA)
5. खांडव के जंगल को साफ़ करके माया सभा का निर्माण किया गया, को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
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