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हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ के होनहार युवाओं को एक बड़ी खुशखबरी दी गई। जिसके तहत उत्तर प्रदेश सरकार राज्य की राजधानी लखनऊ में देश का सबसे बड़ा स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर (Startup Incubation Center) स्थापित करने की योजना बना रही है। चलिए जानते हैं कि राज्य सरकार और निजी संस्थाओं का यह संयुक्त अभ्यास लखनऊ के युवाओं का भविष्य कैसे बदल सकता है?
स्टार्टअप इनक्यूबेटर एक ऐसा कार्यक्रम होता है, जिसका उद्देश्य नए स्टार्टअप (startup) को सफल होने में सहायता करना है। यह नए उद्यमियों को एक सहयोगी वातावरण प्रदान करता है, जहां उद्यमी व्यवसाय शुरू करने से जुड़ी आम चुनौतियों को पहचान कर उन्हें दूर कर सकते हैं। इनक्यूबेटर, नए स्टार्टअप्स को फलने-फूलने और आगे बढ़ने में मदद करने के लिए विभिन्न प्रकार के साधन तथा सेवाएं प्रदान करते हैं।
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन “Uttar Pradesh Electronics Corporation” (सरकार द्वारा नियुक्त स्टार्ट-अप नोडल एजेंसी (Start-up Nodal Agency) ने पहले ही इस सुविधा के लिए अमौसी हवाई अड्डे (Amausi Airport) के पास उचित जमीन की पहचान भी कर ली है।
राज्य सरकार, स्टार्टअप इनक्यूबेटर के निर्माण और संचालन के लिए केंद्र सरकार के उद्यम सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (Enterprise Software Technology Parks of India (STPI) के साथ भी चर्चा कर रही है। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा परियोजना को लागू करने में एसटीपीआई को शामिल करने के लिए केंद्र सरकार के स्तर पर आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय से संपर्क किया गया है। एसटीपीआई लखनऊ में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGIMS) में मेडिटेक में उत्कृष्टता का पहला केंद्र स्थापित करने में भी राज्य सरकार की सहायता कर रहा है।
यह प्रस्तावित इन्क्यूबेशन सेंटर एक प्लग एंड प्ले मॉडल (plug and play model) का पालन करेगा और वैश्विक मानकों का पालन करेगा, जिसका उद्देश्य स्टार्ट-अप और इनोवेटर्स (innovators) के सपनों को पूरा करने के लिए एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करना है। यह राज्य में सभी सरकारी मान्यता प्राप्त इन्क्यूबेटरों और ई-सेल (e-cell) के लिए एक केंद्र बिंदु के रूप में कार्य करेगा, जिससे वे इसके संसाधनों का लाभ उठा सकेंगे और अपनी क्षमता तथा विकास में वृद्धि कर सकेंगे। इस इन्क्यूबेशन सेंटर के अलावा आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) ने नोएडा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (center of excellence) स्थापित करने का प्रस्ताव भी दिया है। राज्य सरकार, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, आगरा, लखनऊ, कानपुर, बुंदेलखंड क्षेत्र और बरेली सहित विभिन्न शहरों में आईटी पार्क (IT Park) विकसित करने के लिए एसटीपीआई के साथ भी सहयोग कर रही है।
इसी क्रम में आईआईएम लखनऊ (IIM Lucknow) भी उद्यमिता और नवाचार पर केंद्रित एक नया एमबीए (MBA) कार्यक्रम शुरू कर रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भी छात्रों को सफल उद्यमी बनने और नवप्रवर्तन लाने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करना है। संस्थान को उम्मीद है कि इस कार्यक्रम से कम से कम 40% स्नातक एक ऐसा व्यवसाय शुरू करेंगे जो स्नातक होने के एक वर्ष के भीतर ही बाहरी वित्त पोषण या निवेश को आकर्षित करने लगेगा। 1984 में स्थापित आईआईएम लखनऊ भारत का चौथा आईआईएम है। आईआईएम लखनऊ के परिसर में वर्तमान में दो इनक्यूबेटर पहले से हैं, जो उद्यमियों को सहायता और संसाधन प्रदान करते हैं। एमबीए प्रोग्राम के छात्र इन इनक्यूबेटरों द्वारा दी जाने वाली विशेषज्ञता और सहायता से लाभान्वित होंगे।
यह कार्यक्रम आईआईएम लखनऊ के पूर्व छात्रों के साथ परामर्श के अवसर भी प्रदान करता है, जो स्वयं भी सफल उद्यमी हैं। यहाँ पर विदेशी संस्थानों के साथ साझेदारी या इन्क्यूबेटरों के साथ काम करके अंतरराष्ट्रीय उद्यमशीलता का अनुभव प्राप्त करने के विकल्प भी हैं। नया एमबीए प्रोग्राम अगस्त 2023 में शुरू होगा।
इनक्यूबेटरों की अहमियत को समझते हुए स्टार्टअप इंडिया (Startup India) ने भी राष्ट्रीय इनक्यूबेटर क्षमता विकास कार्यक्रम (National Incubator Capacity Development Program)नामक एक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य इनक्यूबेटरों के प्रबंधकों को व्यावहारिक प्रशिक्षण और परामर्श प्रदान करके बढ़ने में मदद करना है।
यह इनक्यूबेटर प्रबंधकों को दीर्घकालिक समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान करेगा ताकि उनके संगठन बड़े शहरों और उभरते शहरों दोनों में विकसित हो सकें। इसके अतिरिक्त, उद्यमियों को अपने विकास का समर्थन करने के लिए अच्छे बुनियादी ढांचे तक पहुंच प्राप्त होगी। कार्यक्रम के लिए पात्र होने के लिए, भारतीय इनक्यूबेटरों में कम से कम पांच कर्मचारी होने चाहिए। इनक्यूबेटरों में वरिष्ठ या मध्यम प्रबंधन पदों से दो प्रतिभागी, जैसे निदेशक, सीईओ (CEO), प्रमुख, ऊष्मायन या पोर्टफोलियो प्रबंधक (portfolio manager) आवेदन कर सकते हैं। टियर-2 (Tier-2) और टियर-3 शहरों में स्थित इन्क्यूबेटरों को प्राथमिकता दी जाएगी। संपूर्ण मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद, शीर्ष 30 इनक्यूबेटरों का चयन किया जाएगा, और फिर एक बाहरी जूरी (Jury) इसे कार्यक्रम के पहले समूह के लिए 20 इनक्यूबेटरों का चयन कर देगी।
संदर्भ
https://tinyurl.com/2p9vc96a
https://tinyurl.com/52ceyuay
https://tinyurl.com/2jfc48ph
चित्र संदर्भ
1. इनक्यूबेशन सेंटर में बैठे युवाओं को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. इनक्यूबेशन सेंटर को दर्शाता चित्रण (IconScout)
3. सेमिनार में बैठी युवतियों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
4. आईआईएम लखनऊ के प्रवेश द्वार को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
5. स्टार्टअप विलेज में एक पैनल चर्चा में भारत के प्रधान मंत्री के सलाहकार श्री सैम पित्रोदा को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
6. एक स्टार्टअप शाखा को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
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