Post Viewership from Post Date to 30-Jun-2023 30th day
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1296 611 1907

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

पुल अगर हों जीर्ण-शीर्ण, तब तो केवट ही पार करा सकते हैं नदिया!

लखनऊ

 24-05-2023 09:17 AM
नदियाँ

रामपुर और बरेली के बीच ग्रामीणों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए 9.25 करोड़ रुपये की लागत से एक पुल का निर्माण किया गया था, हालांकि यह अभी तक चालू नहीं हुआ है। पुल के चालू न होने के कारण लोग आने-जाने के लिए नाव के सहारे नदी पार करने को मजबूर हैं।पुल के मार्ग पर मिट्टी डाल देने की वजह से पुल ऊंचा हो गया है और पुल के पास से गुजर रहीं बिजली की हाईटेंशन लाइनें नीची हो गई हैं। ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इसके लिए सेतु निगम की ओर से पुल को टीन की चादर लगाकर बंद कर दिया गया है।पुल चालू न होने की वजह से ग्रामीणों को आवागमन के लिए 15 से 20 किलोमीटर तक अतिरिक्त सफर तय करना पड़ता है। दरअसल, यह पुल रामपुर और बरेली की कनेक्टविटी के लिए अहम है क्योंकि, क्षेत्रीय लोगों को बरेली जाने के लिए पहले मिलक आना पड़ता है और फिर वे बरेली जा पाते हैं।लेकिन यदिपुल चालू हो जाता है तो क्षेत्र के लोग बरेली सीधे आ-जा सकेंगे। इससे उनके सफर का समयऔर पैसे की बर्बादी दोनों बचेगी।नदी पर पुल तो बन गया है लेकिन सड़क का काम शुरू नहीं हो सका है। पैदल और बाइक वाले भी नदी में पानी अधिक होने के कारण नाव से उतरने को मजबूर हैं।भाखड़ा-सैंजनी नदी बरेली और रामपुर दोनों के लिए अहम है।यदि पुल जल्द चालू हो जाए तो ग्रामीणों को इससे काफी लाभ होगा।हमारे देश में लगभग 173,000 पुल हैं और उनमें से लगभग 36,470 पुल ब्रिटिश राज के तहत बनाए गए थे। 2015 की रेलवे ऑडिट रिपोर्ट (Railway Audit Report) की सबसे हालिया जानकारी के अनुसार, लगभग 6,700 पुलऔर भी पुराने हैं, जिनमें से कुछ का निर्माण 140 साल पहले हुआ था।इनमें से कई पुल तकनीकी रूप से खराब हैं,जिसका अर्थ है कि वे जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं।इन पुलों का उपयोग लोगों को जोखिम में डाल सकता है, तथा इनकी तत्काल मरम्मत या सुदृढीकरण करने की आवश्यकता है।भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली केंद्र का अनुमान है कि कम से कम 5,300 पुल संरचनात्मक रूप से संकटग्रस्त हैं और उन पर ध्यान देने कीतत्काल आवश्यकता है।2018मेंअकेले उत्तर प्रदेश में 226 खराब पुल थे। कई लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए पुलों का उपयोग करना पड़ता है। लगभग 5,000 से अधिक पुलों को मरम्मत की आवश्यकता है, और इस प्रकार इन पुलों के माध्यम से यात्रा करके भारतीय यात्री हर दिन अपनी जान जोखिम मेंडालते हैं।गुजरात में कुछ समय पूर्व एक पुल के गिरने से 135 लोगों की मौत हो गई थी, जिसने पूरे भारत में उन हजारों अन्य पुलों की सुरक्षा से सम्बंधित चिंता उत्पन्न की है, जिनका निर्माण औपनिवेशिकयुग के दौरान हुआ था।मोरबी में मौजूद पुल एक सदी से अधिक पुराना था,जो कि टूटते ही दो टुकड़ों में विभाजित हो गया। इस समय अनेकों लोग नदी पर शाम का आनंद लेने के लिए इकट्ठा हुए थे। पुल के बीच में खड़े लोगों में से कई नदी में गिर गए और डूब गए, जबकि अन्य नीचे मौजूद पत्थरों और शिलाखंडों पर गिरने के कारण मारे गए। इस घटना के बाद से भारत के अन्य पुराने पुलों को लेकर भी भय बढ़ रहा है।इंडियन इंस्टीट्यूशन ऑफ ब्रिज इंजीनियर्स (Indian Institution of Bridge Engineers) के सदस्य का कहना है कि कई संकटग्रस्त और पुराने पुलों का संरचनात्मक रूप से ऑडिट नहीं किया गया है। यह चिंता का विषय है, क्यों कि अंग्रेजों द्वारा बनाए गए पुल कम भार वाली वस्तुओं को ही वहन कर सकते थे।सरकार को हर तीन से चार साल में पुल की संरचना का ऑडिट करना चाहिए।कंक्रीट की गुणवत्ता की जांच करने के लिए स्ट्रेन गॉज सेंसर (strain gauge sensor) का उपयोग करना चाहिए ताकि यह भी पता चल सके कि वे भार उठाने योग्य हैं, या नहीं। आधुनिक पुलों में, ध्वनि संकेत के लिए संरचना में सेंसर लगे होते हैं, लेकिन भारत के पुराने पुलों में इनका अभाव है।2018 में, एक संसदीय समिति ने पाया कि भारत के रेलवे पुल यात्रियों के लिए एक जोखिम थे और उन्हें अपग्रेड करने की सख्त जरूरत थी।संसदीय समिति नेसंकटग्रस्त पुलों की मरम्मत में अत्यधिक देरी के लिए रेलवे को फटकार भी लगाई, क्यों कि संकटग्रस्त पुलों की मरम्मत पर ध्यान न देने सेयात्रियों की सुरक्षा से समझौता किया जा रहा है।संसदीय समितिकी रिपोर्ट में पुराने ब्रिटिश पुलों कीगुणवत्ता के लिए उनकी प्रशंसा भी की गई।रिपोर्ट में कहा गया, कि जबकि ब्रिटिश शासन के दौरान निर्मित कुछ रेलवे पुल अच्छी स्थिति में हैं, वहीं स्वतंत्रता के बाद निर्मित अनेकों पुल घटिया गुणवत्ता के हैं और उन्हें लगातार मरम्मत की आवश्यकता है।

संदर्भ:
https://bit.ly/41SoMF5
https://bit.ly/41Y3fLk
https://bit.ly/3MpTpfs

 चित्र संदर्भ
1. नाव से नदी को पार करते ग्रामीणों को दर्शाता चित्रण (Flickr)
2. ग्रामीण भारत के एक सड़क पुल को दर्शाता चित्रण (Flickr)
3. एक गिरे हुए पुल को दर्शाता चित्रण (Pixabay)
4. पुल पर बैठे हुए बैल को संदर्भित करता एक चित्रण (Wallpaper Flare)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM


  • जानिए, क्या हैं वो खास बातें जो विदेशी शिक्षा को बनाती हैं इतना आकर्षक ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     11-11-2024 09:38 AM


  • आइए,आनंद लें, फ़्लेमेंको नृत्य कला से संबंधित कुछ चलचित्रों का
    द्रिश्य 2- अभिनय कला

     10-11-2024 09:36 AM


  • हमारे जीवन में मिठास घोलने वाली चीनी की अधिक मात्रा में सेवन के हैं कई दुष्प्रभाव
    साग-सब्जियाँ

     09-11-2024 09:32 AM


  • पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान और स्थानीय समुदायों को रोज़गार प्रदान करती है सामाजिक वानिकी
    जंगल

     08-11-2024 09:28 AM


  • राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस: जानें प्रिसिशन ऑन्कोलॉजी नामक कैंसर उपचार के बारे में
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     07-11-2024 09:26 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id