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नमस्कार उत्तर प्रदेश! क्या आप जानते हैं कि अब हम जल्द ही राज्य में निर्माण कार्य के लिए पुराने पेड़ों को काटने के बजाय उन्हें दूसरे अलग स्थान पर स्थानांतरित करके पेड़ों को बचाने में मदद कर सकेंगे। राज्य सरकार इसके लिए एक नीति बनाने की तैयारी कर रही है। वृक्ष का स्थानांतरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें किसी पेड़ को काटने के बजाय उचित प्रकार से एक स्थान से उखाड़कर दूसरे अलग स्थान पर फिर से लगाया जाता है। पूर्ण वृक्ष स्थानांतरण परियोजना के परीक्षण के अंतर्गत लखनऊ, रायबरेली, वाराणसी और आगरा में पुराने पेड़ों को एक अलग स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है। पूर्ण वृक्ष स्थानांतरण उन बड़े या पुराने पेड़ों को स्थानांतरित करने में सक्षम बनाता है जो पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण हैं और जिनकी ऊंचाई 10 फीट से ज्यादा होती है। इस परीक्षण के बाद एक राज्य स्तरीय समिति ने बड़ी व्यावसायिक परियोजनाओं के लिए ऐसे पेड़ों को स्थानांतरित करने की सिफारिश की है।
2020-21 में हमारे शहर लखनऊ में पांच पेड़ों को स्थानांतरित किया गया था और आज ये सभी पेड़ जीवित है। परीक्षणों से पता चलता है कि पेड़ों को स्थानांतरित करने के बाद 50% से 80% से अधिक पेड़ जीवित रहते हैं। प्रत्येक पेड़ को स्थानांतरित करने हेतु अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया, कटाई हेतु अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया के समान ही है। ऐसी अनुमति वन विभाग से प्राप्त की जाती है। किसी वृक्ष के स्थानांतरण के लिए एक समिति द्वारा पहले मूल्यांकन किया जाता है जिसके बाद समिति द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार स्थानांतरण का कार्य किसी अनुभवी कंपनी द्वारा किया जाता है।
किसी भी नए पेड़ को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उत्पन्न करने में कम से कम दो से दस साल तक का समय लगता है। इसलिए पुराने पेड़ों को काटने के बजाय बचाना ही सही विकल्प है। इसके अलावा, जब हमारा राज्य अपने हरित आवरण को वर्तमान 9.23% से बढ़ाकर 15% करने का प्रयास कर रहा है, तो पेड़ों को काटने के बजाय स्थानांतरित करना एक अच्छा विकल्प साबित होगा।
वृक्ष के स्थानांतरण के संदर्भ में पेड़ के आकार, संख्या और मूल जगह और स्थानांतरित करने की जगह के बीच की दूरी के आधार पर, वृक्षों को स्थानांतरित करने में 5,000 रुपए से 50,000 रुपए के बीच का खर्चा आ सकता है। कभी-कभी एक औसत आकार के पेड़ को स्थानांतरित करने की लागत लगभग 1 लाख रुपये भी आ सकती है, जिसमें स्थानांतरण के बाद की देखभाल भी शामिल है। हालांकि, पेड़ का पारिस्थितिक मूल्य हमेशा ही स्थानांतरण लागत से कहीं अधिक होता है।
हाल ही में, हमारे लखनऊ शहर में भी एक पीपल के पेड़ को स्थानांतरित किया गया था। लखनऊ के मोहनलालगंज-गोसाईगंज इलाके से लाए गये इस पेड़ को मशीन की मदद से पहले उखाडा गया। इसके बाद इस विशेष मशीन का उपयोग पेड़ को नए स्थल पर रोपण करने के लिए भी किया गया।
पहली बार पूर्ण विकसित पेड़ों का स्थानांतरण 2011 में दिल्ली में किया गया था। ‘ग्रीन सर्कल’ (Green Circle) नामक एक संगठन ने लोधी गार्डन के सामने स्थित पांच बकुल के पेड़ों को बगीचे के अंदर स्थानांतरित किया था। तब से, वृक्ष प्रत्यारोपण और स्थानांतरण सेवाएं प्रदान करने वाले कई व्यवसाय अस्तित्व में आए हैं। पेड़ो के स्थानांतरण के लिए समय, धैर्य और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह एक जटिल और नाजुक प्रक्रिया है।
सबसे पहले, जड़ों को मिट्टी से अलग करने के लिए पेड़ के चारों ओर की मिट्टी को खोदा जाता है। पेड़ की बड़ी शाखाओं को काट दिया जाता है, और पुनर्जनन के लिए केवल छोटी टहनियों को रखा जाता हैं। जड़ों को बचाने और पेड़ में पानी की मात्रा बरकरार रखने के लिए पेड़ की जड़ों को गीली बोरियों से ढक दिया जाता है। पेड़ को नए प्रकार की मिट्टी में अनुकूलन और पुनर्जनन करने हेतु पहले नर्सरी (Nursery) में भेजा जाता है। जब पेड़ पर नए अंकुर आने लगते हैं, तब पेड़ को नए स्थान पर लगाया जाता है।
हालांकि सभी पेड़ों का प्रत्यारोपण नहीं किया जा सकता है। जबकि पीपल, फिकस, सेमल और शीशम जैसे पेड़ों को पुनः रोपित किया जा सकता है, किंतु डाक, पलाश, अर्जुन, शहतूत और झिलमिल जैसे पेड़ों को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। कोई भी पेड़, जिसमें मूसला जड़ प्रणाली (tap root system) होती है, उसे प्रत्यारोपित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इन पेड़ों की जड़ मिट्टी में गहराई तक होती है, और बिना क्षति के इसे अलग करना संभव नहीं है। इसके साथ ही 80-90 सेमी से अधिक के तने की परिधि वाले किसी भी पेड़ को स्थानांतरित करना अत्यधिक कठिन होता है। हालांकि, वृक्षों को स्थानांतरित करने में कुछ परेशानियां हो सकती हैं किंतु स्थानांतरण प्रक्रिया के द्वारा जितने भी वृक्षों को बचाया जा सकता है, बचाया जाना चाहिए। वृक्षों का स्थानांतरण वृक्षों को काटने का एक उत्तम विकल्प है।
अतः हम अब आशा कर सकते है कि, निर्माण कार्य के लिए पुराने पेड़ों को काटने के बजाय उन्हें स्थानांतरित कर के पेड़ों को बचाने में मदद की जा सकती है। इस तरह, हम अपने पारिस्थितिकी तंत्र को भी सुरक्षित रख सकेंगे।
संदर्भ
https://bit.ly/41L7wBC
https://bit.ly/3MckdzQ
https://bit.ly/3IiIHpO
चित्र संदर्भ
1. वृक्ष के स्थानांतरण को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. वृक्ष के स्थानांतरण की तैयारियों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. हवा में उखाड़े गए एक विशाल पेड़ को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
4. स्थानांतरण के बाद एक पेड़ को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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