Post Viewership from Post Date to 24-Jun-2023 30th day
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1604 459 2063

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

घनी आबादी व सघन खेती वाले हमारे राज्य में, स्थानीय जलवायु क्रियाएं लाएंगी सतत विकास

लखनऊ

 13-05-2023 10:15 AM
जलवायु व ऋतु

58,000 से अधिक ग्राम पंचायतों और 750 शहरी स्थानीय निकायों के साथ 250 दशलक्ष से अधिक आबादी वाला हमारा राज्य उत्तर प्रदेश जनसंख्या के मामले में देश का सबसे बड़ा राज्य है। और यही कारण है कि हमारा राज्य जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए अत्यधिक संवेदनशील है। जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप मानव और पशु जीवन का व्यापक नुकसान होता है और पर्यावरण के साथ-साथ निजी तथा सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान होता है। वर्ष 1969 से 2019 के बीच, राज्य ने बाढ़ की 2539 घटनाओं, विनाशकारी शीतलहर के 17144 दिनों, विनाशकारी गर्मी की लहर के 6726 दिनों और आसमानी बिजली गिरने के 720 दिनों का सामना किया है।
राज्य के लगभग 50 जिले उच्च से मध्यम रूप से जलवायु संबंधी खतरों के लिए संवेदनशील हैं और यह संवेदनशीलता इस शताब्दी के मध्य में और भी अधिक बढ़ने का अनुमान है। इस परिदृश्य को देखते हुए, राज्य सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र (United Nations) और जी-20 (G-20) शिखर सम्मेलन के स्पष्ट आह्वान पर जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कार्रवाई करने हेतु प्रयास शुरू कर दिए हैं। क्लाइमेट ट्रेंड्स (Climate Trends) द्वारा हाल ही में किए गए ‘मतदाताओं की धारणा’ सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य के अधिकांश लोगों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, क्योंकि, जलवायु परिवर्तन उत्तर प्रदेश को कई तरह से प्रभावित कर रहा है जैसे कि कृषि उत्पादकता कम करने से लेकर बाढ़ की संभावना बढ़ाने तक। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि प्रधान है और हमारा राज्य भारत का सबसे बड़ा अनाज उत्पादक राज्य है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा भी 2019 में स्वीकार किया गया कि जलवायु परिवर्तन से राज्य के गेहूं, मक्का, आलू और दूध के उत्पादन में कमी आने की उम्मीद है। तेजी से बढ़ रही गर्मी के कारण हिमालय में ग्लेशियरों का पिघलना भी राज्य को प्रभावित कर रहा है, क्योंकि हमारा राज्य गंगा बेसिन में स्थित है। अगस्त 2021 के एक अध्ययन में पाया गया कि बर्फ और ग्लेशियरों के लगातार पिघलने से सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों के पानी में वृद्धि होगी और निचले इलाकों में बाढ़ के खतरे के बढ़ने के साथ-साथ बदले हुए मौसम से खेती, अन्य आजीविका क्षेत्र और जलविद्युत क्षेत्र भी प्रभावित होंगे।
घनी आबादी और सघन खेती वाला राज्य होने के कारण राज्य में गंगा बेसिन में आज तक 70% से अधिक भूजल का उपभोग किया जा चुका है। 2020 में 27 वर्षों में पहली बार, उत्तर प्रदेश, उत्तरी अफ्रीका (North Africa) और अरब प्रायद्वीप (Arabian Peninsula) पर जलवायु परिवर्तन के कारण असामान्य रूप से हुई भारी बारिश के कारण उत्पन्न हुए टिड्डियों के हमलों से भी प्रभावित हुआ था।
ऐसे में, राज्य के कुछ प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्रों में राज्य में औद्योगिक प्रदूषण की जांच करने, वनीकरण को बढ़ावा देने और एक आकर्षक इलेक्ट्रिक-वाहन नीति पेश करने जैसे जलवायु परिवर्तन के मुद्दों को प्राथमिकता के साथ सूचीबद्ध किया गया है। जलवायु परिवर्तन के न्यूनीकरण हेतु राजनीतिक प्राथमिकता एक तत्काल आवश्यकता है। साथ ही हमें, मतदाताओं और राजनेताओं के रूप में, पर्यावरण, जलवायु संकट, ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming), प्रदूषण, प्लास्टिक, कृषि और मिट्टी की नमी, ‘आनुवांशिक रूप से रूपांतरित जीव’ (Genetically Modified Organisms) आदि मुद्दों पर बात करनी चाहिए। जलवायु परिवर्तन सतत विकास के लिए एक बड़ा खतरा है और इसके व्यापक प्रभाव सबसे गरीब और कमजोर लोगों पर बड़ा बोझ डालते हैं। जलवायु परिवर्तन को रोकने और इसके प्रभावों से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई सभी सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals (SDG) को सफलतापूर्वक प्राप्त करने का अभिन्न अंग है। तापमान में निरंतर वृद्धि के कारण जलवायु परिवर्तन के प्रभाव समय के साथ और भी बदतर होने की संभावना है। भारत मौसम की चरमघटनाओं के लिए अत्यधिक संवेदनशील देश है, और इसलिए समय की मांग है कि भारत में नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों में जलवायु कार्रवाई को मुख्यधारा में लाने के लिए राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर पहल की जाए।
इसलिए उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा निकट भविष्य के लक्ष्यों के लिए सुसंगत और दीर्घकालिक दृष्टि हेतु, एसडीजी 2030 को समन्वित करते हुए जलवायु परिवर्तन के लिए ‘उत्तर प्रदेश राज्य कार्य योजना’ (UP State Action Plan for Climate Change (UPSAPCC) को संशोधित और शुरू किया गया है। योजना के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु यह कार्य योजना निगरानी और मूल्यांकन ढांचे के साथ वित्तीय संसाधनों को भी लक्षित करती है। राज्य द्वारा जलवायु अनुकूलन और लचीलेपन के स्थानीयकरण के लिए महत्वपूर्ण प्रयास भी किए जा रहे हैं। 2022 में सरकार ने पंचायतों के सम्मेलन (Conference of Panchayats (CoP) में ग्राम पंचायतो से राज्य में स्थानीय जलवायु क्रियाओं को बढ़ाने का भी आग्रह किया है। स्थानीय जलवायु क्रियाओं को सक्षम करने के लिए ‘जलवायु परिवर्तन पर जिला कार्य योजना’ (District Action Plans on Climate Change (DAPCC) और जलवायु स्मार्ट ग्राम योजनाएं भी विकसित की जा रही हैं। इसके अलावा, राज्य ने ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (Gram Panchayat Development Plans (GPDP) के माध्यम से सभी ग्राम पंचायतों की क्षमता को मुख्यधारा में लाने और स्थानीय नियोजन प्रक्रिया में जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और लचीलेपन को एकीकृत करने की यात्रा शुरू की है। इसी के साथ, राज्य में जन जागृति और ज्ञान के प्रसारण, वित्तीय प्रबंधन तथा अनुसंधान के लिए भी प्रयास चल रहे हैं।
जलवायु परिवर्तन न्यूनीकरण एक वैश्विक समस्या है लेकिन इसे स्थानीय स्तर पर ही हल करना होगा। इससे निपटने के लिए, राष्ट्र बनाम राज्य विभाजन नहीं हो सकता। वास्तव में, भारत राज्यों के योगदान के बिना अपने जलवायु लक्ष्यों को हासिल नहीं कर सकता। इसलिए राज्य स्तर पर भी इसे प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है और इसके लिए प्रत्येक स्तर पर सतत प्रयास किए जाने चाहिए।

संदर्भ
https://bit.ly/3Lh08Ys
https://bit.ly/42ggM1n

चित्र संदर्भ
1. ट्रैक्टर से खेत जोतते किसानों को दर्शाता एक चित्रण (ICRISAT)
2. अपने खेत में खड़े किसान को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)
3. खेत में कीटनाशक छिड़कते किसान को दर्शाता एक चित्रण (PixaHive)
4. खेत में प्रसन्न खड़े किसान को दर्शाता एक चित्रण (Max Pixel)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • नदियों के संरक्षण में, लखनऊ का इतिहास गौरवपूर्ण लेकिन वर्तमान लज्जापूर्ण है
    नदियाँ

     18-09-2024 09:20 AM


  • कई रंगों और बनावटों के फूल खिल सकते हैं एक ही पौधे पर
    कोशिका के आधार पर

     17-09-2024 09:18 AM


  • क्या हमारी पृथ्वी से दूर, बर्फ़ीले ग्रहों पर जीवन संभव है?
    पर्वत, चोटी व पठार

     16-09-2024 09:36 AM


  • आइए, देखें, महासागरों में मौजूद अनोखे और अजीब जीवों के कुछ चलचित्र
    समुद्र

     15-09-2024 09:28 AM


  • जाने कैसे, भविष्य में, सामान्य आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, पार कर सकता है मानवीय कौशल को
    संचार एवं संचार यन्त्र

     14-09-2024 09:23 AM


  • भारतीय वज़न और माप की पारंपरिक इकाइयाँ, इंग्लैंड और वेल्स से कितनी अलग थीं ?
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     13-09-2024 09:16 AM


  • कालिदास के महाकाव्य – मेघदूत, से जानें, भारत में विभिन्न ऋतुओं का महत्त्व
    जलवायु व ऋतु

     12-09-2024 09:27 AM


  • विभिन्न अनुप्रयोगों में, खाद्य उद्योग के लिए, सुगंध व स्वाद का अद्भुत संयोजन है आवश्यक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     11-09-2024 09:19 AM


  • लखनऊ से लेकर वैश्विक बाज़ार तक, कैसा रहा भारतीय वस्त्र उद्योग का सफ़र?
    मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

     10-09-2024 09:35 AM


  • खनिजों के वर्गीकरण में सबसे प्रचलित है डाना खनिज विज्ञान प्रणाली
    खनिज

     09-09-2024 09:45 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id