रामपुर रज़ा पुस्तकालय बेशकीमती पाण्डुलिपियां, किताबों के साथ-साथ ऐतिहासिक वस्तुओं का संग्रहालय भी है। इस संग्रह में सिक्के, खगोलीय उपकरण, मूर्तियां, हथियार आदि शामिल हैं। रामपुर के नवाबों ने खास कर नवाब वाजिद अली शाह ने दूर दराज़ से इन अनमोल चीजों को प्राप्त किया तथा उनका जतन किया। रामपुर रज़ा पुस्तकालय का शस्त्रों का संग्रह काफी दिलचस्प है। इसमे ख़ंजर, तलवार, फरसा, कुल्हाड़ी आदि हथियार हैं और साथ ही उनके खुबसूरत नक्काशी किये हुए म्यान,आवरण आदि भी हैं। ज्यादातर हथियार मुग़ल काल के हैं। खतरनाक हथियार देखने में बड़े लुभावने अंदाज़ में बनाए गए हैं। सोने का वर्ख, पानी तथा सोने का इस्तेमाल करके लोहे के हत्यारों को सुन्दरता से सहेजा है। हरिताश्म तथा हस्तिदंत का भी इस्तेमाल किया गया है। रज़ा पुस्तकालय में रखे गए कुछ हथियार और उनकी तस्वीरें साथ में जोड़ी गयी हैं। यह बहुतायत से 17वी शताब्दी के हैं। चित्र 1: मुग़लकालीन म्यान में रखा ख़ंजर जिसपर सोना और मनकाओं का इस्तेमाल करके पुष्पों की नक्काशी की गयी है तथा उसकी मुठिया की सरंचना शेर के मुह की है। चित्र 2: मुग़लकालीन ख़ंजर जिसपर घोड़े के मुह की प्रतिमा पर बनी हुई हरिताश्म की मुठिया है। चित्र 3: छोटे डंडे वाला सोने का डिजाईन एवं मुलामा दिया हुआ फरसा। चित्र 4: कुल्हाड़ी जिसपर सोने से फूलों की नक्काशी की गयी है। 1. रज़ा लाइब्ररी, रामपुर, राज भवन, लखनऊ, उत्तर प्रदेश और भगवन शंकर (आई.ए.एस.), डाइरेक्टर, नॉर्थ सेंट्रल ज़ोन कल्चरल सेंटर, इलाहाबाद।
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