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यह एक तथ्य हैं कि अधिकांश सफल व्यवसायों में एक समान विशेषता होती हैं; उनमें उचित समय पर महत्वपूर्ण निर्णय लेने की क्षमता होती है जो आंकड़ों (Data) की सहायता से ही संभव है। आज के डिजिटल युग में आंकड़े सबसे मूल्यवान संपत्ति बन गए हैं, क्योंकि इनके द्वारा किसी संस्था के ग्राहकों, उनके व्यवहार और उद्योग के रुझान के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस जानकारी का विशेष निर्णय लेने में लाभ उठाया जा सकता है। हालांकि, निर्णय लेने हेतु हमारे विचार, अंतर्ज्ञान, या स्वाभाविक भावना जैसे कारक भी महत्त्वपूर्ण होते है। किसी भी कार्य के लिए निर्णय लेते समय अंतर्ज्ञान पर विश्वास रखना अत्यंत आवश्यक हैहैं। हालांकि निर्णय लेते समय अंतर्ज्ञान एक मार्गदर्शक के रूप में आपको एक विशेष पथ पर ले जाता है, किंतु आंकड़ों को हम सत्यापित कर सकते हैं, समझ सकते हैं, इनकी मात्रा निर्धारित कर सकते हैं और परिणाम स्वरूप उचित निर्णय ले सकते हैं।
आंकड़ों द्वारा संचालित निर्णय (Data-driven decision-making) प्रक्रिया, आपकी साधारण निर्णय प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए आंकड़ों का उपयोग करने की प्रक्रिया होती है। निर्णय लेने की प्रक्रिया में आंकड़ों को सटीक रूप से शामिल करना कई कारकों पर निर्भर करता हैं, जैसे कि आपके लक्ष्य, उपलब्ध आंकड़ों के प्रकार और गुणवत्ता आदि।
प्राइसवाटरहाउसकूपर्स इंटरनेशनल लिमिटेड (PricewaterhouseCoopers International Limited (PwC) के एक शोध के अनुसार, आंकड़ों द्वारा संचालित संगठनों का प्रदर्शन अपने प्रतिस्पर्धियों से लाभप्रदता के आधार पर 6% और उत्पादकता के आधार पर 5% बेहतर होता है । लेकिन यह तभी संभव है जब कोई संगठन आंकड़ों का उपयोग उचित निर्णय लेने के लिए करता हैं। आज, कई संगठनों के पास आंकड़ों का विश्लेषण करने के लिए रणनीति और उपकरण मौजूद हैं। जैसे-जैसे उद्योग विकसित होते हैं, उद्योगों के मुख्य सूचना अधिकारी (CIO) ऐतिहासिक आंकड़ों को, सांख्यिकीय मॉडलिंग (Statistical Modeling), डेटा माइनिंग तकनीकों (Data Mining Techniques) और मशीन लर्निंग (Machine Learning) के साथ जोड़ रहे हैं ताकि निर्णय लेने के कारकों में सुधार हो सके। फिर भी, 50% से भी कम सीआईओ और कंपनियों के निर्णय आंकड़ों पर आधारित होते हैं। कई प्रणालियों के माध्यम से हर सेकंड बहुत ज्यादा आंकड़े उत्पन्न होने के कारण, संगठनों द्वारा अपनी अंतर्दृष्टि को सुव्यवस्थित करना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, आज कुछ सबसे बड़े और सबसे सफल संगठन, प्रभावी व्यावसायिक निर्णय लेते समय अपने लाभ के लिए आंकड़ों का उचित उपयोग भी करते हैं।
फॉर्च्यून 500 (Fortune 500) में सूचीबद्ध कई संगठनों द्वारा डेटा परिचालन के लिए बड़े पैमाने पर सिस्टम, एप्लिकेशन और उत्पाद (Systems, Applications and Products (SAP) और ओरेकल (Oracle) डेटाबेस (databases) जैसे पारंपरिक उद्यम संसाधन योजना (Enterprise Resource Planning (ERP) प्रणालियों का उपयोग किया जा रहा है। आज इन प्रणालियों का उपयोग व्यवसायों में आम बात है, परंतु केवल कुछ ही प्रणालियां निर्णय लेने के लिए आंकड़ों का उचित उपयोग कर सकने में सक्षम होती हैं। एक अन्य तथ्य यह भी है कि जबकि, 80% आसान निर्णय केवल 50% आंकड़ों के साथ लिए जा सकते हैं, किंतु 20% निर्णय जोकि अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, को लेने से पहले आंकड़ों का विश्लेषण आवश्यक हो जाता है। व्यवसायों की तरह ही, किसी देश की सरकार के लिए भी उस देश के आंकड़ों के आधार पर निर्णय लेना देश की अर्थव्यवस्था की सफलता एवं जनता की खुशहाली के लिए आवश्यक है। उभरती हुई तकनीक और प्रौद्योगिकियों पर आधारित सेवाओं का उपयोग किसी शासन में दक्षता और पारदर्शिता हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण चालक हो सकते है। हालांकि किसी भी देश के सरकारी आंकड़े मात्रा में बहुत ज्यादा होते हैं। इसलिए, सरकार द्वारा आंकड़ों द्वारा संचालित निर्णयों के माध्यम से शासन में प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए सबूत-आधारित निगरानी और नए समाधान विकसित करने की तत्काल आवश्यकता होती है।
‘स्मार्ट गवर्नेंस’ स्वाभाविक रूप से दिन-प्रतिदिन के कामकाज में आंकड़ों द्वारा संचालित निर्णय लेने, पारदर्शिता, जवाबदेही, समावेशन और स्थिरता को अपनाता है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए भारत में भी आंकड़ों के आधार पर कई ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं जो सरकार को स्मार्ट गवर्नेंस (Smart Governance) की दिशा की ओर ले जा रहे हैं। इससे भारत को एक सुनियोजित शहरीकरण की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा। इससे नए व्यवसायों को आकर्षित करने, आर्थिक विकास को गति देने और फलस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था को बदलने में मदद मिलेगी । स्मार्ट गवर्नेंस के लिए प्रौद्योगिकियों द्वारा आंकड़ों के प्रभावी उपयोग की भारत और दुनिया भर में सफलता की कई कहानियां हैं। जैसे की–
१.नागरिकों को सरकारी सेवाएं प्रदान करने के लिए भारत में ‘आधार डिजिटल पहचान पत्र ’ (Aadhaar Digital ID) कार्यक्रम का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है।
२. ‘आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन’ (Ayushman Bharat Digital Mission) देश में एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन कर रहा है, जिसमें अद्वितीय ‘आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता’ आईडी (ABHA ID) का निर्माण शामिल है, जो विभिन्न स्वास्थ्य प्रदाताओं से जुड़ा होगा।
३.स्मार्ट सिटीज मिशन (Smart Cities Mission) शहरों को बुनियादी ढांचा, स्वच्छ और टिकाऊ वातावरण प्रदान करने और ‘स्मार्ट समाधान’ का उपयोग करके अपने नागरिकों को जीवन की एक अच्छी गुणवत्ता प्रदान करने के लिए बढ़ावा देता है। इसका उद्देश्य शहरों की रहने की क्षमता, आर्थिक क्षमता और स्थिरता सुनिश्चित करना है। मिशन के कार्यान्वयन के साथ ही, भारतीय स्मार्ट शहरों में आंकड़े उत्पन्न होना शुरू हो गया। इसलिए, आंकड़ों की गुणवत्ता का आकलन और रखरखाव करने के लिए, डेटास्मार्ट सिटीज़ स्ट्रैटेजी (Data Smart Cities Strategy (DCS), ओपन डेटा पोर्टल (Open Data Portal), डेटा मैच्योरिटी असेसमेंट फ्रेमवर्क (Data Maturity Assessment Framework (DMAF) और सिटी डेटा पॉलिसी (City Data Policy (CDP) को 2019 में कई अन्य पहलों के साथ पेश किया गया था। आंकड़े एक प्रकार का संसाधन होते हैं जिनका हम लाभ उठा सकते हैं। आंकड़ों द्वारा संचालित निर्णय सूचित निर्णयों का समर्थन करने में मदद करते हैं, विभागीय और शहर स्तर पर लक्ष्यों को निर्धारित करने में सहायता करते हैं, प्रभावी नीति निर्माण के लिए आधार के रूप में कार्य करते हैं और पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने में भी मदद करते हैं।
आंकड़े कई भूमिकाएँ निभाते हैं । एक ओर, यह हमें हमारे द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय के प्रभाव को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकते हैं। दूसरी ओर , आंकड़े हमारे अंतर्ज्ञान की तुलना में तार्किक और ठोस होते हैं। आंकड़ों द्वारा संचालित निर्णय व्यावसायिक निर्णयों से व्यक्तिपरक तत्वों को हटाकर, संस्था में विश्वास पैदा कर सकते हैं। यह विश्वास संगठन को किसी विशेष दृष्टि या रणनीति के प्रति अत्यधिक चिंतित हुए बिना पूरी तरह से प्रतिबद्ध होने की अनुमति देता है। पर्याप्त अभ्यास और आंकड़े के सही प्रकार और मात्रा को देखकर, इसका अधिक सक्रिय तरीके से लाभ उठाना संभव है। अब ज्यादातर संस्थाओं द्वारा व्यापक आंकड़ों का उपयोग परिचालन दक्षता में सुधार के लिए किया जा रहा है।
ऐसा अनुमान है कि चीन (China) और अमेरिका (America) आंकड़ों के आधार पर संचालित दो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence (AI) महाशक्तियों के रूप में उभर सकते हैं। वैसे विश्व के 30 शीर्ष आंकड़े उत्पादक देशों में अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) और चीन क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान पर है; जबकि भारत चौबीसवे क्रमांक पर आता है।
इसलिए, एक कुशल आंकड़ों द्वारा संचालित संगठन और सरकार बनने के लिए, व्यवसायों तथा सरकार को भरोसेमंद आंकड़ों तक पहुंच प्रदान करने और डेटा साक्षर संस्कृति विकसित करने के लिए व्यापक तौर पर आंकड़ों को संचालित कर सकने की क्षमताओं के साथ संयुक्त उद्यम डेटा कैटलॉग (Data catalogue) की आवश्यकता होती है। संगठनों को आंकड़ों द्वारा संचालित निर्णय लेने की संस्कृति का निर्माण करके रणनीतिक निर्णय लेकर पर्याप्त व्यावसायिक लाभ का उत्पादन करना चाहिए।
संदर्भ
https://bit.ly/40bzsOj
https://bit.ly/41rX3LN
https://bit.ly/418uiUP
https://bit.ly/41csIky
https://bit.ly/3KHHau5
चित्र संदर्भ
1. आंकड़ों का आंकलन करती एक युवती को दर्शाता एक चित्रण (PixaHive)
2. डेटा विश्लेषण को दर्शाता एक चित्रण (IconScout)
3. आंकड़ों के विश्लेषण को दर्शाता एक चित्रण (Pixabay)
4. डेटा साइंस प्रक्रिया को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
5. कृत्रिम बुद्धिमत्ता को संदर्भित करता एक चित्रण (wikipedia)
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