जनसंख्या के लिहाज से, तकरीबन हमारे रामपुर शहर जितनी ही आबादी वाले एक यूरोपीय शहर, बर्नो (Brno) को यूरोप (Europe) के सबसे बड़े प्रदर्शनी स्थलों में से एक माना जाता है। इसके इतिहास और संस्कृति से जुड़े कई रोचक तथ्यों से हम आपको आज इस लेख के द्वारा अवगत कराने जा रहे हैं ।
बर्नो, चेक गणराज्य (Czech Republic) का दूसरा सबसे बड़ा शहर है, जो देश के दक्षिण मोरावियन क्षेत्र (South Moravian Region) में स्थित है। इस शहर की आबादी लगभग 380,000 है, जो इसे देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर बनाती है ।
बर्नो शहर कभी मोराविया (Moravia) की राजधानी हुआ करता था किंतु अब यह शहर, चेक न्यायपालिका का केंद्र माना जाता है। बर्नो शहर का अपना एक समृद्ध इतिहास रहा है। 1243 में बोहेमिया (Bohemia) के राजा द्वारा इसे आधिकारिक तौर पर, एक शहर के रूप में मान्यता दी गई थी। 14वीं शताब्दी के दौरान इस शहर ने राजनीतिक, कानूनी और वित्तीय सभाओं की मेजबानी करते हुए इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हुसाइट युद्धों (Hussite Wars) के दौरान दो बार घिरे होने के बावजूद, बर्नो नागरिक, रोमन सम्राट के प्रति वफादार रहे।
लगभग तीस साल चले युद्ध के दौरान, बर्नो ने स्वीडन के द्वारा की गई घेराबंदी के खिलाफ सफलतापूर्वक अपना बचाव किया, जिसके पुरस्कार के रूप में इस शहर ने नए विशेषाधिकार अर्जित किए, जिसके परिणाम स्वरूप युद्ध के बाद के वर्षों में यह शहर एक अभेद्य किला बन गया। 18 वीं शताब्दी के दौरान बर्नो, एक औद्योगिक केंद्र बन गया और 1918 से 1938 के बीच पहले गणराज्य के दौरान भी इसके महत्व में वृद्धि जारी रही।
किंतु दुर्भाग्य से, 1939 में बर्नो शहर पर नाजी जर्मनी (Nazi Germany) द्वारा कब्जा कर लिया गया था, जिसके बाद सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को बंद कर दिया गया था। लेकिन इन कठिन परिस्थितियों के बावजूद, बर्नो शहर आज भी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाला एक जीवंत शहर बना हुआ है।
बर्नो चेक गणराज्य के उस स्थान पर स्थित है जहां दो नदियां, स्वितवा (Svitava) और स्वरात्का (Svartka) मिलती हैं, और इन नदियों से वीरका (Virka,), पोनावका (Ponávka) और रिक्का (Říčka) नामक छोटी धाराएं भी निकलती हैं। स्वितवा नदी लगभग 29 किमी (18 मील) और स्वरात्का नदी 13 किमी (8 मील) तक शहर में बहती है। बर्नो की एक लंबी थिएटर परंपरा भी रही है। यहां के ज़ेल्नी ट्रह (Zelný trh) या वेजिटेबल मार्केट में स्थित रेडुटा थियेटर को मध्य यूरोप का सबसे पुराना थिएटर माना जाता है। बर्नो में पहला थिएटर नाटक संभवतः 1660 के दशक में सिटी टैवर्न (City Tavern) में हुआ था। आधुनिक आनुवंशिकी के जनक और प्रसिद्ध वैज्ञानिक ग्रेगर मेंडल (Gregor Mendel) ने 1850 के दशक में बर्नो में रहने के दौरान अपने मठों में ही मटर और मधुमक्खियों की आनुवंशिकी से जुड़े अपने क्रांतिकारी प्रयोग किए। उन्होंने बर्नो के सेंट थॉमस एबे (St. Thomas's Abbey in Brno) में अपने मठों के प्रायोगिक उद्यान में पौधों में विविधता का अध्ययन करना चुना।
हालांकि, बर्नो शहर का नाम ही कई बार विवादित माना जाता है, जो कि एक पुराने चेक शब्द से निकला है, जिसका अर्थ “गंदा या दलदली” होता है। लेकिन अपने पूरे इतिहास में, शहर को अन्य भाषाओं में अलग-अलग नामों से संदर्भित किया गया है, जिसमें जर्मन भाषा में ब्रुन (Brunn) और लैटिन भाषा में ब्रुना (Bruna) शामिल हैं। आज यह राजधानी प्राग (Prague) के बाद, चेक गणराज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। लेकिन इसे आज भी चेक की पारंपरिक राजधानी माना जाता है।
इस शहर में गणराज्य के कई महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालय स्थित हैं, जिनमें संवैधानिक न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय भी शामिल हैं। अनेकों विश्वविद्यालयों और तकरीबन 89,000 से अधिक छात्रों के साथ, इसे उच्च शिक्षा का प्रमुख केंद्र भी माना जाता है।
इस शहर में भव्य प्रदर्शनियों और व्यापार मेलों की मेजबानी करने का एक लंबा इतिहास रहा है। बर्नो का 1928 में बना प्रदर्शनी केंद्र (Exhibition Center), यूरोप में सबसे बड़ा माना जाता है । बर्नो शहर अपनी मोटरबाइक (Motorbike) और रोड रेसिंग वर्ल्ड चैम्पियनशिप (Road Racing World Championship) ‘ग्रैंड प्रि’ (Grand Prix) सहित अन्य दौड़ों के लिए भी बेहद प्रसिद्ध है, जिन्हें दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित दौड़ों में से एक माना जाता है।
हर साल लाखों पर्यटक यहां के ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों को देखने के लिए इस शहर में पधारते हैं। यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में ‘स्पीलबर्ग कैसल’ (Spielberg Castle), ‘कैथेड्रल ऑफ सेंट पीटर और पॉल’ (Cathedral Of St. Peter And Paul) तथा वेवर्ली कैसल (Waverley Castle) शामिल हैं। कार्यात्मक वास्तुकला का एक प्रसिद्ध उदाहरण माना जाने वाला और विश्व धरोहर स्थलों में शामिल, विला तुगेंदहाट (Villa Tugendhat) भी इसी शहर में स्थित है।
इसके अलावा, यह शहर अपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसे अंतरराष्ट्रीय आतिशबाजी प्रतियोगिता ‘इग्निस ब्रुनेंसिस’ (Ignis Brunnensis) के लिए भी जाना जाता है। यह शहर ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क’ (Unesco Creative Cities Network) का भी सदस्य है। साथ ही 2017 में इसे “संगीत का शहर" भी नामित किया गया था। बर्नो हर साल कई लोकप्रिय कार्यक्रमों की मेजबानी करता है, जिसमें ‘बर्नो डे’ (Brno Day) भी शामिल है। इस दिन 1645 में स्वीडिश सेना (Swedish Forces) द्वारा किए गए हमले के खिलाफ की गई शहर की सफल रक्षा का जश्न मनाया जाता है।
इस शहर से जुड़े कई रोमांचक किस्से और कहानियां पीढ़ियों से चली आ रही हैं। एक लोकप्रिय किंवदंती एक अजगर से जुड़ी है, जिसने एक बार बर्नो में लोगों और उनके पशुओं को आतंकित कर दिया था। एक बहादुर कसाई अजगर को फंसाने और मारने की योजना लेकर आया। उसकी योजना अजगर को चूने से भरी एक थैली खिलाने की थी। किंवदंती के अनुसार चूना खाने के बाद अजगर इतना प्यासा हो गया कि उसने बहुत अधिक पानी पी लिया और उसका पेट फट गया और वह मर गया।
एक अन्य किंवदंती एक शिल्पकार से जुड़ी है, जिसने शर्त लगाई थी कि वह एक पेड़ को काट सकता है, एक पहिया बना सकता है और इसे 12 घंटे के भीतर पूरे बर्नो में घुमा सकता है। कुछ लोगों की मान्यता है कि शिल्पकार ने सहायता के लिए शैतान को बुलाया और उसकी मदद से अपना लक्ष्य पूरा किया और शर्त जीत ली, और यह पहिया आज भी बर्नो शहर में प्रदर्शित है।
संदर्भ
https://bit.ly/3JRshWQ
https://bit.ly/3FCfdSt
https://bit.ly/3n62P77
https://bit.ly/3yRyTho
चित्र संदर्भ
1. बर्नो (Brno) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. बर्नो के मानचित्र को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. बर्नो (चेक गणराज्य) में स्पीलबर्क कैसल की हवाई तस्वीर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. बर्नो के लगभग उत्तर पूर्व तिमाही के विहंगम दृश्य को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. बर्नो में आतिशबाज़ी के दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. बर्नो शहर की विभिन्न झलकियों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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