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भारत में प्राचीन काल से ही, इंसानों और जानवरों के बीच सांस्कृतिक, आर्थिक और धार्मिक स्तर पर गहरा संबंध रहा है। सनातन धर्म में, जानवरों को देवताओं की सवारी या कुछ को तो स्वयं देवता के रूप में भी सम्मान दिया गया है। उदाहरण स्वरूप प्रथम पूजनीय श्री गणेश एक ऐसे देवता हैं, जिन्हें अपना मस्तक, गजराज अर्थात एक हाथी से प्राप्त हुआ है। लेकिन आज, हाथियों और मनुष्यों के बीच की जानलेवा भिड़ंतों ने दोनों के बीच युगों पुराने आपसी सौहार्द को नष्ट कर दिया है।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष के कारण 2018 से 2020 के बीच, भारत में 1,401 इंसानों और 301 हाथियों की मौत हो गई थी। मानव-हाथी संघर्ष में 2018-19 में करीब 115 हाथियों और 457 लोगों की और 2019-20 में 99 हाथियों और 585 लोगों की जान गई। और वहीं साल 2020-2021 में दिसंबर तक, मानव-हाथी संघर्ष में 87 हाथियों और 359 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी।
हाथी -मानव संघर्ष दोनों के अस्तित्व के लिए गंभीर खतरा बन गया है। एशिया (Asia) और अफ्रीका (Africa) में, हाथियों द्वारा किसानों की फसलों को बर्बाद किया जाना, हाथियों तथा मनुष्यों के बीच संघर्ष का एक मुख्य कारण है। जंगली चारे की तुलना में हाथी अपनी उच्च पोषक सामग्री और स्वाद की ज़रूरतों को पूरा करने की वजह से सम्भवत: फसलों को खाना पसंद कर सकते हैं। भारत में हर साल औसतन 100 व्यक्ति (कुछ सालों में यह संख्या 300 तक भी है ) और 40-50 हाथी फसलों पर हमलों के दौरान मारे जाते हैं। हालांकि, सटे सघन आवासों में रहने वाले एशियाई हाथियों पर किये गए नवीनतम अध्ययन से पता चलता है कि सभी हाथी, आबादी में फसलों पर हमला नहीं करते हैं।
हाथियों के निवास स्थानों की विलुप्ति और विखंडन भी, दोनों के बीच होने वाले संघर्ष का एक अन्य प्रमुख कारण है । इंसानों द्वारा किसी अपने की मौत पर बदले की भावना, हाथीदांत प्राप्त करने के लिए हाथियों पर हमला और हाथियों के निवास स्थान के क्षरण जैसे कारणों से भी हाथियों और मनुष्यों के बीच जानलेवा टकराव होता है। हाथियों के हमलों से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होता है जिससे मानव आबादी में हाथियों के प्रति आक्रोश पैदा होता है और बदले की भावना में हाथियों को मार देने का निर्णय ले लिया जाता है। उदाहरण के लिए 2001 में पूर्वोत्तर भारत और सुमात्रा में प्रतिशोध की भावना से बागान श्रमिकों द्वारा 60 हाथियों को जहर देकर मार दिया गया था ।
इसी वर्ष फरवरी के महीने में गोरखपुर में एक धार्मिक कार्यक्रम में कलश यात्रा में शामिल होने के लिए मंगाए गए एक हाथी ने दो महिलाओं और एक बच्चे को कुचल कर मार डाला। जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा पीड़ितों के परिजनों को सांत्वना दी गई तथा उन्हें पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा भी की गई।
हालांकि, अच्छी खबर यह है कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हाल के वर्षों में आपसी संघर्ष के कारण हाथियों और इंसानों दोनों की मौत के मामलों में कमी आई है। हाथियों की सबसे ज्यादा मौतें कर्नाटक और तमिलनाडु में दर्ज की गईं, जिनमें आपसी संघर्ष के बजाय बिजली के झटके हाथियों की मौत के मुख्य कारण थे ।
हाथियों के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करने, आपसी तालमेल कायम करने और संघर्ष को कम करने के लिए हाथियों के महत्वपूर्ण आवासों को हाथी रिजर्व (Elephant Reserve) के रूप में अधिसूचित किया गया है। हाथियों के संरक्षण के लिए चलाई गई एक योजना ‘प्रोजेक्ट एलिफेंट’ (Project Elephant) के निदेशक रमेश कुमार पांडे के अनुसार, “भारत का पर्यावरण मंत्रालय, इंसानों और जानवरों के बीच संघर्ष को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिए, अपने यहां हाथियों के गलियारों (Corridors) को संशोधित कर रहा है।” गलियारे जमीन की संकरी पट्टियां होती हैं जो दो या दो से अधिक वन्यजीव आवास क्षेत्रों (जंगलों) को आपस में जोड़ती हैं। गलियारे हाथियों की आवाजाही के प्रमुख मार्ग होते हैं।
केंद्र सरकार इन पुराने गलियारों के प्रबंधन और नए गलियारों की खोज के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर भी काम कर रही है। माना जा रहा है कि यह अभ्यास मानव-हाथी संघर्ष के प्रबंधन को बेहतर करेगा। हाथियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उनके निवास स्थानों को पारिस्थितिक रूप से सही तरीके से प्रबंधित किया जाना आवश्यक है। विशेषज्ञों के अनुसार, गलियारों को फिर से बनाने से हाथियों की सुरक्षा और आनुवंशिक विविधता में सुधार हो सकता है तथा हाथियों और इंसानों के बीच के आपसी सौहार्द को फिर से कायम किया जा सकता है।
संदर्भ
https://bit.ly/3m8C1lY
https://bit.ly/3ky6RUA
https://bit.ly/41te8FQ
https://bit.ly/3XZRFNH
चित्र संदर्भ
1. मनुष्य के पीछे भागते हाथी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. वालपराई क्षेत्र में एनसीएफ टीम द्वारा एक आवासीय कॉलोनी में हाथी द्वारा की गई क्षति का आंकलन करती टीम को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. चाय के बागान में हाथियों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. एक पहाड़ी घर के निकट हाथियों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. सड़क पार करते हाथियों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
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