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21वीं सदी में भारत ने दुनिया को अगर सबसे बड़ा कोई उपहार दिया है, तो वह है “योग का ज्ञान"! यद्यपि भारत के बाहर अधिकांश देशों में योग शिक्षा का तेज़ी से प्रसार हो रहा है, किंतु एक मध्य यूरोपीय देश “चेक गणराज्य” (Czech Republic) मे योग की समृद्धि और इसके प्रति लोगों का लगाव देखकर आप भी चकित रह जाएंगे ।
हालांकि, योग को परिभाषित करना कठिन माना जाता है। ऐतिहासिक रूप से, योग के संस्कृत मूल को देखते हुए, इसका अर्थ “संघ या जोड़" माना जाता है । यह शब्द शरीर और चेतना के मिलन का प्रतीक है। हालांकि, लोगों ने योग शब्द का इस्तेमाल गायों को जोतने, गणित की अवधारणाओं और चिकित्सा जैसी चीजों का वर्णन करने के भी लिए किया है। योग एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी। ‘योग' आज दुनिया भर में विभिन्न रूपों में प्रचलित है और इसकी लोकप्रियता में निरंतर वृद्धि हो रही है।
योग को स्वास्थ्य, शारीरिक मुद्राओं, श्वास और ध्यान अभ्यास के साथ निकटता से जोड़ा जाता है। यह आध्यात्मिकता से भी जुड़ा है। यूरोपीय संस्कृति भी योग परंपराओं से प्रभावित रही है। वहां पर लोग लंबे समय से भारतीय विचारों और प्रथाओं के बारे में जानते हैं, हालांकि भारत की दार्शनिक या तपस्वी परंपराओं के बारे में वहां पर बहुत कम लोग जानते हैं। यूरोप में योग के बारे में प्रत्येक व्यक्ति की समझ, उसके व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है। किंतु यूरोपीय संस्कृति में इसी उलझन के कारण योग की वैश्विक समझ पूरी तरह से बदल गई है।
प्राचीन काल से, भारत के अनेकों विद्वानों एवं आध्यात्मिक गुरुओं द्वारा , मानव जाति तथा पूरे विश्व के कल्याण के लिए योग और आध्यात्मिक विज्ञान के दिव्य संदेश को संरक्षित और फैलाने का कार्य किया जा रहा है। पंचायती महा निर्वाणी अखाड़ा के परम पावन विश्वगुरु महामंडलेश्वर परमहंस, श्री स्वामी महेश्वरानंद पुरी जी भी ऐसे ही महानुभावों में से एक हैं। मानवता, जीवो और पर्यावरण को समर्पित उनका विश्वव्यापी सेवा संगठन, जिसकी एक शाखा ‘जादान आश्रम’ पाली, राजस्थान में तथा दूसरी “महाप्रभुदीप आश्रम”, ज़ामेटस्का (Zamecka), चेक गणराज्य में स्थित है।यह संगठन शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य, विश्व शांति, सांस्कृतिक प्रशंसा और धार्मिक सद्भाव बढ़ाने के लिए प्रशंसनीय काम कर रहा है।
इसके अलावा एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन ‘यूरोपीय योग संघ’ (European Union of Yoga) द्वारा भी विश्व भर में योग का प्रचार एवं प्रसार किया जा रहा है है। यह संगठन योग शिक्षकों, प्रशिक्षण स्कूलों और योग संघों के एक नेटवर्क का समन्वय करता है। इसकी स्थापना 1971 में उद्यमी गेरार्ड ब्लिट्ज (Gérard Blitz) तथा योग शिक्षक एवं लेखक आंद्रे वैन लाइसेबेथ (André Van Lysebeth) के द्वारा की गई थी। 1973 के बाद से इस संगठन के द्वारा स्विट्जरलैंड (Switzerland,) के ज़िनल (Zinal) में एक वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया जाता है, जहाँ योग शिक्षक और चिकित्सक, बहुभाषी तथा विविध सांस्कृतिक वातावरण में मिल सकते हैं और आमंत्रित भारतीय योग शिक्षकों को सुन सकते हैं। ऑस्ट्रियाई (Austrian) योग विद्वान कार्ल बैयर (Karl Baier) ने यूरोपीय योग संघ (ईयूवाई) को एक अंतरराष्ट्रीय योग संघ के रूप में वर्णित किया है।
कार्ल बैयर के अनुसार “ईयूवाई एक अंतरराष्ट्रीय समूह है जो किसी विशिष्ट धर्म से जुड़ा नहीं है।” ईयूवाई भारत के पारंपरिक योग विचारों का अनुसरण करता है, लेकिन यह धार्मिक प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित नहीं करता हैं। इसके बजाय, यह अपने शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आसन और ध्यान के अभ्यास पर ज्यादातर ध्यान केंद्रित करता हैं। इस संस्था में योग शिक्षक बनने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम कम से कम 500 घंटे के शिक्षण वाला तथा कम से कम 4 वर्ष लंबा होना चाहिए।
जैसा की हम देख चुके हैं, यूरोपीय संस्कृति भी योग परंपराओं से प्रभावित रही है। योग से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले यूरोपीय देशों में चेक गणराज्य का नाम सबसे पहले आता है।
चेक गणराज्य के दक्षिण बोहेमियन क्षेत्र (Southern Bohemian Region) का एक शहर स्लावोनिस (Slavonice), योग प्रेमियों के पसंदीदा योग स्थलों में से एक माना जाता है। स्लावोनिस अपने समृद्ध इतिहास के साथ एक छोटा सा मध्यकालीन शहर है। हालांकि, यह शहर काफी छोटा है, लेकिन इसके बावजूद यह शहर सैकड़ों पर्यटकों को अपनी सुंदर वास्तुकला और प्राकृतिक सुंदरता की ओर आकर्षित करता है।
स्लावोनिस वियना (Vienna) और प्राग (Prague) के बीच में स्थित है। चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में भी कल्याण उद्योग काफी फल-फूल रहा है, और योग इसके केंद्र में है। प्राग में योग एक फलता-फूलता उद्योग है, जिसमें कई स्टूडियो (Studio) और निजी शिक्षक, द्विभाषी कक्षाओं की पेशकश करते हैं। प्राग के मध्य में योगस्पेस (Yogaspace) नामक एक छोटा लेकिन प्यारा योग स्टूडियो है, जिसका नेतृत्व इवाना और जिबनेक (Ivana and Zbynek) की जोड़ी द्वारा किया जाता है। यहां पर योग प्रेमियों के लिए गतिशील अष्टांग और विनयसा से लेकर विनम्र हठ प्रवाह तक योग विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला मौजूद है। इसके अलावा प्राग में बिक्रम योग (Bikram Yoga), हॉट योगा (Hot Yoga) , एल फ्रेस्को आसन (Al Fresco Asanas) और वेलफेयर फेस्टिवल (Welfare Festival) जैसे जाने माने योग केंद्र भी स्थापित हैं।
संदर्भ
https://bit.ly/4193QKY
https://bit.ly/3Km0oGL
https://bit.ly/3SaxmvS
https://bit.ly/3IeGxH8
https://bit.ly/3Scbwb8
https://bit.ly/3xC4e77
https://bit.ly/3xBaImN
चित्र संदर्भ
1. योग करती महिला को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. ऐतिहासिक भूमि और वर्तमान प्रशासनिक क्षेत्रों की सीमाओं को दर्शाने वाले चेक गणराज्य के मानचित्र को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. 15वीं-16वीं शताब्दी के अच्युतराय मंदिर में योग आसन प्रतिमा को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. योग की विभिन्न मुद्राओं को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. डाउनटाउन ऑस्टिन में विवा सेंट फेस्टिवल में एक्रो योगा फ्लैश मॉब को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. प्राग को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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