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जमशेदजी टाटा और बिल गेट्स (Bill Gates) जैसे दूरदर्शी लोगों का अध्ययन करके एक बात बड़ी स्पष्ट हो गई है कि “दुनिया के इतिहास में सबसे बड़ा उद्यमी या व्यवसायी वही साबित हुआ है जिसने अपने दौर की सबसे बड़ी समस्या को सुलझाया था।” वर्तमान में कार्बन उत्सर्जन, प्रदूषण तथा जलवायु परिवर्तन दुनिया के सामने सबसे बड़े संकट के तौर पर उभरे हैं। ऐसे में यह स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है कि आज जलवायु परिवर्तन की समस्या को सुलझाने वाला देश अथवा व्यक्ति ही भविष्य में सफलता के नए आयाम छू सकता है।
हालांकि, आज तक उद्यमियों ने औद्योगिक क्रांतियों और कार्बन उत्सर्जन के माध्यम से जलवायु परिवर्तन बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाई है, किंतु आज इसके विपरीत वे जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। आज जलवायु परिवर्तन दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है और इसके लिए तत्काल कार्रवाई करना जरूरी हो गया है। जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई करने में उद्यमी अधिक कारगर साबित हो सकते हैं, क्योंकि उद्यमी नवीकरणीय विचारों, जैसे कि सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और इलेक्ट्रिक कार (Electric Car) आदि को लोगों की आम दिनचर्या का हिस्सा बनाने में सक्षम हैं। जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में नवोन्मेषी स्टार्टअप (Innovation Startup) महत्वपूर्ण होते हैं।
उनके पास चपलता और प्रयोग की संस्कृति होती है जो उन्हें नए विचारों को लागू करने की अनुमति देती है। इलेक्ट्रिक कार, कार-शेयरिंग प्रोग्राम (Car-Sharing Program) और टोफू, सोया इत्यादि पौधों पर आधारित मांस (plant-based meat) जैसे विकल्पों को पेश करके उद्यमी पहले से ही एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रहे हैं। बोवेरी फार्मिंग (Bowery Farming) जैसी कंपनियां भी पारंपरिक खेती में पानी के उपयोग को 95% तक कम करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर रही हैं। यदि उद्यमी और बड़े निगम नवीकरणीय उत्पादों के मार्ग का नेतृत्व करते हैं, तो वे जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। उदाहरण के लिए, एप्पल (Apple) कंपनी की 2030 तक 100% कार्बन तटस्थ बनने की प्रतिबद्धता संभवतः उनके आपूर्तिकर्ताओं को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। कुछ तरीकों से उद्यमी जलवायु परिवर्तन से लड़ने में योगदान कर सकते हैं जिनमें जलवायु परिवर्तन से लड़ाई में नवीकरणीय विचारों को मूर्त रूप प्रदान करना , नवीकरणीय उत्पादों को प्रयोग में लाना, टिकाऊ उत्पादों के लिए उपभोक्ता मांगों को पूरा करना और उनकी आपूर्ति श्रृंखला में स्थिरता की मांग पैदा करना शामिल है। 81% वैश्विक उपभोक्ता दृढ़ता से महसूस करते हैं कि व्यवसायों को पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद करनी चाहिए। स्टार्टअप और उद्यमी स्थायी उत्पादों को बाजार में स्थान देकर पर्यावरण के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं और प्रोत्साहित भी कर सकते हैं।
हाल ही में किये गए एक वैश्विक सर्वेक्षण में पाया गया है कि भारतीय कंपनियों ने जलवायु परिवर्तन को शीर्ष तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक के रूप में स्थान दिया है और उनमें से अधिकांश कंपनियों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए निवेश में वृद्धि की है। उपरोक्त सर्वेक्षण में 2,000 कंपनी अधिकारियों (CXO) को शामिल किया गया था, जिनमें मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मुख्य वित्त अधिकारी, मुख्य परिचालन अधिकारी, मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी और अन्य शामिल थे, एवं इनमें से 155 अधिकारी भारत से थे।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि वैश्विक कंपनी अधिकारियों के 42% की तुलना में 57% भारतीय कंपनी अधिकारियों ने जलवायु परिवर्तन को अपनी “शीर्ष तीन प्राथमिकताओं" में शामिल किया। 53% भारतीय कंपनी अधिकारियों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन अगले तीन वर्षों में उनकी कंपनियों की रणनीतियों और संचालन को “उच्च / बहुत उच्च" स्तर तक प्रभावित करेगा।
भू-राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद, भारतीय व्यवसायी जलवायु परिवर्तन को प्राथमिकता दे रहे है और जलवायु स्थिरता के लिए निवेश बढ़ा रहे है। साथ ही सर्वे में पाया गया है कि भारतीय व्यवसायी अपने वैश्विक समकक्षों की तुलना में ऊर्जा उपयोग की दक्षता बढ़ाने, अधिक टिकाऊ सामग्री का उपयोग करने, कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने और संचालन/आपूर्ति श्रृंखला को अधिक जलवायु लचीला बनाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे है।
जलवायु परिवर्तन सभी कंपनियों की प्राथमिकता सूची में इसलिए भी है क्योंकि कहीं न कहीं यह स्वयं उनके लिए ही अधिक बोझिल बनता जा रहा है। आइए, इसके कुछ प्रमुख कारणों की जांच करते हैं:
1. उत्सर्जन नियंत्रण प्रणालियों के लिए पूंजीगत व्यय: ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर नियमों का पालन करने के लिए कुछ कंपनियों को प्रदूषणकारी सुविधाओं के उन्नयन और उत्सर्जन नियंत्रण प्रणालियों की स्थापना पर महत्वपूर्ण राशि खर्च करनी पड़ सकती है। यह राशि उन्हें परिशोधन शालाओं (Refineries) और बिजली संयंत्रों को संचालित करने वाली ऊर्जा लागत के रूप में देनी पड़ सकती है।
2. कैप और ट्रेड नियम (Cap & Trade Rules): ‘कैप-एंड-ट्रेड’ नीतियों का उद्देश्य किसी कंपनी द्वारा उत्सर्जित प्रदूषण की मात्रा पर ऊपरी अंकुश लगाकर और कंपनियों को अपने किसी भी अप्रयुक्त भत्ते को अन्य कंपनियों को बेचने की अनुमति देकर कार्बन उत्सर्जन को कम करना है। इन नीतियों को कई देशों में लागू किया गया है।
3. वस्तुओं और सेवाओं के लिए उच्च कीमतें: सभी कंपनियां, चाहे वे ऊर्जा उद्योग से संबंधित हो अथवा नहीं, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऊर्जा विनियमन और उनके द्वारा बनाई गई लागतों से प्रभावित हो सकती हैं। इससे वस्तुओं और सेवाओं के लिए कीमतें भी बढ़ सकती हैं।
4. मौसम के बदलते मिजाज: जलवायु परिवर्तन से दुनिया भर में मौसम के मिजाज में बदलाव की उम्मीद है, और इसके व्यवसायों के लिए कई तरह के नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।
5. सुविधाओं और संचालन पर भौतिक प्रभाव: जलवायु परिवर्तन का कंपनी की सुविधाओं और संचालन पर प्रत्यक्ष भौतिक दुषप्रभाव भी हो सकता है। इसमें बाढ़, भूस्खलन और समुद्र के स्तर में वृद्धि शामिल हो सकती है। ये भौतिक प्रभाव संचालन को बाधित कर सकते हैं, और बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
6. आपूर्ति श्रृंखलाओं पर प्रभाव: जलवायु परिवर्तन रसद में व्यवधान, लागत में वृद्धि और उपभोक्ता मांग में परिवर्तन के माध्यम से किसी कंपनी की आपूर्ति श्रृंखला को भी प्रभावित कर सकता है। ये प्रभाव किसी कंपनी की कच्चे माल के स्रोत, उत्पादों के निर्माण और उन्हें ग्राहकों तक पहुँचाने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।
7. प्रतिष्ठा जोखिम: जलवायु परिवर्तन का कंपनी की प्रतिष्ठा और उत्पाद पर भी प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि समय के साथ उपभोक्ता उत्पादों और सेवाओं के पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में अधिक जागरूक हो रहे हैं।
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ उद्यमी एक क्रांतिकारी शक्ति साबित हो सकते हैं। वे विचारों को व्यवहार में लाकर, नवाचार शुरू करके, उपभोक्ता मांग को पूरा करके, स्थिरता की मांग पैदा करके और आदतों और संस्कृतियों को बदलकर ऐसा करने में सक्षम हैं।
संदर्भ
https://bit.ly/3R2gRkN
https://bit.ly/3kGzbUI
https://bit.ly/3ZWdzUm
चित्र संदर्भ
1. समुद्री वातावरण को बचाने वाले अविष्कार के साथ एक महिला को संदर्भित करता एक चित्रण (Watts Up With That)
2. 1956-1976 औसत की तुलना में 2011 से 2021 तक औसत सतह हवा का तापमान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. टाटा कंपनी की इलेक्ट्रिक कार को दर्शाता एक चित्रण (Tatsat Chronicle)
4. सोशल एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर इंडिया 2017 अवार्ड को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
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