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प्रौद्योगिकी विकास के माध्यम से डिजिटल पहल, जैसे— इलेक्ट्रॉनिक भुगतान, ई-स्वास्थ्य, डिजिटल साक्षरता और वित्तीय समावेशन में वृद्धि होना - संपूर्ण भारत में डिजिटल क्रांति( Digital Revolution) के रूप है। इसके माध्यम से भारत के आर्थिक-सामाजिक-राजनैतिक क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाया गया है। आपको बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से शुरू हुई डिजिटल क्रांति के बाद से ही डिजिटल इंडिया (Digital India) की सोच साकार होती नजर आई है। इंटरनेट और स्मार्ट उपकरणों के बढ़ते उपयोग के कारणव्यवसायों द्वारा उपयोगकर्ताओं तक पहुंचने के लिए निरंतर डिजिटल प्लेटफॉर्म लागू किए जा रहे हैं, जिससे वे उपभोक्ताओं से कहीं भी और कभी भी संपर्क स्थापित कर सकते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि वर्ष 2022 में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं द्वारा इंटरनेट पर समय बिताने में 12½ ट्रिलियन घंटों के समय का एक नया रिकॉर्ड स्थापित कर दिया गया है।ये नए युग के इंटरनेट उपयोगकर्ता, विशेष रूप से भारत में, केवल अंग्रेजी बोलने वाले व्यक्तियों तक ही सीमित नहीं हैं। ‘भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण’ (Telecom Regulatory Authority of India(TRAI) की एक हाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में 1.15 बिलियन मोबाइल फोन उपयोगकर्ता हैं, जिनमें से 520.1 मिलियन उपयोगकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं। इन वर्तमान 520.1 मिलियन उपयोगकर्ताओं और पहली बार इस सुविधा का इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ताओं, जिनकी संख्या एक बिलियन तक पहुंच सकती है, तक इंटरनेट और प्रौद्योगिकी की सुविधा को प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए भाषा की बाधाओं को दूर करना अत्यंत आवश्यक है। भारत 121 करोड़ से अधिक भारतीयों द्वारा बोली जाने वाली 121 भाषाओं और 19,500 से अधिक बोलियों वाला एक विविध देश है। गूगल (Google) के अनुसार, ‘वर्तमान में, भारत में गूगल से पूछे गए 20% से अधिक प्रश्न ध्वनि-आधारित (voice-based) होते हैं, और इन ध्वनि प्रश्नों में 270% प्रति वर्ष की दर से वृद्धि हो रही है । इसके साथ ही भारत पर गूगल की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, देश में लगभग 85% ऑनलाइन वीडियो (चलचित्र) दर्शक भारतीय भाषाओं में यह वीडियो देखना पसंद करते हैं इसलिए स्थानीय भाषाओं में इन साधनों की मांग दिन- प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। भारत में स्थानीय भाषा के प्रयोग से डिजिटल व्यापार को बढ़ावा मिला है । स्थानीय भाषा का विस्तार अत्यधिक आवश्यक है जिसके कारण देश के सभी राज्यों में व्यापार संबंधी संबंध स्थापित हो पाएंगे। इस चलन से स्पष्ट रूप से अवगत, भारत सरकार और विभिन्न प्लेटफॉर्म भाषाई विविधता का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं। 53 बिलियन डॉलर के बाजार आकार के साथ 540 मिलियन का अनुमानित क्षेत्रीय भाषा आधार, डिजिटल माध्यम से लक्षित क्षेत्रीय विपणन के लिए एक रोमांचक अवसर प्रदान करता है। भारत में ग्रामीण इंटरनेट ग्राहक हर साल 24% की दर से बढ़ रहा है। इससे स्थानीय भाषाओं का उपयोग करके भारतीय बाजार को लाभ मिलना आसान हो गया है। ‘क्लाइनवेल्ड पीट मार्विक गोएर्डेलर’ (Klynveld Peat Marwick Goerdeler (KPMG) के एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि भारत में लगभग 73% इंटरनेट ग्राहक भारतीय भाषाओं का उपयोग करते हैं। क्षेत्रीय भाषा की इंटरनेट सेवाएं और सोशल नेटवर्क जैसे ‘लोकल’ (Lokal) और चीनी ‘टिकटॉक’ (TikTok) क्षेत्रीय भाषा के उपयोगकर्ताओं के साथ जुड़ने के अवसरों को उजागर करते हैं। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि स्थानीय स्टार्टअप्स में निवेश गति प्राप्त कर रहा है, जिसमें शेयरचैट (Sharechat) और डेलीहंट (DailyHunt) जैसे नामों ने पिछले पांच वर्षों में करीब 800 मिलियन डॉलर प्राप्त किए हैं। असंख्य भाषाओं वाले भारत जैसे विशाल देश में, स्थानीय भाषाओं के लिए डिजिटल संचार में उच्च क्लिक-थ्रू दरें (click-through rates), अधिक संख्या में दर्शकों को आकर्षित करने और बेहतर रूपांतरण दर (conversion rates) प्राप्त करने में स्थानीय सामग्री के महत्व को इंगित करती हैं। भारत में व्यवसाय का भविष्य क्षेत्रीय भाषा बोलने वालों के साथ निर्मित कंपनियों द्वारा निर्धारित किया जा रहा है और इसलिए उत्पादकों को क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग करने वाली वेबसाइटों (websites) , ऐप्स (apps) और सोशल मीडिया सामग्री (social media content) के साथ शुरुआत करनी चाहिए। जैसा कि ऊपर बताया गया है की इंटरनेट पर प्रश्नों की खोज बोलकर (voice search) सबसे अधिक की जाती है। हाल ही के एक अध्ययन से पता चला है कि 2021 से 2022 तक सिर्फ गूगल पर ध्वनि आधारित खोज में 78 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। ‘सॉफ्टब्रिक एआई’ (Softbrik AI) के अध्ययन के अनुसार, ध्वनि आधारित खोज को राज्यव्यापी रूप से अपनाने के मामले में, आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम सूची में सबसे ऊपर थे, वहीं दिल्ली, चंडीगढ़ एवं केरल सबसे नीचे रहे। बुजुर्ग हो या बच्चे सभी इंटरनेट में स्पीकर की सहायता से बोलकर अपना ज्ञान एवं मनोरंजन कर रहे हैं। आपको बता दें कि मानव 60 सेकंड में टाइपिंग करने की तुलना में 4.55 गुना अधिक शब्द बोल सकता है - जिसका अर्थ है कि हम बहुत से शब्दों को बोलकर जल्दी से खोज सकते हैं।
संदर्भ
https://bit.ly/3H1BxF9
https://bit.ly/3D1SlKU
https://bit.ly/3XOAoYd
चित्र संदर्भ
1. वर्कशॉप कर्मचारियों को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. डिजिटल इंडिया का नेतृत्व करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
3. सोशल नेटवर्क ‘लोकल’ (Lokal) को संदर्भित करता एक चित्रण (Lokal.in)
4. मोबाइल चलाते ग्रामीण बच्चों को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
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