इन वजहों से लखनऊ के किसानों में ब्रोकोली के उत्पादन के लिए बढ़ रही है रुचि

फल और सब्जियाँ
16-01-2023 10:30 AM
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इन वजहों से लखनऊ के किसानों में ब्रोकोली के उत्पादन के लिए बढ़ रही है रुचि

पिछले कुछ महीनों में , लखनऊ में किसानों को ब्रोकोली (broccoli) के लगभग 30,000 पौधे उपलब्ध कराए गए थे। बाजार में ब्रोकोली के लिए अधिक कीमत मिलने के कारण किसान अब इसकी खेती में रुचि ले रहे हैं। ब्रोकोली की सबसे ज्यादा खपत आमतौर पर सिर्फ महानगरों में होती है। इसमें मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली, बैंगलोर और प्रमुख महानगरीय शहर शामिल हैं। हालांकि, जब ग्रामीण भारत की बात आती है, तो इसका सेवन ग्रामीण भाग में कम ही किया जाता है। आइए जानते है ब्रोकोली के बारे में कुछ दिलचस्प बातें।
‘केंद्रीय उपोष्णकटिबंधीय बागवानी संस्थान’ (Central Institute for Subtropical Horticulture (CISH) उन गरीब किसानों को, जिनके पास संसाधनों की कमी है, पौधे उपलब्ध कराकर, सब्जियां उगाने में मदद कर रहा है। इसी श्रंखला में लखनऊ जिले के मॉल और काकोरी ब्लॉक के 1,000 गरीब किसानों को लगभग 2.5 लाख शीतकालीन सब्जियों के पौधे वितरित किए गए जिससे उन्हें अपनी खुद की सब्जियां उगाकर पोषण सुरक्षा हासिल करने में मदद मिल सके। किसानों को उनके गांवों में पौधे उपलब्ध कराए जा रहे है ताकि वे पोषक बागानों के महत्व को समझ सकें और बागानों को विकसित कर सकें। इस परियोजना के तहत यह उम्मीद की जा सकती है कि ये किसान लगभग 30 लाख रुपये की सब्जियों का उत्पादन कर सकेंगे । साथ ही किसान अपनी अतिरिक्त उपज ग्रामीण बाजारों में बेच सकेंगे ,जिससे उन्हें आय का एक स्थिर स्रोत मिल पाएगा । ब्रोकोली के पोषण मूल्यों और सक्रिय जैव यौगिकों की उच्च सांद्रता के कारण, इसकी लखनऊ में बहुत अधिक मांग है। और आजकल तो यह गांवों में भी आम हो गया है। वर्तमान समय में किसानों को सब्जियों के उत्पादन मौसम के दौरान फूलगोभी और पत्तागोभी के उत्पादन से अच्छा मुनाफा नहीं मिल रहा है। कुछ ही महीनों पहले “अमृत भारत महोत्सव” कार्यक्रम के तहत किसानों को कलमी और छोटे पौधे प्रदान करते हुए, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research(ICAR) ने किसानों के बीच भोजन और पोषण के बारे में जागरूकता भी बढ़ाई। मुद्दे की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, किसानों और अन्य प्रतिभागियों ने विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां खाने से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में सीखा। इसके साथ ही यह भी जाना कि कुछ फल जैसे आम, अमरूद और अन्य, जो फ्लेवोनोइड्स (Flavonoids), पॉलीफेनोलिक एसिड (Polyphenolic Acids) और विटामिन(Vitamin) जैसे बायोएक्टिव पदार्थों (Bioactive substances) के स्रोत हैं, मधुमेह, कैंसर और हृदय रोगों के जोखिम को कम करते हैं। गांवों के गरीब किसानों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद विभिन्न फलों और सब्जियों की फसलों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री की आपूर्ति करने के साथ-साथ उच्च पैदावार, बेहतर उत्पाद गुणवत्ता और उच्च लाभ के लिए सर्वोत्तम प्रबंधन प्रथाओं को लागू करने में उनकी सहायता करने का प्रयास कर रहा है। कुछ सबसे सफल रणनीतियों में वैज्ञानिकों और किसानों के बीच बैठकें, प्रदर्शनी, प्रयोग स्थलों को भेट देना, तथा महत्वपूर्ण निवेश की आपूर्ति के साथ निरंतर किसान प्रोत्साहन शामिल हैं।
वही एक तरफ यह व्यापक पैमाने पर माना जा रहा है कि स्थानीय स्तर पर उगाई जा रही विदेशी सब्जियां जल्द ही लखनऊ के बाजारों में सस्ती कीमतों पर उपलब्ध होंगी और वे आम आदमी की थाली तक पहुंचेंगी। ब्रोकोली (Broccoli), बोक चॉय (Bok choy), लेट्यूस (Lettuce), ज़ुकीनी (zucchini) और अन्य विदेशी सब्जियां, जो अब तक केवल आलीशान सुपरमार्केट या मॉल में ही उपलब्ध थीं, अब स्थानीय सब्जी मंडियों में भी उपलब्ध होंगी और वह भी बहुत सस्ते दामों पर। क्योंकि स्थानीय किसान अब धीरे-धीरे पारंपरिक सब्जियों को उगाने के साथ-साथ विदेशी सब्जियों की ओर भी अपना झुकाव बढ़ा रहे हैं जिसे एक अच्छा बदलाव कहा जा सकता है। ये विदेशी सब्जियां, जो अब तक अन्य राज्यों में उगाई जाती थीं या दिल्ली के बाजार से लाई जाती थीं, अब लखनऊ के स्थानीय बाजारों में सस्ती कीमतों पर उपलब्ध होंगी। इसी तरह से, अन्य किसानों ने भी बोक चॉय, लेट्यूस, स्विस चार्ड (Swiss chard), ज़ुकीनी आदि सब्जियों सहित अन्य विदेशी सब्जियों की खेती में रुचि दिखाई है। हालांकि किसानों की कठोर मानसिकता को बदलना आसान काम नहीं है। शुरुआत में, किसानों के एक छोटे समूह को छोड़कर, शायद ज्ञान की कमी के कारण, किसी ने इन सब्जियों की खेती में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। और जिन किसानों ने अच्छा प्रदर्शन किया, उन्हें ब्रोकोली के पौधे बांटे गए थे; और फिर इसके बाद किसानों की मानसिकता बदलने लगी। स्थानीय स्तर पर उगाई जाने वाली विदेशी सब्जियां जल्द ही बाजार में सस्ती कीमतों पर उपलब्ध होंगी और इस तरह आम आदमी की थाली तक पहुंचेंगी।
ब्रोकोली एक लाजवाब सब्जी है। यह पोषक तत्वों और विटामिन से भरपूर होती है और कभी-कभी इसे सुपरफूड (Superfood) भी कहा जाता है। इसके बारे में एक मजेदार तथ्य यह है कि ब्रोकोली एक मानव निर्मित सब्जी है। यह जंगली पत्तागोभी की नस्ल है और इस स्तर तक पहुंचने में इसे वर्षों की उत्क्रांति से गुजरना पड़ा है। इसके पोषण रूपी मूल्यों के लिए इस मानव रचना की सराहना करना महत्वपूर्ण है। यह विटामिन सी (C), बी (B), और के (K), पोटेशियम (Potassium), और कुछ मात्रा में प्रोटीन (protein), वसा (fats) और कार्ब्स (carbs) के साथ आयरन (iron) से भरपूर है।
आइए अब जानते है कि यह आमतौर पर कितना लाभदायक होता है… ब्रोकोली की एक एकड़ खेती के लिए औसतन 40,000 रुपये का खर्चा होता है,यह थोड़ा अधिक लग सकता है, लेकिन इस कुल व्यय का लगभग एक चौथाई व्यय परिवहन के लिए है। लेकिन यदि आप शहरों के पास हैं या फिर आपके खेत में खुदरा बिक्री के है तो यह खर्चा काफी कम हो सकता है। लेकिन पौधे की दूसरी प्रजाति, जो प्रायःछोटे फूलों का उत्पादन करती है, के लिए कीमत काफी कम हो सकती है। ब्रोकोलीका औसत वजन 300-500 ग्राम के बीच होता है ।वही इसकी उपज और आय औसतन 1,26,000 रुपए होती है। यहां तक कि अगर किसी किसान का खर्चा इन गणनाओं से थोड़ा अधिक होता है, फिर भी,वह 4 महीने में प्रति एकड़ औसतन 86000 रुपये का अच्छा लाभ कमा सकते है। इस प्रकार हम निम्नलिखित तरीके से ब्रोकोली के लाभ का हिसाब लगा सकते है:
एक एकड़ भूमि से कुल लाभ
(सकल राजस्व – व्यय)
126000-40000 = 86000 रु

पहली नज़र में, यह कुछ अच्छी राशि तो नही है लेकिन तुलना के लिए कुछ अन्य फसलों पर विचार करें। उदाहरण के लिए, चावल प्रति वर्ष 1 लाख प्रति एकड़ लाभ करता है। ब्रोकोली 4 महीने में 85900 रुपये बनाती है। अतः यह निश्चित रूप से बहुत लाभदायक है और महत्वपूर्ण बात तो यह है कि यदि आप उसी भूमि में शेष 8 महीनों के लिए किसी अन्य फसल कीर खेती करते हो, तो लाभ तो अवश्य ही ज्यादा होगा।
अतः यह निश्चित है कि ब्रोकोली कितनी लाभदायक साबित हो सकती है, और यह लाभ केवल पैसों से संबंधित नही है, बल्कि उसका सेवन करने से स्वास्थ्य के लिए भी इसके कई लाभ है। और यही कारण रहे है जिनसे लखनऊ में ब्रोकोली के उत्पादन के लिए किसानों में रुचि बढ़ रही है।

संदर्भ–
https://bit.ly/3jSSE47
https://bit.ly/3WSp9On
https://bit.ly/3VQOgzI

चित्र संदर्भ
1. ब्रोकोली के उत्पादन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. ब्रोकोली की खेती को संदर्भित करता एक चित्रण (Max Pixel)
3. खेत खोदती महिला किसान को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. विभन्न सब्जियों के साथ ब्रोकोली को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. ब्रोकोली की सब्जी को दर्शाता एक चित्रण (Cookipedia)