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गन्ना क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह चीनी के साथ-साथ शराब, कागज, रसायन और पशु आहार का उत्पादन करने वाले उद्योगों के लिए कच्चा माल भी प्रदान करता है। विभिन्न उद्योगों में गन्ने और उसके उपोत्पादों के बहुउद्देश्यीय उपयोग के कारण गन्ने के उत्पादन में वृद्धि की मांग लगातार बढ़ रही है। 5 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र के साथ, भारत में गन्ने की खेती कुल फसली क्षेत्र के लगभग 2.57 प्रतिशत क्षेत्र पर की जाती है। यह संबद्ध उद्योगों में लाखों लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार के अलावा लगभग 60 लाख गन्ना उत्पादकों को रोजगार और आजीविका प्रदान करता है।
भारत में उत्तर प्रदेश सबसे अधिक गन्ना उत्पादन राज्य है। हालांकि कर्नाटका, तेलंगाना, महाराष्ट्र आदि जैसे दक्षिण के राज्य भी गन्ने का अत्यधिक उत्पादन करते हैं किंतु भारत में गन्ना उत्पादन दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़कर समय के साथ-साथ एक अलग बदलाव का अनुभव कर रहा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistical Office (NSO) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरी भारत के छ: गन्ना उत्पादक राज्यों ने 2011- 2020 के बीच अपने गन्ना उत्पादन मूल्य में 42 प्रतिशत की वृद्धि देखी, जबकि इसी अवधि के दौरान पांच गन्ना उत्पादक दक्षिणी राज्यों के उत्पादन मूल्य में 32.4 प्रतिशत की भारी गिरावट देखने को मिली। NSO रिपोर्ट के अनुसार यह पता चलता है कि बिहार, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में गन्ने का संचयी उत्पादन मूल्य पिछले दशकों में 302.16 अरब रुपये से बढ़कर 429.2 अरब रुपये हो गया है। इसी बीच, पांच दक्षिणी गन्ना उत्पादक राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में गन्ने का संचयी उत्पादन मूल्य इसी अवधि में 268.23 अरब रुपये से घटकर 181.19 अरब रुपये हो गया है। इंदिरा गांधी विकास अनुसंधान संस्थान (Indira Gandhi Institute of Development Research ) (IGIDR) के निदेशक महेंद्र देव ने कहा की, गन्ना उत्पादन में उत्तर की ओर बदलाव इस क्षेत्र में बड़े सिंचित क्षेत्र और उच्च राज्य सलाहकार मूल्य (एसएपी) के साथ-साथ केंद्र के उचित और पारिश्रमिक मूल्य (FRP) के कारण है।
हालांकि महाराष्ट्र देश का प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य है, उत्तर प्रदेश का गन्ना उत्पादन मूल्य देश में सबसे अधिक है।देव के अनुसार, “उत्तर प्रदेश जैसे राज्य पिछले एक दशक से लगातार गन्ने के लिए उच्च SAP की पेशकश कर रहे हैं। कर्नाटक और तमिलनाडु सहित दक्षिणी राज्य SAP से दूर हो गए हैं और इन राज्यों द्वारा राजस्व बंटवारे के मॉडल को अपनाया गया है है। इसके अलावा, वे (दक्षिणी राज्य) अपने पानी को अन्य उच्च मूल्य वाली फसलों की ओर मोड़ रहे है। छह उत्तरी राज्यों में अकेले उत्तर प्रदेश का उत्पादन मूल्य का लगभग 83 प्रतिशत हिस्सा है और इसका उत्पादन मूल्य एक दशक में 24,860 करोड़ रुपये से 43.9 प्रतिशत बढ़कर 35,770 करोड़ रुपये हो गया है।
गन्ना लंबी अवधि (उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में 12 महीने और उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में 12-18 महीने) की एक श्रम प्रधान फसल है, जिसके लिए उप-उष्णकटिबंधीय में प्रति हेक्टेयर 150-180 श्रम दिवस और लगभग 250-300 दिनों में प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है। गन्ने की खेती में अधिकांश कार्य मैन्युअल रूप से किए जाते हैं और मशीनरी का उपयोग अधिकांश किसानों द्वारा खेत तैयार करने जैसे कार्यों तक ही सीमित होता है।
हालांकि मानव श्रम गन्ने की फसल की खेती का सबसे महत्वपूर्ण घटक है, पूरे भारत में अनगिनत अन्य किसानों के साथ, गन्ना उत्पादक जीवित रहने के लिए पर्याप्त कमाई करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उन्हें खेती जारी रखने के लिए पैसे उधार लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। संकट सिर्फ कर्ज के चक्र में फंस जाने वाले किसानों को ही प्रभावित नहीं करता है, बल्कि उनके परिवारों के साथ-साथ रिश्तेदारों और साथी किसानों को भी प्रभावित करता है। कभी-कभी कर्ज के चक्र से मुक्त होने के लिए किसान अपने जीवन को भी समाप्त कर लेते हैं। यह स्थिति वाकई में बहुत भयावह है और सरकारों को किसानों की स्थिति में सुधार लाने के लिए उचित कदम उठाने पड़ेंगे।
किसानों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में चीनी उद्योग और डिस्टिलरीज में संगठित कार्यबल के लिए वेतन में संशोधन किया है। बकाया के रूप में, चीनी मिलों में श्रमिकों को 78,000 रुपये और प्रति माह 1,600-1,700 रुपये की वृद्धि की है जिससे श्रमिक वर्ग अधिक मेहनत के साथ कार्य करता है।
संदर्भ
https://bit.ly/3WyQIeU
https://bit.ly/3hNq3fO
https://bit.ly/3FSV7mi
https://bit.ly/3hGB4zH
चित्र संदर्भ
1. भारतीय गन्ना किसानों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. राज्य द्वारा गन्ने का उत्पादन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. गन्ने के पोंधों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4.चीनी मिल में गन्ने की तुलाई को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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