Post Viewership from Post Date to 23-Dec-2022 (5th Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
295 816 1111

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

क्या आपको पता है कि वर्तमान फुटबॉल का विकास किस तरह हुआ?

लखनऊ

 19-12-2022 10:32 AM
य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

लगभग 4 बिलियन प्रशंसकों के साथ फुटबॉल, निस्संदेह ही, सबसे प्रशंसित खेल है। यह कोई रहस्य नहीं है कि फुटबॉल सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि कई लोगों के लिए कोई एक भावना भी है। किंतु क्या आप जानते हैं कि फुटबॉल की शुरुआत सबसे पहले कहां हुई? यह एक व्यापक रूप से फैली मान्यता है कि फ़ुटबॉल की उत्पत्ति इंग्लैंड में हुई है। परंतु क्या आप जानते हैं कि इसके पहले भी गेंद के कई खेल हुए हैं, जो आज के आधुनिक फुटबॉल खेल के अग्रदूत थे तथा वे उस समय 2500 ईसा पूर्व में मौजूद विभिन्न सभ्यताओं में भी खेले जाते थे। मिस्र के मकबरों में पाई गई विभिन्न कलाकृतियां 2500 ईसा पूर्व में एक गेंद के खेल के अस्तित्व के बारे में बताती हैं। वे ऐसे खेल थे जिनमें आधुनिक फ़ुटबॉल के गेंद के अलावा शायद कुछ भी समान नहीं था, लेकिन उनके अस्तित्व के बिना आज के फुटबॉल के खेल की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी । उन गेंदों को आमतौर पर लिनन (linen) से बनाया जाता था, और गेंद में बेहतर उछाल के लिए कभी-कभी वे पशुओ के स्नायु से भी बनाए जाते थे। फिर भी, प्राचीन काल में खेले गए गेंदो के खेलो के बारे में बहुत कम जाना जाता है । लगभग 2000 ईसा पूर्व, प्राचीन ग्रीस में, एपिस्काइरोस (Episkyros) [ जिसे फैंडिना (Phaindina) के नाम से भी जाना जाता है] नामक एक गेंद के खेल का आविष्कार हुआ था। यह खेल मुख्य रूप से पुरुषों द्वारा खेला जाता था। किंतु ऐसे संकेत मिलते है कि कभी-कभी महिलाओं ने भी इसमें भाग लिया होगा।
लेकिन उस समय के गेंदों में कम उछाल क्षमता थी क्योंकि वे लिनन से बने थे और एक साथ सिले हुए लिनन के रेशों में लिपटे हुए होते थे । इसके बारे में एक दिलचस्प तथ्य यह है कि फुटबॉल के यूरोपीय कप में एक नग्न ग्रीक एथलीट की छवि उकेरी गई थी, जो इस बात का संकेत देते हैं कि यह प्राचीन खेल नग्न अवस्था में खेला जाता था।
चीन में 255 ईसा पूर्व से 220 ईसवी तक प्राचीन त्सिन (Ts’in) और हान (Han) राजवंशों के समय में, लोग “त्सू चू” (Tsu Chu) नामक एक गेंद का खेल खेलते थे। इस खेल में, मुख्य लक्ष्य दो स्तंभों के बीच फैले जाल में एक छेद के माध्यम से एक पशुओ के स्नायु से बनी गेंद को गोल (Goal) करना या फेंकना होता था। कई प्राचीन सबसे शक्तिशाली सभ्यताओं जैसे मिस्र, रोम और प्राचीन ग्रीस में भी गेंद के खेलों के सरीखे अन्य खेलों के बारे में प्रलेखित किया गया था।उन दिनों गेंद से खेले जाने वाले खेलों का अर्थ आधुनिक फुटबॉल से बिल्कुल अलग था। उस समय, ‘फुटबॉल’ का उपयोग न केवल मनोरंजन उद्देश्यों के लिए किया जाता था, बल्कि अलग-अलग उद्देश्यों के लिए भी किया जाता था।
उदाहरण के लिए, रोम में रोमन सैनिक हार्पस्टम(Harpastum) – जिसका अर्थ एक भारी हैंड-बॉल रग्बी (Handball Rugby) है, नामक एक खेल खेला करते थे। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने ग्रीक खेल, फैंडिना से प्रेरित होकर यह खेल खेला था, बाद में इसका नाम बदलकर हार्पस्टम कर दिया गया। उन्होंने खेल में कुछ नए नियम, जैसे छोटी गेंद का उपयोग करना, भी जोड़े । इस खेल में बहुत भारी तरीके से जूझना, कूदना और दौड़ना शामिल था जिससे बहुत हंगामा हुआ करता था। रोमनों ने सोचा कि यह उनकी लड़ाई में उनकी मदद कर सकता है और इस खेल को प्रशिक्षण के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा।
गैलेन (Galen), जो कि एक रोमन चिकित्सक और दार्शनिक थे, ने हार्पस्टम खेल को कुश्ती या दौड़ने से बेहतर बताया क्योंकि “यह शरीर के हर हिस्से को व्यायाम करवाता है, थोड़ा ही समय लेता है, और कुछ भी खर्च नहीं करता है।” उन्होंने इसे “रणनीति में लाभदायक प्रशिक्षण” भी माना, और कहा कि इसे शक्ति की अलग-अलग मात्रा के साथ खेला जा सकता है। यह सोचना गलत नहीं होगा कि अतीत में जो खेल खेले जाते थे वे आज के उन खेलों से भिन्न होते हैं जो उनसे उत्पन्न हुए हैं। अतीत में, खेलों का व्यावहारिक अर्थ लोगों के लिए केवल मनोरंजक उद्देश्य से कहीं अधिक महत्वपूर्ण था। कुछ मामलों में यह एक धार्मिक अनुष्ठान या जीवन के किसी महत्वपूर्ण पहलू की तैयारी के रूप में भी काम करता था।
इसविषय में एक अन्य उदाहरण एक ऐसा ही ‘गेंद’ के खेल मिलता है है जो पूर्व मध्यकालीन यूरोप में कहीं खेला जाता था। एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक गाँव के लोग दूसरे गाँव के चौराहे के रास्ते में एक गेंद (कई मामलों में एक खोपड़ी) को लात मारने की कोशिश करते थे। विरोधी गाँव उन्हें रोकने की कोशिश करता था और गेंद को पहले गांव के वर्ग में लात मारता था।
एक और मध्यकालीन प्रथा सर्दियों की तैयारी के ठीक बाद गेंद का खेल खेलने की थी, जब सर्दियों में भंडार करने के लिए मारे गए जानवरों के मूत्राशय को हवा से फुलाया जाता था जिससे किसी एक प्रकार की गेंद का निर्माण होता था। खेल का एकमात्र नियम हाथों और पैरों का उपयोग करके गेंद को हवा में रखना था। अतः हम यह समझ सकते हैं की वर्तमान फुटबॉल का विकास कुछ विशेष प्रकार के गेंद के खेलों से ही हुआ है। आज का फुटबॉल खेल उन कई खेलों से प्रेरित है। तथा हालांकि, उस समय के खेलो तथा आज के फुटबॉल में समानता बहुत कम है लेकिन इस फुटबॉल की उत्पत्ति शायद उन्हीं से हुई है।

संदर्भ –
https://bit.ly/3YnxyL2

चित्र संदर्भ
1. 1930 फीफा विश्व कप फाइनल में उपयोग की जाने वाली शुरुआती फ़ुटबाल और एपिस्काइरोस को दर्शाता एक चित्रण (Picryl)
2. प्राचीन ग्रीस में, एपिस्काइरोस (Episkyros), जिसे फैंडिना (Phaindina) के नाम से भी जाना जाता है] नामक एक गेंद के खेल का आविष्कार हुआ था। को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. हार्पस्टम(Harpastum) को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
4. शुरुआती फ़ुटबाल और एपिस्काइरोस को दर्शाता एक चित्रण (Picryl)
5.एसोसिएशन फुटबॉल विकास को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • मकर संक्रांति के जैसे ही, दशहरा और शरद नवरात्रि का भी है एक गहरा संबंध, कृषि से
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:28 AM


  • भारत में पशुपालन, असंख्य किसानों व लोगों को देता है, रोज़गार व विविध सुविधाएं
    स्तनधारी

     13-01-2025 09:29 AM


  • आइए, आज देखें, कैसे मनाया जाता है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:32 AM


  • आइए समझते हैं, तलाक के बढ़ते दरों के पीछे छिपे कारणों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:28 AM


  • आइए हम, इस विश्व हिंदी दिवस पर अवगत होते हैं, हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार से
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:34 AM


  • आइए जानें, कैसे निर्धारित होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:38 AM


  • आइए जानें, भारत में सबसे अधिक लंबित अदालती मामले, उत्तर प्रदेश के क्यों हैं
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:29 AM


  • ज़मीन के नीचे पाए जाने वाले ईंधन तेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कैसे होता है?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:46 AM


  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली कैसे बनती है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:32 AM


  • आइए, आज देखें, अब तक के कुछ बेहतरीन बॉलीवुड गीतों के चलचित्र
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     05-01-2025 09:27 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id