अमीर उद दौला पुस्तकालय

लखनऊ

 28-01-2018 09:16 AM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

पुस्तकालय किसी भी समाज के लिये औषधि का कार्य करता है तथा यह शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिये अत्यन्त महत्वपूर्ण होता है। दुनिया का कोई भी शोध बिना पुस्तकालय के नही हो सकता यह वह स्थान होता है जहाँ पर विभिन्न विषयों का संचयन होता है। लखनऊ अपने बसाव के समय से ही संस्कृति व शिक्षा का केन्द्र था यही कारण है कि यहाँ पर विभिन्न पुस्तकालयों का निर्माण करवाया गया। लखनऊ के प्रमुख पुस्तकालयों में अमीर उद दौला पुस्तकालय अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अमीर उद दौला पुस्तकालय की स्थापना अवध के तालुकदारों द्वारा राजा अमीर उद दौला के याद में बनवाया गया था। इस पुस्तकालय के नींव का पत्थर सर हॉरकोर्ट बटलर द्वारा रखा गया था, जो की आगरा और अवध के गवर्नर थे। यह पुस्तकालय 22 जनवरी सन् 1921 ई. शनिवार के दिन बनना शुरू हुआ था। वर्तमान का यह पुस्तकालय वर्तमान मे स्थित परिसर से पहले ही बनाया जा चुका था सन् 1868 में। यह पुस्तकालय 1882 में प्रोविंसियल संग्रहालय का भाग था, तथा यह मात्र कुछ एक लोगों के लिये हि खुला करता था परन्तु सन् 1887 में इसे सिर्फ विद्यार्थियों के लिये खोला गया। 1907 में बारादरी की ऊपरी मंजिल इस पुस्तकालय के लिये दे दिया गया पर यह पुस्तकालय सन् 1910 में छोटा छतर मंजिल में भेज दिया गया तथा इसको सभी के लिये खोल दिया गया और तभी से इसका नाम पब्लिक लाइब्रेरी पड़ गया। 6 मार्च सन् 1926 इस पुस्तकालय को वर्तमान स्थान पर विस्थापित कर दिया गया तथा यह तब से यहीं पर कार्यन्वित है। 1926 ई. में ही इसे युनाइटेड प्रॉविंस सरकार को उपहार स्वरूप तालुकदारों द्वारा दे दिया गया और यह अमीर उद दौला नाम से जाना जाने लगा। अमीर उद दौला का पूरा नाम अमीर उद दौला राजा मोहम्मद अमीर हसन खान था जो कि मोहम्मदाबाद से सम्बन्धित थें। 1947 ई. में इस पुस्तकालय की कुछ जमीन पार्क बनाने के लिये तालुकदारों द्वारा दिया गया था। वर्तमान काल में भी यह पुस्तकालय अपनी सेवा कितने ही युवाओं के बेहतर भविष्य के लिये दे रहा है।



RECENT POST

  • जानें, प्रिंट ऑन डिमांड क्या है और क्यों हो सकता है यह आपके लिए एक बेहतरीन व्यवसाय
    संचार एवं संचार यन्त्र

     15-01-2025 09:32 AM


  • मकर संक्रांति के जैसे ही, दशहरा और शरद नवरात्रि का भी है एक गहरा संबंध, कृषि से
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:28 AM


  • भारत में पशुपालन, असंख्य किसानों व लोगों को देता है, रोज़गार व विविध सुविधाएं
    स्तनधारी

     13-01-2025 09:29 AM


  • आइए, आज देखें, कैसे मनाया जाता है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:32 AM


  • आइए समझते हैं, तलाक के बढ़ते दरों के पीछे छिपे कारणों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:28 AM


  • आइए हम, इस विश्व हिंदी दिवस पर अवगत होते हैं, हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार से
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:34 AM


  • आइए जानें, कैसे निर्धारित होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:38 AM


  • आइए जानें, भारत में सबसे अधिक लंबित अदालती मामले, उत्तर प्रदेश के क्यों हैं
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:29 AM


  • ज़मीन के नीचे पाए जाने वाले ईंधन तेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कैसे होता है?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:46 AM


  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली कैसे बनती है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id