Post Viewership from Post Date to 10-Jan-2023 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
949 642 1591

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

लखनऊ चिड़ियाघर को कुकरैल क्षेत्र में क्यों स्थानांतरित किया जा रहा है

लखनऊ

 10-12-2022 12:16 PM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

क्या आपको पता है की हमारे लखनऊ में बने नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल पार्क (Nawab Wajid Ali Shah Zoological Park) जिसको लखनऊ चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता है, को, कुकरैल क्षेत्र में स्थानांतरित करने की तैयारी की जा रही है। इस रोचक प्रसंग पर चर्चा करते हुए, आज हम यह जानेंगे कि किसी भी शहर के उत्तम नियोजन और शहर की लोकप्रियता के संदर्भ में एक चिड़ियाघर कितनी अहम् भूमिका निभा सकता है। दुनिया भर में, चिड़ियाघर हर साल करोड़ों आगंतुकों को आकर्षित करते हैं। जिन शहरों में ये चिड़ियाघर होते हैं, उन शहरों के लिए, वे प्रमुख पर्यटन आकर्षण और आर्थिक केंद्र होते हैं जो न केवल बड़ी मात्रा में राजस्व एकत्र करते हैं, बल्कि हजारों लोगों के लिए दीर्घकालिक रोजगार भी सृजित करते हैं। लेकिन इन आँकड़ों से परे, हमेशा से कई लोग हमारे समाज में चिड़ियाघरों की भूमिका की आलोचना करते रहे हैं। ऐतिहासिक रूप से, चिड़ियाघरों को उनके अस्तित्व की नैतिकता से जुड़े हुए सवालों से घेरा गया है। आसान शब्दों में समझें तो ज्यादातर लोग चिड़ियाघरों को जानवरों को "कैद" में रखने के केंद्र के रूप में परिभाषित करते हैं। हालांकि, दशकों पहले धनी अभिजात वर्ग द्वारा चिड़ियाघरों को अपने विदेशी जानवरों को रखने और उन्हें अपने मेहमानों को प्रदर्शित करने का माध्यम समझा जाता था। तब उन्हें इस बारे में अधिक जानकारी नहीं थी कि इन चिड़ियाघरों में सीमित क्षेत्रों में रह रहे जानवरों की देखभाल कैसे की जाए और उनके प्राकृतिक आवास क्या हैं ? चिड़ियाघर लोगों को शहर के अंदर ही प्रकृति को करीब से अनुभव करने की अनुमति देते हैं। वियना (Vienna) का टियरगैटन शॉनब्रुन (Tiergaten Schönbrunn) दुनिया का सबसे पुराना "आधुनिक" चिड़ियाघर माना जाता है। यह चिड़ियाघर भी 18वीं शताब्दी के मध्य में एक शाही पशुशाला के रूप में शुरू हुआ था । सबसे पुराने ज्ञात चिड़ियाघर का अनुमान हाल ही में 2009 में सामने आया था, जिसे 3500 ईसा पूर्व मिस्र का बताया जा रहा है। इस चिड़ियाघर जो एक निजी पिंजरे के सामान था, में दरियाई घोड़ा, हाथी और बबून सहित कुल 112 जानवर शामिल थे। 1799 में, फ्रांसीसी क्रांति की समाप्ति के बाद, पेरिस (Paris) ने भी अपने पशु सुविधा केंद्र खोलें । तब से चिड़ियाघरों को वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए एक स्थान के रूप में देखाजाने लगा , जहां शोधकर्ता जानवरों के बारे में अधिक जान सकते थे। 1826 में, जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन (Zoological Society of London) की स्थापना हुई और इसके विस्तार के रूप में, दुनिया का पहला वैज्ञानिक चिड़ियाघर लंदन चिड़ियाघर (London Zoo), सन 1847 में आम जनता के लिए खोला गया था। जानवरों के बारे में जानने की शैक्षिक खोज की यह भावना आज भी बनी हुई है। वैज्ञानिकों और अधिकांश जनता ने समान रूप से महसूस किया है कि चिड़ियाघर जानवरों को हानि पहुचाएं बिना, उन्हें समझने का एक उत्तम तरीका हो सकते है।
आधुनिक चिड़ियाघरों में प्रदर्शित प्रजातियों और वन्यजीवों के संरक्षण के संबंध में विभिन्न प्रकार के कार्य किये जाते हैं। जैसे:
(1) प्रदर्शित जानवरों की देखभाल और कल्याण।
(2) पेशेवर और दर्शकों को शिक्षित करना।
(3) प्रजाति/निवास संरक्षण।
(4) आंतरिक और शैक्षणिक अनुसंधान जो जानवरों के बारे में हमारे ज्ञान को बढ़ाता है।
इसके अतिरिक्त , चिड़ियाघर प्रारंभ से ही मनोरंजन के रूप में भी देखे जाते हैं, तथा दुनिया भर में प्रतिवर्ष लगभग 700 मिलियन लोग अपने परिवार के साथ चिड़ियाघर और जलजीवशालाओं (Aquarium) में मनोरंजन के लिए घूमने जाते हैं। 2011 में किये गए एक सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिड़ियाघरों और जलजीवशालाओं ने वन्य जीवों के संरक्षण पर कम से कम $ 350 मिलियन डॉलर खर्च किए हैं। एसोसिएशन ऑफ जूज़ एंड एक्वेरियम (Association Of Zoos And Aquarium (AZA) द्वारा जारी की गई 2012 की एक रिपोर्ट में, 2,700 संरक्षण कार्यक्रमों द्वारा पारिस्थितिक तंत्र के अतिरिक्त , 650 व्यक्तिगत प्रजातियों के लिए क्षेत्र संरक्षण पर लगभग $160 मिलियन डॉलर खर्च किए। वही इन चिड़ियाघरों से चिड़ियाघर मालिकों की आय में भी लगातार वृद्धि हो रही है जो उन्हें अपने उद्देश्यों को पूरा करने की क्षमता प्रदान करती है। आज जबकि, कई चिड़ियाघर अपने उद्देश्यों का विस्तार कर रहे हैं और बड़ी संख्या में आगंतुकों को आकर्षित कर रहे हैं, वहीं समाज में कई लोग इन संस्थानों की आलोचना भी कर रहे हैं। पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों (आलोचकों) का तर्क है कि ज्यादातर चिड़ियाघर जानवरों के संरक्षण के प्रयासों में बहुत कम योगदान देते हैं, तथा जानवरों को बंदी वातावरण में रखकर उनके कल्याण को भी प्रभावित कर रहे हैं। चिड़ियाघर में आने वाले लोग मुख्य रूप से मनोरंजन, अपने परिवार और मित्रों के साथ समय बिताने, और शैक्षिक अनुभव प्राप्त करने के लिए आते हैं। पिछले अध्ययनों से पता चलता है कि आगंतुक व्यवहार चिड़ियाघर के जानवर की उपस्थिति और उसके द्वारा प्रदर्शित व्यवहार दोनों से प्रभावित होते हैं। हालांकि प्रदर्शन डिजाइनों (Display Designs) के प्रभावों की जांच करने वाले अध्ययनों से पता चलता है कि, हाल के दशकों में प्रकृतिवादी प्रदर्शनों में परिवर्तन से जानवरों की भलाई के साथ-साथ आगंतुक व्यवहार में भी सुधार होता है। जानवरों और दर्शकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, हमारे लखनऊ चिड़ियाघर को कुकरैल क्षेत्र में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव भी केंद्रीय चिड़िया घर को भेजा गया है। इस नई जगह पर लगभग डेढ़ सौ एकड़ में चिड़िया घर बनेगा। वहीं, लगभग साढ़े तीन सौ एकड़ में नाइट सफारी (Night Safari) बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। कुकरैल में चिड़िया घर बनकर तैयार हो जाने पर ही लखनऊ जू के जानवरों को उस नए चिड़िया घर में स्थानांतरित किया जाएगा। राज्य की राजधानी लखनऊ में स्थित नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान (लखनऊ चिड़ियाघर) प्रदेश का सबसे पुराना चिड़ियाघर है जो 29 हेक्टेयर में फैला हुआ है। यहां 100 से अधिक प्रजातियों के 1000 से अधिक जानवर और पशु-पक्षी हैं। यह प्राणी उद्यान शेर, चीता, सफेद बाघ, फिशिंग कैट (Fishing Cat) भारतीय भेड़िये और तेंदुए के साथ-साथ संकर शेर जैसे मांसाहारी जीवों का घर भी है। इसमें स्लॉथ बीयर (Sloth Bear), इंडियन ब्लैक बीयर (Indian Black Bear), गीदड़, लोमड़ी और जंगल कैट (Jungle Cat) जैसी प्रजातियां भी रहती हैं। इस शानदार चिड़ियाघर में प्राइमेट्स (Primates) की कई लुप्तप्राय प्रजातियां जैसे कि हूलॉक गिब्बन (Hoolock Gibbon) और रीसस बंदर (Rhesus Monkey) भी देखे जा सकते हैं। इन जीवों के अतिरिक्त यहां पक्षियों की कई प्रजातियां जैसे सफेद मोर, पहाड़ी मैना, भारतीय तोता के साथ ही भारतीय अजगर, कोबरा सांप, मगरमच्छ भी हैं। ‘लखनऊ चिड़ियाघर’ के सर्प घर में सात प्रजातियों के लगभग 40 सर्प हैं। बड़ी बात यह है कि इनमें दुनिया के दो सबसे विषैले प्रजाति के सर्प शामिल हैं। इसमें रसेल वाइपर भी शामिल है, जो दुनिया का सबसे विषैला सर्प माना जाता है। सांप यहां घूमने आने वाले लोगों को खासा आकर्षित करते हैं। वास्तव में, ‘लखनऊ चिड़ियाघर’ यहां के लोगों के लिए आकर्षण का एक मुख्य केंद्र है।

संदर्भ
https://bit.ly/3VMLZGs
https://bit.ly/3VxWKMQ
https://bit.ly/3Y2c3im
https://bit.ly/3itM8zV

चित्र संदर्भ
1. लखनऊ चिड़ियाघर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. कुकरैल चिड़ियाघर को दर्शाता एक चित्रण (facebook)
3. लखनऊ चिडयाघर प्रवेश बोर्ड को दर्शाता एक चित्रण (prarang)
4. बाघ को देखते लोगों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. चिड़ियाघर में मोर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id