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भारत में पारंपरिक सुगंध उद्योग ने, हाल के वर्षों में प्रौद्योगिकी की शुरुआत और व्यापक उपयोग के साथ बड़े बदलाव देखे हैं। भारतीय सुगंध उद्योग को उत्पादन, खपत के मामले में सबसे बड़ा माना जाता है। साथ ही भारत जैविक सुगंधित कच्चे माल का उत्पादन भी कर सकता है, जिसकी दुनिया में बहुत मांग है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था को जमीनी स्तर से फिर से खड़ा कर सकता है।
वैश्विक सुगंध और स्वाद उद्योग 24.10 अरब डॉलर का व्यापार है, और भारत इसमें लगभग 500 मिलियन डॉलर का योगदान देता है। हालाँकि, पिछले कुछ वर्षों में भारत में विकास दर लगभग 11% रही है, लेकिन आने वाले वर्षों में बढ़ती व्यक्तिगत देखभाल, ब्रांड जागरूकता, आय में वृद्धि, मध्यम वर्ग के लोगों में बढ़ती मांग और सुगंध की सस्ती कीमत के कारण, इत्र या परफ्यूम की मांग तेजी से बढ़ने का अनुमान है।
भारत सरकार की सहायता से 1991 में UNDP / UNIDO द्वारा भारत का खुशबू और स्वाद विकास केंद्र, (FFDC) कन्नौज में स्थापित किया गया। इस केंद्र की स्थापना के पीछे की अवधारणा एसेंशियल ऑयल्स, सुगंध और स्वाद के अनुसंधान तथा उद्योगों के बीच सेतु के रूप में कार्य करना है। कन्नौज में सुगंध और स्वाद विकास केंद्र की सफलता और इसकी आत्मनिर्भरता को देखते हुए, सभी राज्यों में भी इस तरह के केंद्र खोलने की आवश्यकता है।
वर्तमान में दुनिया भर में, लगभग 300 महत्वपूर्ण प्राकृतिक सुगंधित कच्चे माल, उपयोग में हैं। चंदन, चमेली, रजनीगंधा आदि के सुगंधित एसेंशियल ऑयल्स (Essential Oils) के साथ भारत ने इस क्षेत्र में अपना वैश्विक प्रभाव डाला है। सुगंधित एसेंशियल ऑयल्स केंद्रित, वाष्पशील, हाइड्रोफोबिक पौधे (Hydrophobic Plants) के अर्क होते हैं, जो पौधों के विभिन्न भागों जैसे पत्तियों, जड़ों, फलों, फलों के छिलके, बीज और छाल से निकाले जाते हैं। एसेंशियल ऑयल्स का उपयोग भोजन, पेय पदार्थ, अरोमाथेरेपी उत्पादों (Aromatherapy Products), सौंदर्य प्रसाधन, होमकेयर उत्पादों (Homecare Products) और सुगंध सहित विभिन्न उत्पादों के निर्माण में कच्चे माल के रूप में किया जाता है। भाप आसवन पौधों से आवश्यक तेल निकालने के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली विधि है।
साथ ही इसके अन्य तरीकों में मैक्रेशन, इफ्लुरेज, सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन और मैकेनिकल प्रेसिंग (Maceration, Efflurage, Solvent Extraction and Mechanical Pressing) शामिल हैं। आवश्यक तेलों का उपयोग इत्र, सौंदर्य प्रसाधन, डिटर्जेंट, साबुन, शैंपू, सफाई जैल आदि के निर्माण में किया जाता है। फार्मास्यूटिकल्स (Pharmaceuticals) के रूप में आवश्यक तेलों का उपयोग दंत उत्पादों और विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है।
2007 में FFDC, कन्नौज ने फॉरवर्ड ट्रेडिंग (Forward Trading) हेतु पुदीने के तेल का विश्लेषण करने के लिए MCX के साथ एक गठजोड़ किया और उसके बाद, पुदीने के तेल में 20-30% की सीमा तक किसानों को बेहतर लाभ के कारण तेजी से वृद्धि हुई और इसलिए भारत में इसका उत्पादन भी बढ़ गया। लगभग 40,000 टन तेल यानी वैश्विक उत्पादन के लगभग 90% के साथ भारत इस क्षेत्र में वैश्विक नेता बनकर उभरा। भारत की कुल उपज का 80% उत्तर प्रदेश स्वयं देता है, इसके अलावा बिहार 13% और मध्य प्रदेश 7% का योगदान देता है। उद्योग के विशेषज्ञों ने अगले दशक के लिए भारतीय एसेंशियल ऑयल्स के बाजार की वार्षिक वृद्धि दर, कम से कम 12.2 प्रतिशत आंकी है। भारतीय एसेंशियल ऑयल्स का बाजार 2030 के अंत तक ~ 50,400 टन के उत्पादन तक पहुंचने की उम्मीद है।
आज कई नए स्टार्टअप (Startup) नारियल के दूध आधारित शाकाहारी स्वादों के साथ प्रयोग कर रहे हैं। इस प्रकार, प्राकृतिक और जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग, खाद्य पदार्थों में नवाचारों को उत्प्रेरित कर रही है।
कोरोनावायरस (COVID-19) ने दुनिया भर में लोगों के बीच बड़ा संकट पैदा कर दिया है, ऐसे में एसेंशियल ऑयल्स के संक्रमण-रोधी गुण, लोगों को कोरोनावायरस से भी बचा रहे हैं इसलिए, फार्मा और हेल्थकेयर कंपनियां (Pharma and Healthcare Companies) वायरस की गंभीरता को कम करने वाले टीके और दवाएं विकसित करने के लिए अपनी अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को बढ़ा रही हैं। (sentence is outdated now)भारत में COVID-19 रोगियों की संख्या में वृद्धि के कारण, भारत के एसेंशियल ऑयल्सबाजार में कंपनियां भी तुलसी, लौंग, और नीलगिरी ग्लोब्यूलस (Eucalyptus Globulus) से बने आवश्यक तेलों के निर्माण के लिए अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा रही हैं।
भारत में एसेंशियल ऑयल्स के बाजार में महत्वपूर्ण गति से विस्तार होने का अनुमान है। खाद्य और पेय पदार्थ, अरोमाथेरेपी, सौंदर्य प्रसाधन और प्रसाधन सामग्री, और होम केयर उत्पादों सहित विभिन्न उद्योगों में सुगंधित एसेंशियल ऑयल्स की मांग पिछले कुछ वर्षों में बढ़ रही है। इस प्रकार आवश्यक तेल कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं, जो फार्मास्युटिकल अनुप्रयोगों में इन तेलों की मांग को बढ़ाते हैं। 2004 में नागपुर, महाराष्ट्र में स्थापित, मंगलम एग्रो (Mangalam Agro) आज दुनिया के अग्रणी निर्माताओं, आयातकों और निर्यातकों में से एक है, जो प्राकृतिक सुगंध, एसेंशियल ऑयल्स, सिट्रोनेला तेल (Citronella oil), तरल कीटाणुनाशक, आदि की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करने के अलावा उनकी "बेहद विश्वसनीय रेंज", कंपनी शोधकर्ताओं की अत्यधिक अनुभवी और पेशेवर टीम तथा व्यापक वितरण नेटवर्क के माध्यम से अपने उत्पादों की समय पर डिलीवरी के लिए जानी जाती है। एसेंशियल ऑयल्स की एक विस्तृत श्रृंखला के अलावा, मंगलम एग्रो सुगंधित पौधों के साथ-साथ घास के लिए सुगंधित वृक्षारोपण और अनुबंध खेती में भी प्रयासरत है।
आवश्यक तेलों के प्रयोग से संभव होने वाली चिकित्सा प्रक्रिया अरोमाथेरेपी (Aromatherapy) को एक वैकल्पिक औषधीय चिकित्सा माना जाता है जो दर्द, हृदय संबंधी विकारों, श्वसन संबंधी विकारों, त्वचा संबंधी समस्याओं, सर्दी और खांसी, पाचन समस्याओं, प्रतिरक्षा प्रणाली की शिथिलता, अनिद्रा, चिंता और घावों सहित विभिन्न विकारों से उबरने में मदद करती है। वैश्विक अरोमाथेरेपी बाजार का आकार 2020 में 1.6 बिलियन अमरीकी डालर आंका गया था और 2021 से 2028 तक इसके 11.6% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने की उम्मीद है। पूर्वानुमान अवधि के दौरान प्राकृतिक उत्पादों के बाजार में आने की संभावना है।
अरोमाथेरेपी के लिए बाजार में लक्षित दर्शक आमतौर पर महिलाएं हैं, लेकिन समय के साथ इसका विस्तार भी काफी बढ़ रहा है। लोग मानव निर्मित दवाओं के बजाय प्राकृतिक उपचारों को तेजी से अपना रहे हैं। इसके अलावा, खांसी और सर्दी से राहत प्रदान करने के लिए अरोमाथेरेपी के उपयोग से बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। पूर्वानुमान अवधि के दौरान योग और ध्यान केंद्रों में अरोमाथेरेपी की मांग में 10.0% सीएजीआर (CAGR) की दर से वृद्धि देखने की उम्मीद है।
संदर्भ
https://bit.ly/3hX7w0n
https://bit.ly/2F0YJUK
https://bit.ly/3TVQBIB
https://bit.ly/2TCfLOr
चित्र संदर्भ
1. परफ्यूम विक्रेता को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. बिक्री हेतु रखी गई इत्र की बोतलों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. एसेंशियल ऑयल्स, को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. कीवी एसेंशियल ऑयल्स को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. नीलगिरी ग्लोब्यूलस को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
6. चिकित्सा प्रक्रिया अरोमाथेरेपी को दर्शाता एक चित्रण (pexels)
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