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आज क्रिकेट के क्षेत्र में रोजगार के मौके केवल क्रिकेटर खेलने या कोच बनने तक ही सीमित नहीं हैं। वास्तव में समय के साथ जैसे-जैसे देश-विदेश में क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ रही है, वैसे-वैसे इससे जुड़े नए-नए रोजगार भी उभरकर सामने आ रहे हैं।
क्रिकेट में खिलाड़ी बनने के अलावा भी करियर बनाने के कई तरीके हैं, जिसमें मीडिया से लेकर क्रिकेट विश्लेषण और स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपी (Sports Physiotherapy) तक बहुत कुछ शामिल है। इनमें से कुछ को शौक या अंशकालिक अवसरों के रूप में अपनाया जा सकता है, जबकि अन्य को भारत में क्रिकेट से संबंधित पूर्णकालिक नौकरी के तौर पर लिया जा सकता हैं। जिनके कुछ वास्तविक उदाहरण निम्नवत दिए जा रहे हैं:
१. पत्रकार: क्रिकेट के बारे में लिखना या बात करना, इस खेल के प्रति अपने प्यार को दूसरों के साथ साझा करने का एक शानदार तरीका है। और इस शौक को आप नौकरी में भी बदल सकते हैं। जिसे शुरू करने के लिए आप किसी ऑनलाइन माध्यम जैसे यू-ट्यूब , स्नैपचैट, ब्लॉग या पॉडकास्ट (YouTube, Snapchat, Blog or Podcast) का प्रयोग करके, अपनी रचनात्मकता के साथ अपने क्रिकेट ज्ञान को भी जोड़ सकते हैं। साथ ही यह ज्ञान केवल अंग्रेजी में ही होना जरूरी नहीं है। आप उसी भाषा में लिखें या बोलें जिसमें आप सबसे अधिक सहज अनुभव करते हैं। यदि आप समाचार पत्र, टीवी चैनल या वेबसाइट के साथ काम करना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपके पास नौकरी के लिए आवेदन करते समय, आवेदकों को दिखाने के लिए आपके काम के नमूने अवश्य उपलब्ध हो।
२.अंपायर (Umpire): एक अंपायर के रूप में, आपको क्रिकेट से जुड़े सभी नियमों की जानकारी होनी आवश्यक है! लेकिन फिर भी चिंता न करें, आपको सभी नियमों को तुरंत जानने की आवश्यकता नहीं है। अंपायर बनने के लिए, पहले अपने राज्य संघ के साथ उनके द्वारा प्रदान किए जाने वाले, अंपायरिंग पाठ्यक्रमों (कुछ निजी अकादमियां भी पाठ्यक्रम प्रदान करती हैं।) में से एक के लिए पंजीकरण करें। पाठ्यक्रम आम तौर पर लगभग एक सप्ताह के लिए होता है, और इसमें प्रमाणन प्राप्त करने से पहले सिद्धांत और व्यावहारिक परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं।
एक बार जब आप प्रमाणित हो जाते हैं, तो आप उस राज्य संघ द्वारा मान्यता प्राप्त मैचों में अंपायर के तौर पर 'खड़े' हो सकते हैं। आप स्कूल और लोअर डिवीजन मैचों (lower division matches) से शुरुआत कर सकते हैं। प्रथम श्रेणी और अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग करने के लिए, आपको बीसीसीआई (BCCI) द्वारा मान्यता प्राप्त होनी चाहिए। बीसीसीआई प्रमाणन के लिए लक्ष्य बनाने से पहले आपको निचले स्तरों में लगभग 3-5 साल का अनुभव होना जरूरी होता है।
३.स्कोरर: यदि आप क्रिकेट के मैदान पर एक्शन से अपनी नजरें नहीं हटा सकते हैं, तो क्रिकेट स्कोरर (Cricket Scorer) का काम आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है। स्कोरर बनने के लिए, आपको थोड़ा-बहुत ही क्रिकेट जानने की जरूरत है।
यदि आप क्रिकेट के सभी नियमों को नहीं भी जानते हैं, तो चिंता न करें। शुरू करने के लिए एक क्रिकेट स्कोरिंग बुक खरीदें, जहां आप रन और विकेट और ओवर जैसी चीजें दर्ज कर सकते हैं। आप एक शौक के रूप में स्कोरिंग कर सकते हैं, या एक छोटा ऑनलाइन कोर्स भी कर सकते हैं। लेकिन अगर आप इसे गंभीरता से लेना चाहते हैं और घरेलू या अंतरराष्ट्रीय खेलों में स्कोरर बनना चाहते हैं, तो आपको बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त करने की आवश्यकता पड़ेगी।
४. विश्लेषक (Analyst): एक क्रिकेट विश्लेषक होने का मतलब अपनी शिक्षा पर बहुत अधिक ध्यान देना भी है। राष्ट्रीय पक्षों के साथ काम करने वाले शीर्ष विश्लेषकों के पास डेटा साइंस, एनालिटिक्स या स्टैटिस्टिक्स (Data Science, Analytics or Statistics) में मास्टर्स और पीएचडी डिग्री होनी जरूरी होती है। कंप्यूटर विज्ञान या इंजीनियरिंग में एक पृष्ठभूमि भी निचले स्तर पर और निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर खोल सकती है।
५.कोच: क्रिकेट कोच बनने के लिए आपको कुछ स्तर की क्रिकेट खेलनी जरूर आनी चाहिए। लेकिन एक महान कोच बनने के लिए आपको हमेशा, एक महान खिलाड़ी होने की आवश्यकता नहीं है। वास्तव में जमीनी स्तर पर एक कोच एक शिक्षक की तरह ही होता है। और इसके लिए समान ही योग्यता की आवश्यकता होती है।
कोच से इस विषय के प्रति जुनून की अपेक्षा की जाती है, और उसे प्रासंगिक डिग्री, डिप्लोमा या प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। भारत में कई शीर्ष कोचों ने पटियाला या अन्य SAI (Sports Authority of India) उप-केंद्रों में भारतीय खेल प्राधिकरण के नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल संस्थान (NIS) के माध्यम से अपनी कोचिंग डिग्री या प्रमाणन प्राप्त किया है।
६.स्पोर्ट्स फिजियो (Sports Physio): स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपी (sports physiotherapy) एक विशेषज्ञता होती है जिसका छात्र, फिजियोथेरेपी में स्नातक की डिग्री या डिप्लोमा के बाद अध्ययन कर सकते हैं। इस क्षेत्र में न केवल एथलीटों की चोटों का इलाज करना शामिल है, बल्कि इसमें प्रशिक्षण, चोट और स्वास्थ्य पर शोध करना भी शामिल होता है। इसके लिए भी खेल विज्ञान में पृष्ठभूमि की आवश्यकता होती है। राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी, क्रिकेट-विशिष्ट प्रमाणन के लिए फिजियो, कोचों और प्रशिक्षकों के लिए अल्पकालिक पाठ्यक्रम आयोजित करती है।
पिछले कुछ वर्षों के भीतर ही, आईपीएल ने भारत में एक मजबूत खेल उद्योग बनाने और एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो न केवल टूर्नामेंट के दौरान बल्कि खेल के मौसम के बाद भी बहुत से लोगों को रोजगार प्रदान करता है। इसमें टिकट, रसद, भोजन, सुरक्षा, व्यापारिक और आधिकारिक आदि काम करने वाले लोग भी शामिल हैं। जब 2008 में आईपीएल शुरू हुआ, तो लीग, कंपनियों और फ्रैंचाइज़ी (Franchise) ने विदेशी पेशेवरों को काम पर रखा, क्योंकि स्थानीय प्रतिभा के पास इतने बड़े पैमाने के टूर्नामेंट को चलाने के लिए पर्याप्त अनुभव या विशेषज्ञता नहीं थी।
लेकिन अब इसमें काफी बदलाव आया है। आज आईपीएल में काम करने वाले ज्यादातर स्टाफ भारत से ताल्लुख रखते हैं। अधिकांश आईपीएल मालिक, उद्योगपति और स्थापित फिल्म स्टार थे तथा उन्हें स्पोर्ट्स लीग चलाने का भी कोई अनुभव नहीं था। लेकिन वे भी समय के साथ विकसित हुए हैं, और आईपीएल के 15वें सत्र में, फ्रेंचाइजी 100 प्रतिशत पेशेवर रूप से चलाई जाती हैं, जो विशेष रोजगार भी पैदा करती हैं। चाहे फिटनेस ट्रेनर हों, फिजियोथेरेपिस्ट हों, टूर्नामेंट ऑपरेशन स्टाफ हों, फोटोग्राफर हों, वीडियोग्राफर हों, ये सभी ऐसे विशेषज्ञ होते हैं, जो अन्य वैश्विक लीगों की तरह ही आईपीएल को चलाने के विभिन्न पहलुओं का ध्यान रखते हैं।
क्रिकेट आईपीएल ने हॉकी, फुटबॉल, बैडमिंटन, कुश्ती, कबड्डी, बैडमिंटन को भी अपनी लीग शुरू करने के लिए प्रेरित किया है। हाल ही में क्रिकेट के महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने भी अपने एक बयान में कहा की "ऐसे बहुत से लोग हैं जिनकी आजीविका आईपीएल की वजह से चल रही है। यह वे लोग हो सकते हैं जो लोगों के चेहरों को रंगते हैं, जो उन शर्टों को बना रहे हैं जो मैच से ठीक पहले स्टेडियम के बाहर बेचे जाते हैं, या विक्रेता हो सकते हैं जिनके स्टेडियम में खाने के स्टॉल हैं। इस प्रकार क्रिकेट के आसपास एक पूरा कुटीर उद्योग फल फूल रहा है।“
संदर्भ
https://bit.ly/3zCsG9W
https://bit.ly/3zG9s34
https://bit.ly/3sXWCti
https://bit.ly/3h9pBaS
चित्र संदर्भ
1. ट्रेनिंग कराते कोच को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. पत्रकार को दर्शाता एक चित्रण (PixaHive)
3. अंपायर को दर्शाता एक चित्रण (TrustedReviews)
4. स्कोर बोर्ड को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. विश्लेषक को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
6. कोच के तौर पर अनिल कुंबले को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
7. स्पोर्ट्स फिजियो को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
8. क्रिकेट में कैमरामैन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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