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देशभर के शहरों की स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग को प्रकाशित किया जा चुका है, जिसमें देखा जाएं तो
हमारे रामपुर ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है, जहां पहले रामपुर देश भर में 294वें स्थान पर था,
अब 164वें स्थान पर आया है।वहीं राज्य की रैंकिंग में रामपुर 23वें स्थान पर है।इस रैंकिंग को
सुधारने के लिए शहर की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया गया, जैसे खुले में शौच मुक्त + (ODF
plus), सफाई, शौचालय, जल सुविधाएं, घर-घर जाकर संग्रहण, कूड़ा निस्तारण की स्थिति में सुधार
आया है। इसके अलावा बरसात में जलभराव की समस्या न हो, इसके लिए शहर में नालों पर से
अतिक्रमण हटवाकर सफाई कराई गई है। हालांकि इसके बावजूद भी कई स्थानों पर जलभराव की
समस्या अभी भी है, उसे भी दूर कराने का प्रयास किया जा रहा है।
वहीं केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर को लगातार छठी बार भारत के सबसे स्वच्छ
शहर के रूप में चुना गया है, इसके बाद सूरत और नवी मुंबई अगले दो स्थान पर हैं।'स्वच्छ सर्वेक्षण
पुरस्कार 2022' में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों की श्रेणी में मध्य प्रदेश ने पहला स्थान हासिल
किया है, इसके बाद छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र का स्थान रहा। वहीं 100 से कम शहरी स्थानीय
निकायों वाले राज्य में त्रिपुरा ने शीर्ष स्थान हासिल किया है।एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में
महाराष्ट्र का पंचगनी पहले नंबर पर है, उसके बाद छत्तीसगढ़ का पाटन और महाराष्ट्र का करहड़
है।एक लाख से अधिक आबादी की श्रेणी में हरिद्वार को सबसे स्वच्छ गंगा शहर घोषित किया गया,
इसके बाद वाराणसी और ऋषिकेश का स्थान रहा। एक लाख से कम आबादी वाले गंगा शहरों में
बिजनौर पहले स्थान पर था, उसके बाद क्रमशः कन्नौज और गढ़मुक्तेश्वर थे। वहीं महाराष्ट्र के
देवलाली को देश का सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड चुना गया। सर्वेक्षण 2016 में 73 शहरों के आकलन
से इस वर्ष 4,354 शहरों को आवृत करता है।
लेकिन स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में खराब रैंकिंग आने वाले शहरों का कहना था कि वे सर्वेक्षण के लिए
इस्तेमाल किए गए मीट्रिक (Metric) प्रणाली से संतुष्ट नहीं थे। स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 सूची में पटना
सबसे नीचे के स्थान मेंथा। इसके पहले पूर्वी दिल्ली, चेन्नई, कोटा, उत्तरी दिल्ली, मदुरई, मेरठ,
कोयंबटूर, अमृतसर, फरीदाबाद और ब्रुहट बेंगलुरु थे।
स्वच्छ सर्वेक्षण, शहरी विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया और क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया
(Quality Council of India) द्वारा किया गया, स्वच्छ भारत अभियान की प्रगति और प्रभाव की जांच
करने और शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देने के लिए कई सौ शहरों में एक व्यापक
स्वच्छता सर्वेक्षण है।प्रत्येक शहर के प्रदर्शन का मूल्यांकन छह मानकों पर किया जाता है:
# नगर निगम द्वारा ठोस कचरा, सफाई, संग्रह और परिवहन का संचालन;
# नगरपालिका द्वारा ठोस अपशिष्ट, ठोस अपशिष्ट का प्रसंस्करण और निपटान संचालन;
# खुले में शौच मुक्त और शौचालय का प्रबंधन;
# क्षमता निर्माण और ई-लर्निंग की सुविधा;
# सार्वजनिक शौचालयों और सामुदायिक शौचालयों का प्रावधान;
# सूचना, शिक्षा और संचार, और व्यवहार परिवर्तन का पालन।
इस मिशन को दुनिया के सबसे बड़े स्वच्छता कार्यक्रम के रूप में जाना जाता है। इसने लाखों लोगों
को शौचालय तक पहुंच प्रदान करने और इसके उपयोग के प्रति व्यवहार में बदलाव लाने का दावा
किया है।कई लोगों का तर्क है कि इसने वास्तव में खुले में शौच को उतनी तेजी से समाप्त नहीं
किया है जितना कि सरकार दावा करती है।हालांकि, इसने खुले में शौच में गिरावट की गति को
काफी तेज कर दिया।
संदर्भ :-
https://bit.ly/3T2SvY4
https://bit.ly/3Vh1rLd
https://bit.ly/3fPYyRp
https://bit.ly/3Mh2UgA
चित्र संदर्भ
1. रामपुर रेलवे स्टेशन को दर्शाता एक चित्रण (Wikimedia)
2. रामपुर की विभिन्न धरोहरों को दर्शाता एक चित्रण (Wikimedia)
3. क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया को दर्शाता एक चित्रण (facebook)
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