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अभी तक रचनात्मक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को कभी भी इस बात की चिंता नहीं रही कि
कंप्यूटर उनकी नौकरी छीन लेगा! लेकिन पिछले महीने, थिएटर डी'ओपेरा स्पैटियल (ThéâtreD’opéra
Spatial - जो "स्पेस ओपेरा थियेटर (Space Opera Theater)" के लिए फ्रेंच (French) शब्द है) नामक कला
की एक कृति जेसन एलन (Jason Allen) नाम के एक व्यक्ति द्वारा कोलोराडो स्टेट फेयर (Colorado
State Fair) की ललित कला प्रतियोगिता में प्रस्तुत की जाने के बाद अब यह भय उभर चुका है कि
कृत्रिम बुद्धिमत्ता का कला में प्रवेश कई लोगों के काम को बंद करवा सकता है।
हालांकि वह कृति
एक भव्य "चित्रकारी" है जिसमें एक विशाल बारोक हॉल (Baroque hall) दिखाया गया है और उसमें
लाल और सफेद वस्त्र वाली तीन महिलाओं को देखा जा सकता है। इस चित्रकारी ने डिजिटल
(Digital) रूप से कुशलता से बनाई गई फोटोग्राफी (Photography) श्रेणी में पहला स्थान हासिल
किया, और राज्य मेले में कलाकार निर्णायकों द्वारा भी इस काम की काफी प्रशंसा की गई। मेले में,
एलन ने बताया कि उन्होंने इस कृति को मिडजॉर्नी (Midjourney - एक कृत्रिम बुद्धि उपकरण जो
कला बनाने में सक्षम है) में बनाया था, लेकिन लोग इस चित्र के पीछे की वास्तविकता को समझने
में विफल रहे। क्योंकि देखा जाएं तो कृत्रिम बुद्धिमता-जनित कला द्वारा मानव कलाकार द्वारा
बनाई गई कृतियों को हरा देना एक गंभीर मुद्दे का विषय है।
यदि हम अपने चारों ओर देखें तो कृत्रिम बुद्धिमता जनित कला ने अचानक से ही कई जगह अपना
स्थान बना लिया है, अनोखे मीम (Memes) से लेकर मोना लीसा (Mona Lisa) के परिवर्तित
संस्करणों तक। कई कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरण ऐसी चित्रकारी को बनाने में सक्षम हैं, जैसे DALL-E,
Stable Diffusion, और Midjourney, तथा ये सभी एक समान प्रक्रिया का उपयोग करते हैं। वहीं
सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि ये तकनीक कितनी तेजी से कृत्रिम बुद्धिमत्ता जनित कला
को आगे बढ़ा रही हैं। DALL-E को पिछले साल जनवरी में रिलीज़ किया गया था और उस समय
इसमें कुछ बहुत ही बुनियादी चित्र शामिल थे। लेकिन एक साल बाद, DALL-E 2 जटिल, तेज़
तरीकों का उपयोग कर रहा है।
DALL-E, का नाम अतियथार्थवादी कलाकार सल्वाडोर डाली
(Salvador Dali) और पिक्सर (Pixar) के प्यारे रोबोट WALL-E के नाम पर रखा गया है, जिसे
जनवरी 2021 में सैन फ्रांसिस्को (San Francisco) स्थित अनुसंधान प्रयोगशाला OpenAI द्वारा
जारी किया गया था। इसका पहला पुनरावृत्ति एक जिज्ञासु नवीनता की तरह था, और उसमें अधिक
कुछ करने के लिए नहीं था। उससे की जाने वाली रचनाएँ केवल उल्लेखनीय थीं क्योंकि वे कृत्रिम
बुद्धिमत्ता द्वारा उत्पन्न की गई थीं। इसके विपरीत DALL-E 2, जिसे जनवरी 2022 में लॉन्च
किया गया था, काफी जटिलता और प्राकृतिक शब्दार्थ में चित्र का निर्माण करने में मदद कर रही है,
और आसानी से चित्र के विकास में यह सबसे उन्नत चित्रकारी उत्पादक से एक है, और जैसा कि हम
पहले ही बता चुके हैं, यह आश्चर्यजनक गति से विकसित हो रहा है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अन्य रूपों की तरह, DALL-E इमेजरी, कला और वास्तविकता के बारे में गहरे
अस्तित्व और नैतिक प्रश्नों को जन्म देती है। सबसे पहला प्रश्न तो यही है कि चित्रकारी का श्रेय
कृत्रिम बुद्धिमत्ता को दिया जाएं या फिर उसे बनाने वाले व्यक्ति को? हालांकि कई कलाकारों का
कहना है कि DALL-E 2, Midjourney आदि सभी मंच में चित्रकारी को अभूतपूर्व रूप से बनाने के
लिए मानव मस्तिष्क की आवश्यकता बनी हुई है, क्योंकि अभी तक कोई भी मंच की कृत्रिम
बुद्धिमत्ता ऐसी चित्रकारी का निर्माण नहीं कर पाई है जिस से एक कलाकार संपूर्ण रूप से संतुष्ट हो
जाएं। इसके अलावा ये मंच कलाकारी को बनाने के लिए इंटरनेट पर मिलने वाली हर छवि,
Pinterest, Amazon और Facebook से अरबों चित्रों को एकत्रित कर रहा है, ताकि कृत्रिम
बुद्धिमत्ता उनसे अधिक सीख सकें। और एक अद्भुत कृति का निर्माण करने में सक्षम हो सकें।
लेकिन वास्तव में कृत्रिम बुद्धिमत्ता जनित कला कई लोगों की नौकरियों समेत उनकी कृतियों की भी
चोरी कर रही है। आलोचना, निश्चित रूप से, यह है कि ये व्यवसाय हजारों कलाकारों के काम से
उनकी सहमति या ज्ञान के बिना पैसा कमा रहे हैं और यह उनके काम को कमजोर करता है। कुछ
लोगों ने स्टेबल डिफ्यूजन को देखा और उनके पास इसके पूरे डेटा सेट तक पहुंच नहीं थी, लेकिन
उन्होंने पाया कि थॉमस किंकडे (Thomas Kinkade), भू-दृश्यचित्रकार, डेटा सेट में सबसे अधिक
संदर्भित कलाकार थे। इससे हम यह समक्ष सकते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता कई लोगों के कृतियों की
चोरी कर रही है और इससे वास्तविक कलाकारों को न ही श्रेय मिलता है और न उससे कमाए गए
पैसे।
हालांकि इसमें कोई सवाल ही नहीं उठता है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता सम्मोहक और सुंदर चित्र बना
सकते हैं। लेकिन जब तकनीकी कौशल से परे महान कला में निहित भावनात्मक प्रतिध्वनि या
सांस्कृतिक टिप्पणी की बात आती है तो अभी कंप्यूटर मानव से बहुत पीछे है।इसलिए कई कलाकारों
का यह भी मानना है कि कला हमेशा विकसित होते रहने वाली है और इसलिए हमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता
को एक मौका देना चाहिए।
संदर्भ :-
https://bbc.in/3BtShSK
https://bit.ly/3dpVlqQ
https://nym.ag/3LpIx0l
चित्र संदर्भ
1. कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा निर्मित ललित कला को दर्शाता एक चित्रण (flickr, wikimedia)
2. बात करते हुए रोबोट को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग से हलचल करती मोनालीसा की छवि को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
4. एआई-जनरेटेड लैंडस्केप पेंटिंग के एक उदाहरण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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