लखनऊ गंगा के मैदानी इलाके में स्थित प्रदेश है जो तृतीय अधिकल्पोत्तर में नदियों के गाद से भरा था। भूगर्भशास्त्र अन्वेषण में यहाँ से गंगा के साधारण कछार के अलावा कुछ भी महत्वपूर्ण खनिज़ या धातु नहीं मिला है। गंगा के इस कछार में विभिन्न जगहों पर किये गए बरमाना में ये पता चला की खुरदुरी रेत, रेह, रेतीले गाद तथा यदाकदा मिलने वाली मिट्टी, चिकनी मिट्टी, दोमट मिट्टी और कंकड़ के अलावा कुछ नहीं है। इन सभी खनिजों में कंकड़ सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है क्यूंकि इसे पूल, रास्ते एवं वास्तु निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लखनऊ गज़ेटियर,1959 के अनुसार जमीन की सतह से 3 से 4 फीट नीचे खुदाई करने पर लखनऊ में कई जगहों पर मिलता है। 1) कंकड़: कंकड़ से मिले चुने से लखनऊ के बहुतसे रास्ते बनवाए गए थे जो बाद में गिट्टी और तारकोल की रोड़ी इस्तेमाल करने वाले तरीके से बदला गया मात्र आज भी स्थानीय रास्ते, वास्तु आदि और बाकी बहुत सारे कामों में चुने का इस्तेमाल किया जाता है। भट्टी में पिघलाए कंकड़ से मिले चुने से लिपाई-पुताई आदि में इस्तेमाल किया जाता है। 2) ईंट की मिट्टी: ये भी लखनऊ में बहुत जगह पर पायी जाती है। कहा जाता है की इस मिट्टी का सबसे अच्छा प्रकार लखनऊ से रायबरेली जाते वक़्त सातवें मील के पत्थर के आस-पास के इलाके से प्राप्त होता है। 3) चिकनी मिट्टी: चुनेवाली दोमट मिट्टी से भरपूर ये मिट्टी झीलों के और नदी के किनारों पर मिलती है। इसका इस्तेमाल सीमेंट बनाने में अधिकतर होता है। 4) रेह (क्षारीय मिट्टी): इस मिट्टी का इस्तेमाल कांच बनाने के लिए किया जाता है। धोबी इसका इस्तेमाल साबून के एवज़ में करते हैं। इस मिट्टी से खारी (सल्फेट ऑफ़ सोडा), सज्जी ( अशुद्ध कार्बोनेट ऑफ़ सोडा) और शोरा (साल्टपेटर) भी निकाला जाता है। 5) चिकनी मिट्टी: ये बहुत से जगहों पर उपलब्ध है और इसका इतेमाल खिलौने तथा मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए किया जाता है। 6) रेत: ये गोमती के किनारे से काफी मात्रा में मिलती है और इसका इस्तेमाल वास्तु बनाने के लिए किया जाता है। 1.उत्तर प्रदेश डिस्ट्रिक्ट गज़ेटियर वॉल्यूम xxxvii 1959 https://ia801607.us.archive.org/17/items/in.ernet.dli.2015.86/2015.86.Uttar-Pradesh-District-Gazetteers-Volume-Xxxvii-Lucknow.pdf 2.एम एस एम ई 2016 http://dcmsme.gov.in/dips/2016-17/DIP%20Lucknow%20RK%20DD%20(IMT)%20%2003.06.2016.pdf 3.https://ia801603.us.archive.org/28/items/in.ernet.dli.2015.181611/2015.181611.Lucknow---A-Gazetteer.pdf 4.डायरेक्टरेट ऑफ़ जियोलॉजी एंड माइनिंग http://mineral.up.nic.in/
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