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मानसून या सावन का मौसम हमारे जीवन के विभिन्न पहलूओं से जुड़ा हुआ है।इसने मानव के मन और मस्तिष्क को जिस तरह से प्रभावित किया है, वह कल्पना से भी परे है।इसलिए सदियों से ही मानसून को संगीत और नृत्य परंपराओं के साथ जोड़ा गया है।उत्तर भारतीय समुदायों के बीच मानसून का स्वागत करना एक प्राचीन रिवाज है। हिंदुस्तानी शास्त्रीय प्रणाली में भी हर मौसम के लिए राग होते हैं, तथा इसमें मानसून के लिए भी राग हैं।मानसून ने कालिदास और जयदेव जैसे कवियों को अमर प्रेम प्रसंगों को लिखने के लिए प्रेरित किया है। छत्तीसगढ़ और बनारस के लोकगीतों के माध्यम से पूरे देश में बारिश का स्वागत खुशी और आशा के साथ किया जाता है।भारतीय शास्त्रीय साहित्य ने मानसून की प्रेमियों के बीच लालसा और साहचर्य के समय के रूप में, किसानों के लिए प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने की अवधि के रूप में और सभी के लिए आनंद के मौसम के रूप में सराहना की है।लखनऊ के संगीत और नृत्य परंपराओं में भी उपयुक्त रागों के साथ मानसून का संयोजन देखने को मिलता है। तो चलिए आज कुछ वीडियोज के जरिए मानसून से जुड़ी लखनऊ की इन बेहतरीन धुनों का आनंद लें। एक वीडियो राग सारंग मल्हार को शबद के रूप में प्रस्तुत करता है तथा अन्य वीडियो मेघ मल्हार पर लखनऊ के कथक नृत्य को प्रदर्शित करता है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3S6vrIl
https://bit.ly/3zkSJ4p
https://bit.ly/3zJ2CdJ
https://bit.ly/3Q3103Q
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