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कैसे भारत में पाए जाने वाले खूबसूरत वार्बलर पक्षियों को अपने बगीचे में अकृषित किया जाएं?

लखनऊ

 28-07-2022 08:47 AM
पंछीयाँ

कई बार गौरैया या सुरीली बुलबुल के नाम से भी प्रख्यात चटक चिरैया (Passerines)को उनके पैरों की उंगलियों (तीन आगे और एक पीछे की ओर) का रूपान्तरण उन्हें अन्य पक्षियों से अलग करता है। कई चटक चिरैया (पर्चिंग (Perching)चिड़िया)को आमतौर परवार्बलर (Warbler) भी कहा जाता है। भारत दोवार्बलरों का घर है जिनमें अंतर बता पाना काफी मुश्किल है, हरी गवैया (Phylloscopusnitidus) और हल्की हरी गवैया (Phylloscopustrochiloides)।
जैसा कि नाम से पता चलता है, हरे रंग के वार्बलर का रंग थोड़ा चमकीला होता है, और नीचे का भाग अधिक पीला होता है। इसमें एक मजबूत और एक कमजोर पंख की पट्टी होती है, खासकर युवा पक्षियों में, जबकि हल्के हरे रंग के वार्बलर में एकल पंख की पट्टी के साथ ऊपर भूरा-हरा और नीचे सफेद रंग होता है।वार्बलर कीटभक्षी और अत्यधिक प्रादेशिक होते हैं। मूल रूप से मध्य और पूर्वी हिमालय में पाए जाने वाले हिमालय की तलहटी से आने वाले हल्के हरे वार्बलर सर्दियों के मौसम में दक्षिण की ओर पलायन करते हैं। कुछ हल्के हरे वारब्लर्स मध्य एशिया और यूरोप (Europe) में गर्मियों के महीनों के दौरान हजारों मील दूर पाए गए हैं, लेकिन इन्हें विशेष रूप से सर्दियों के दौरान भारतीय उपमहाद्वीप में घूमते हुए देखा गया है। वहीं हरे वार्बलर हल्के हरे वार्बलर की तुलना में भारतीय उपमहाद्वीप के उष्णकटिबंधीय दक्षिण में अधिक आबादी में रहते हैं। लेकिन इनके अधिव्यापन के विशाल पथ मौजूद हैं और निर्मोचन की अवधि के दौरान हल्के हरे और हरे वार्बलर को अलग-अलग बता पाना मुश्किल हो जाता है,यहीं से ट्रिसिलेबिक (Trisyllabic) और डिस्लेबिक (Disyllabic)पक्षी आह्वान महत्व में आती है। हालांकि आकार में एक मुट्ठी से अधिक नहीं, वार्बलर अत्यधिक प्रादेशिक हो सकते हैं। घास के मैदान पर आने वाले घुसपैठियों को वे अपने छोटे आह्वान से चेतावनी देती है और निरंतर क्षेत्रीय गीतों के आह्वान से घुसपैठियों को चुप करवाने की क्षमता रखती है हरी वार्बलर दक्षिण भारत में अधिक सर्वव्यापी हैं और हल्की हरीवार्बलर पूरे उप-महाद्वीप में देखे जाते हैं।नर और मादा संभोग के मौसम के दौरान एक साथ आते हैं, बच्चों को पालने के लिए एक साथ काम करते हैं। जब वे सर्दियों के महीनों के लिए प्रवास करते हैं, तो नर और मादा अलग हो जाते हैं, अपने क्षेत्र को पकड़ते हैं और एक दूसरे सेअपने क्षेत्र की रक्षा करते हैं।
प्रत्येक वर्ष ये पक्षीउच्च हिमालय, काकेशस और मध्य एशिया के पहाड़ों से दक्षिण की ओर उड़ते हुए पूरे भारत में तलहटी, मैदानों, पठारों और पहाड़ी श्रृंखलाओं में सर्दियों तकलाखों की संख्या में सैकड़ों से हजारों किलोमीटर दूर तक पलायन करते हैं। वहीं कई महीनों के अंतराल के बाद जब पेड़ और झाड़ियाँ जीवंत चहक उठतीहैं तो ये पक्षी वापस आ जाते हैं। हालांकि कई पक्षी, जिनमें छोटे पक्षी जैसे वार्बलर भी शामिल हैं, अपने प्रजनन और सर्दियों के मैदानों के बीच बिना रुके उड़ते हैं, वार्बलर रास्ते में संक्षिप्त रूप सेरुकने का एक स्थान बना सकते हैं। इस प्रकार भारत के दक्षिणी सिरे की ओर जाने वाले वार्बलरों को उत्तरी भारत या दक्कन के स्थलों पर अगस्त-सितंबर में और फिर अप्रैल-मई में वापसी यात्रा के दौरान दर्ज किया गया है।हालांकि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अलग-अलग वार्बलर किस परिवार का हिस्सा हैं, वे अक्सर ऐसी विशेषताओं को साझा करते हैं जो उन्हें पक्षी प्रेमियों के बीच लोकप्रिय बनाती हैं, जैसे :
#1 रंगीन पंख, अक्सर अलग चिह्नों या चमकीले धब्बों के साथ।
#2 चारा खोजने की तकनीकों सहित सक्रिय, ऊर्जावान व्यवहार।
#3 कीटभक्षी आहार जो बगीचे में प्राकृतिक कीट नियंत्रण प्रदान करते हैं।
किसी भी पक्षी प्रजाति की तरह ही, इन खूबसूरतवार्बलर पक्षी को आकर्षित करने की कुंजी भोजन, पानी, आश्रय और घोंसले के स्थलों के लिए उनकी जीवित रहने की जरूरतों को पूरा करना है। हालांकि वार्बलर की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करना अधिक कठिन हो सकता है, लेकिन ऐसा करना असंभव नहीं है।
1) भोजन: वार्बलर ज्यादातर कीड़े खाते हैं, और एक बगीचे को कीट-अनुकूल बनाने के लिए कदम उठाने से उसे वार्बलर के अनुकूल बनाना संभव हो जाएगा। वार्बलर की खाद्य आपूर्ति के लिए पर्याप्त पत्ते और फूल प्रदान करना और कीटनाशकों के उपयोग को कम करना या समाप्त करना आवश्यक है।वार्बलर द्वारा फलों को भी चखा जा सकता है, इसलिए पक्षियों के लिए बेरी झाड़ियों या फलों के पेड़ एक अन्य प्राकृतिक खाद्य स्रोत हो सकते हैं।हालांकि ये पक्षी अक्सर फीडरों (Feeder) पर नहीं जाते हैं, वे जेली (Jelly), संतरे, बैल और पीनट बटर (Peanut butter) के साथ-साथ सुविधाजनक ऊंचाई में बैठने वाले स्थानों से उन्हें लुभाया जा सकता है।
2) पानी: सभी पक्षियों को पानी की आवश्यकता होती है, और चलता पानी विशेष रूप से वार्बलर के लिए आकर्षक होतेहैं। पक्षी स्नान फव्वारे, बबलर (Bubbler), और ड्रिपर (Dripper) सभी पानी के छिड़कने के शोर कोउत्पन्न कर सकते हैं, जिसे वार्बलर काफी पसंद करेंगे और इससे उनके बार-बार आने की संभावना भी बढ़ सकती है। घने पर्णसमूह के पास एकांत क्षेत्रों में पक्षी स्नान फव्वारे रखने या जमीनी पक्षी स्नान फव्वारे का उपयोग करने से वार्बलरको जल स्रोत पर जाने के लिए अधिक सुरक्षित महसूस होने में मदद मिल सकती है, हालांकि इस क्षेत्र को संभावित शिकारियों से सावधानीपूर्वक संरक्षित किया जाना चाहिए।
3) आश्रय: अधिकांश वार्बलरघने क्षेत्रों में रहना पसंद करते हैं और खुले स्थानों से बचना पसंद करते हैं, हालांकि पुरुष क्षेत्र का दावा करते समय गाने के लिए ऊंचे, खुले पर्चों का उपयोग कर सकते हैं।पर्णपाती पेड़ों, झाड़ियों और सतह आवरण के घने रोपण से वार्बलरके अनुकूल आवास का निर्माण किया जा सकता है, और पक्षियों के लिए कई चारा क्षेत्रों को परतों में निर्माण किया जाना चाहिए।
4) घोंसले के स्थल: जबकि कुछ वार्बलरपक्षी चिड़िया घरों का उपयोग कर सकते हैं, जिनमें लुसी वार्बलर (Lucy warblers), प्रोटोनोटरी वारब्लर (Prothonotary warblers) और कुछ अन्य शामिल हैं, अधिकांश उसी प्रकार के पेड़ों और झाड़ियों में घोंसला बनाना पसंद करते हैं, जिनका उन्होंने आश्रय के लिए उपयोग किया हो।घोंसले बनाने के लिए उपयुक्त सामग्री प्रदान करना, जैसे घास की कतरन, काई, लाइकेन, टहनियाँ, और चीड़ की सुइयां, वॉरब्लर्स को पास में घोंसला बनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं। यहां तक ​​किवार्बलर के अनुकूल बगीचे में भी इन लोकप्रिय पक्षियों की विशिष्ट आबादी नहीं हो सकती है। यदि आपका बगीचा वार्बलर की जरूरतों को पूरा करता है लेकिन आपने अभी तक इन पक्षियों को नियमित आगंतुकों के रूप में नहीं देखा है, तो निम्न कुछ अन्य तकनीकें हैंजिनका उपयोग करके आप उन्हें अपने बगीचे में प्रोत्साहित करने का प्रयास कर सकते हैं:
1. जंगली बिल्लियों को हतोत्साहित करें और सुनिश्चित करें कि अन्य शिकारी शिकार के मैदान के रूप में बगीचे का उपयोग नहीं कर रहे हैं।सर्वोत्तम परिणामों के लिए, एक ही समय में बिल्लियों को हतोत्साहित करने के लिए वार्बलर-अनुकूलित परिदृश्य चुनें, जिससे बगीचे में हर पौधा वार्बलर को आकर्षित करने और उनकी रक्षा करने के लिए दोहरा कर्तव्य करता हो।
2. वार्बलर द्वारा लाभ उठाने के लिए बगीचे के शांत, अलग-थलग हिस्से उपलब्ध कराना आवश्यक है। विडंबना यह है कि एक पक्षी के अनुकूल बगीचा जितना अधिक सक्रिय होता है,वार्बलरको आकर्षित करने की संभावना उतनी ही कम होती है क्योंकि अन्य पक्षियों की गतिविधि वार्बलर को दूर रख सकती है।यदि वार्बलर के अनुकूल परिदृश्य को अधिक सक्रिय भोजन क्षेत्रों से अलग रखा जाता है, तो वार्बलर अधिक सहज महसूस करेंगे।
3. स्थानीय वार्बलर प्रजातियों का अध्ययन करना और उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बगीचे को समायोजित करना। वार्बलर पक्षियों का एक विविध समूह है, और जो एक प्रकार के वार्बलर के लिए आकर्षक है वह दूसरी वार्बलर प्रजातियों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है।
4. साथ ही कई बार हमें लग सकता है कि वार्बलर हमारे बगीचे का दौरा नहीं कर रहे हैं, लेकिन वास्तव में अपनी शर्मीले व्यवहार की वजह से और आमतौर पर झुंड में न रहने के कारण, इनके बगीचे में आने को महसूस नहीं किया जा सकता है।
वार्बलर को आकर्षित करने में सबसे महत्वपूर्ण कदम केवल धैर्य रखना है। हालांकि इन पक्षियों को आकर्षित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है,लेकिन जब वे अन्तः बगीचे का दौरा करेंगे तो वह दृश्य काफी मनमोहक और सुखद हो सकता है। वहीं पक्षियों की घटती आबादी पहले से ही एक विशिष्ट चिंता का विषय बनी हुई है, ऊपर से ये बढ़ती गर्मी के कहर का असर पक्षियों को काफी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। पिछले कुछ महीनों में लंबे समय से चली आ रही लू का असरअब दिखना शुरू हो गया है।
उत्तरी भारत में,पर्यावरण कार्यकर्ताओं द्वारा लंबे समय तकहो रही गर्मीऔर आसपास के जल स्रोत जैसे तालाब और नहर के सूखने के कारण,आसमान से निर्जलित पक्षियों के गिरने की सूचना दीगई है।वहीं अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक इस वर्ष दर्ज की गई उच्च गर्मी के कारण गंभीर हालत और इलाज के लिए लाए जाने वाले पक्षियों की संख्या में दस गुना वृद्धि हुई है।अस्पताल में लाए जाने के बाद, डॉक्टर द्वारा पानी और मल्टीविटामिन के मिश्रण से पक्षियों का इलाज किया जाता है। वहीं विभिन्न गैर सरकारी संगठनों और पर्यावरणविदों ने लोगों से आग्रह किया था कि वे पक्षियों के लिए पानी के कटोरे अपनी छतों पर रखें ताकि उन्हें निर्जलीकरण से बचाया जा सके।शुक्र है कि मानसून यहाँ अब पक्षियों, जानवरों और इंसानों को समान रूप से राहत दे रहा है!

संदर्भ :-
https://bit.ly/3PR6cHX
https://bit.ly/3Oxm0hQ
https://bit.ly/3crhDaQ

चित्र संदर्भ
1. वार्बलर पक्षियों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. वार्बलर पक्षियों के चित्र को दर्शाता एक चित्रण (Rawpixel)
3. सुंदर वृक्षों के बीच में वार्बलर को दर्शाता एक चित्रण (Khürt Williams)
4. रंगीन वार्बलर को दर्शाता एक चित्रण (Rawpixel)
5. अपने घोंसले में वार्बलर को दर्शाता एक चित्रण (PIXNIO)



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