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सिगार का वैश्विक बाजार और इसमें लखनऊ की भूमिका

लखनऊ

 22-07-2022 10:28 AM
पेड़, झाड़ियाँ, बेल व लतायें

लखनऊ की कई कंपनियों और किसानों द्वारा तंबाकू उद्योग में अपने लिए जगह बनाई गई थी, लेकिन लखनऊ नगर निगम द्वारा तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर कड़े नियमों के कारण वे प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए थे।हालांकि उत्तर प्रदेश और भारत में समग्र रूप से हस्तनिर्मित सिगार (Cigar) के उत्पादन में कमी को देखे जाने के बावजूद भी उद्योग के सूत्रों के अनुसार, भारत में सिगार उद्योग सालाना 25 प्रतिशत से अधिक की दर से तेजी से बढ़ रहा है।भारत में सालाना 1.70 मिलियन से अधिक सिगार बेचे जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक इसमें से प्रीमियम (Premium) सिगार का राजस्व में कारोबार का 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है।2028 तक भारत में सिगार उद्योग का मूल्य 10 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान लगाया गया है और इसके 50 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। हालाँकि, अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री की तुलना में, यह उद्योग अभी प्रारंभिक अवस्था में है, लेकिन उद्योग पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह अब प्रचलित हो रहा है।

Prarang Lucknow

सिगार बाजार अमीर भारतीयों के लिए एक विशिष्ट बाजार है।वहीं कई नौसिखियों द्वारा भी सिगार का अनुभव करना शुरू किया जा रहा है। क्यूबन सिगार की मांग में भी वृद्धि हो रही हैं और भारतीय बाजारों में भी इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है।यहां तक कि देश में एक 'सिगार क्लब' स्थापित होने की भी बातें चर्चा में है।क्यूबन सिगार सबसे अधिक पसंद किए जाते हैं, जबकि कई लोग यह भी नहीं जानते हैं कि कम से कम एक दर्जन स्थानीय ब्रांड उपलब्ध हैं, सभी दक्षिण भारत के तिरुचिरापल्ली से हैं।दशकों से, असली सिगार प्रेमी जावा डावसन (Java Dawson), चर्चिल (Churchill) या टाइगर (Tiger) जैसे प्रसिद्ध त्रिची (Trichy) ब्रांडों के डब्बे बाहर निर्यात कर रहे हैं, ये निर्माताओं द्वारा सीधे मेल द्वारा भेजे जाते हैं।और, भले ही एक त्रिची सिगार खराब हो जाए, पूरे डब्बे को मुफ्त में बदल दिया जाता है।त्रिचिनोपोली सिगार वास्तव में वर्तमान तिरुचिरापल्ली के पास डिंडीगुल शहर के पास उगाए गए तंबाकू से निर्मित किया गया था और विक्टोरियन युग के दौरान भारत से निर्यात की जाने वाली मुख्य वस्तुओं में से एक था। वहीं विंस्टन चर्चिल को सिगार के अपने शौक के लिए जाना जाता था। ऐसा कहा गया था कि चर्चिल ने जल्द ही हवाना की भारी तीखी गंध के बजाय हल्के सुगंधित त्रिची सिगार के लिए एक स्वाद विकसित किया था। प्रीमियम खंड में,कोहिबा (Cohiba), रोमियो वाई जुलिएटा (Romeo Y Jullieta), मोंटेक्रिस्टो (Montecristo), डॉन डिएगो (Don Diego), सांता डेमियाना (Santa Damiana) और डेविडऑफ (Davidoff),जबकि लोकप्रिय खंड में, फिलिप्स (Phillies), हैव-ए-टैम्पा ज्वेल्स (Hav-A-Tampa Jewels), किंग एडवर्ड (King Edward) और कैफे क्रीम (Cafe Cream) जैसे ब्रांड देश में उपलब्ध हैं।उद्योग के सूत्रों ने कहा कि किंग एडवर्ड्स और कैफे क्रीम जैसे ब्रांड पारवहन मार्ग से ही देश में आते हैं।

Prarang Lucknow

बैन एंड कंपनी (Bain & Company) के अनुसार, 2017 में, जिस वर्ष विलासिता बाजार में कुल मिलाकर पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई,उसी समय विश्व भर में सिगार की बिक्री में 12% की वृद्धि हुई।अकेले चीनी बिक्री 24% बढ़ी।चीन (China), जो अब फ्रांस (France) और स्पेन (Spain) के बाद क्यूबा के सिगार का दुनिया का पहला सबसे बड़ा उपभोक्ता है और चीन में क्यूबा सिगार की मांग में भी वृद्धि को देखा गया है।सिगार को ह्यूमिडोर (Humidor) में रखकर बेचा जाता है और ये नीलामी में $1 मिलियन से अधिक में बिकते हैं। लेकिन इस महँगे मनोरंजन के पीछे उन किसानों का काम है जो प्रत्येक वर्ष की शुरुआत में पत्तियों की कटाई करते हैं।हालांकि तंबाकू की फसल के लिए वर्षा एक औषधि का रूप है, इसलिए किसान अपनी खेती के लिए पर्याप्त वर्षा की कामना करते हैं, क्योंकि कम वर्षा का मतलब खेती में कमी। वहीं क्यूबा के सिगार का निर्यात हबानोस एस.ए. (Habanos S.A.) द्वारा किया जाता है, जो क्यूबा (Cuban) राज्य और स्पेन के अल्ताडिस (Altadis) के बीच एक बराबर भागों में संयुक्त उद्यम है, जो ब्रिटेन (Britain) के इंपीरियल टोबैको ग्रुप (Imperial Tobacco Group) के स्वामित्व वाली एक व्यवसाय है। 1962 के बाद से साम्यवादी शासित द्वीप पर वाशिंगटन (Washington) द्वारा लागू किए गए प्रतिबंध के कारण, सिगार को लाभप्रद अमेरिकी बाजार में निर्यात नहीं किया जा सकता है, हालांकि क्यूबा की यात्रा करने वाले अमेरिकी कुछ क्यूबा सिगार को घर ला सकते हैं।

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भारत में, 750 मिलियन किलोग्राम उत्पादन के साथ 0.45 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र (देश में शुद्ध खेती वाले क्षेत्र का केवल 0.31% के लिए लेखांकन) पर तम्बाकू उगाया जाता है। विश्व में तंबाकू का उत्पादन 7 बिलियन किलोग्राम है, जबकि चीन 2.35 बिलियन किलोग्राम के साथ पहले स्थान पर है।देश के 15 राज्यों में दस अलग-अलग प्रकार के तम्बाकू उगाए जाते हैं जिनमें सिगरेट (FCV, बर्ली (Burley), ओरिएंटल (Oriental)) और गैर-सिगरेट प्रकार (बीड़ी, चबाना, हुक्का, नाटू, चेरूट, सिगार और HDBRG) शामिल हैं।भारत तंबाकू उत्पादन और निर्यात में विश्व में दूसरे स्थान पर है। तंबाकू सालाना 4,402 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा और 13,853 करोड़ रुपये उत्पाद शुल्क के रूप में कमाता है। राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में इसका कुल योगदान 18,255 करोड़ रुपये है।भारत में, तंबाकू की फसल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन और निर्यात में लगे 36 मिलियन लोगों का समर्थन करती है, जिसमें छह मिलियन किसान और 50 लाख लोग बीड़ी-रोलिंग और तेंदूपत्ता तोड़ने में शामिल हैं। इस प्रकार,तंबाकू की फसल आबादी के बड़े हिस्से, विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं, आदिवासियों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के लिए एक जीवन यापन करने का स्रोत है।

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संदर्भ:
https://bit.ly/3B0BmbH
https://bit.ly/3aLyQLW
https://bit.ly/3RVY9eW
https://bit.ly/3Ol7hql

चित्र संदर्भ
1. सिगार को दर्शाता एक चित्रण (rawpixels)
2. सिगमंड फ्रॉयड के हाथ में पकड़ी सिगार को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. फेन थॉम्पसन एंड कंपनी की सिगार को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
4. सिगार निर्माण की प्रक्रिया को दर्शाता एक चित्रण (istock)
5. आइपंतला जलप्रपात, सैन एंड्रेस टक्स्टला, वेराक्रूज़, मेक्सिको में सिगार रोल करते इंसान, को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



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