गोबेकली टेप(Göbekli Tepe)एक ऐसी साइट है, जिसके महत्व को हाल ही में पहचाना गया है।भले ही हाइपोगियम (Hypogeum) को सबसे प्राचीन माना जाता हो, लेकिन गोबेकली टेप सबसे आदिम या प्रारंभिक स्थल है।यह अब तक खोजी गई सबसे पुरानी मानव निर्मित संरचना है।यह स्थलबीस वृत्तीय संरचनाओं से बना हुआ है,जो एक पहाड़ी की चोटी पर फैला है।आज जो अवशेष बचे हैं, वे बड़े चूना पत्थर के खंभे हैं जिन्हें नक्काशीदार जानवरों के अमूर्त डिजाइनों से सजाया गया है।अब तक सांप, बिच्छू, पक्षी, सूअर, लोमड़ियों और शेरों के चित्रण सामने आए हैं।खंभों को पास की एक खदान में खोजा गया है,जहां अधूरे स्तंभ अभी भी देखे जा सकते हैं।हालांकि इस स्थल को निश्चित रूप से धार्मिक प्रकृति का नहीं कहा जा सकता है, लेकिन यह निश्चित रूप से दिलचस्प है। यह साइट दसवीं सहस्राब्दी ईसा पूर्व की है।यह अभी तक ज्ञात किसी भी सभ्यता से पहले की साइट है।यदि यह एक मंदिर है तो निश्चित रूप से यह अब तक का सबसे पहला मंदिर होगा। इस साइट का उपयोग पहली बार नवपाषाण काल की शुरूआत में किया गया था, जो दक्षिण पश्चिम एशिया (Asia) में दुनिया में कहीं भी सबसे पुरानी स्थायी मानव बस्तियों की उपस्थिति का प्रतीक है।प्रागितिहासवादी इस नवपाषाण क्रांति को कृषि के आगमन से जोड़ते हैं, लेकिन इस बात से असहमत हैं कि खेती के कारण लोग यहां बसे या यहां बसने के कारण उन्होंने खेती की।गोबेकली टेप,जो कि एक स्मारक परिसर है तथा चट्टानी पर्वत की चोटी पर निर्मित है,पानी के ज्ञात स्रोतों से बहुत दूर है तथा यहां आज तक कृषि उत्पादन का कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिला है। इन कारणों की वजह से यह स्थल बहस का विषय बना हुआ है।साइट के मूल उत्खनक, जर्मन पुरातत्वविद् क्लॉस श्मिट (Klaus Schmidt) ने इसे "दुनिया का पहला मंदिर" के रूप में वर्णित किया है।