भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक घटना है जो बिना किसी चेतावनी के घटती है और इसमें जमीन का भयंकर रूप से हिलना और कई बार जमीन तथा इसके ऊपर मौजूद संरचनाओं का बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होना शामिल होता है। भूकंप तब आता है जब पृथ्वी की सतह के दो हिस्से एक दूसरे से ऊपर या नीचे की ओर बढ़ने लगते हैं। जिस सतह पर वे सिरकते हैं उसे फॉल्ट (Fault) या फॉल्ट प्लेन (Fault plane) कहा जाता है। पृथ्वी की सतह के नीचे का स्थान जहाँ से भूकंप शुरू होता है, हाइपोसेंटर (Hypocenter) कहलाता है, और पृथ्वी की सतह पर इसके ठीक ऊपर के स्थान को उपरिकेंद्र कहा जाता है। उग्र और अचानक तेजी से जमीन के हिलने को भूकंप कहा जाता है, जो पृथ्वी के पृष्ठभाग में एक फॉल्ट रेखा के साथ टेक्टोनिक प्लेटों (Tectonic plates) के बीच गति के कारण होता है। भूकंप के परिणामस्वरूप विभिन्न अन्य आपदाएं भी उत्पन्न होती हैं, जैसे जमीन का कांपना, मिट्टी का द्रवीकरण, भूस्खलन, दरारें, हिमस्खलन, आग और सूनामी हो सकती हैं। वहीं भूकंप से होने वाले विनाश और नुकसान की सीमा कई कारकों पर निर्भर करती है। 1998-2017 के बीच, भूकंप के कारण वैश्विक स्तर पर लगभग 7,50,000 मौतें हुईं। इस अवधि के दौरान 125 मिलियन से अधिक लोग भूकंप के प्रकोप से भिन्न रूपों में प्रभावित भी हुए, यानि वे आपदा के आपातकालीन चरण के दौरान घायल हो गए, बेघर हो गए, विस्थापित किये गए या घर छोड़ने पर विवश हुए। इन चलचित्रों से हम भूकंप से उत्पन्न होने वाली भयवी कंपनों को महसूस कर सकते हैं।
संदर्भ :-
https://bit.ly/37PFgIr
https://bit.ly/3OLxfEN