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क्या पोकर के खेल में गणितीय कौशल की अधिक आवश्यकता है या भाग्य की?

लखनऊ

 14-03-2022 08:48 AM
हथियार व खिलौने

पोकर के खेल ने भारत में निर्विवाद रूप से सफलता प्राप्त की है और कुछ कानूनी कैसीनो (Casino)की तुलना में अधिक से अधिक उत्साहीलोग इसकी तरफ आकर्षित हुए हैं, तथा इसे कौशल के खेल के रूप मेंभी स्वीकार किया गया है।इस डिजिटल युग में, अधिक से अधिक पोकर खिलाड़ी ऑनलाइन गेमिंग (Online gaming) की ओर आकर्षित हो रहे हैं, और इसने बाजार में धीरे-धीरे वृद्धिभी की है।इकोनॉमिक टाइम्स (Economic Times) की एक रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा ऑनलाइन पोकर उद्योग लगभग 120 मिलियन डॉलर का होने का अनुमान है, और यह भारत में अच्छी तरह से फल- फूल रहा है। कौशल के इस खेल ने भारत में कैसे और क्यों गति पकड़ी इसके कई कारण हैं।भारत में पोकर खेलने के लिए पेशेवरों के आकर्षित होने के कारण निम्नलिखित हैं:
# राज्य सरकारें इस खेल को वैध व्यापार के रूप में स्वीकार करती हैं :अधिकार क्षेत्र से बढ़ते समर्थन के साथ, खेल ने बाजार में अपने व्यापारिक क्षेत्रों का विस्तार करने के लिए पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त की है। कर्नाटक, नागालैंड और पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्यों ने पोकर को कौशल आधारित खेल के रूप में वर्गीकृत करते हुए एक स्पष्ट फैसला दिया है।गोवा (Goa) में, कैसीनो में पोकर की अनुमति है। भारतीय पोकर संघ के प्रयासों से, गुजरात और केरल इस बात पर विचार कर रहे हैं कि इन राज्यों में पोकर को वैध बनाया जाए या नहीं।
# प्रौद्योगिकीय उन्नति :प्रौद्योगिकी ने पोकर की दुनिया में व्यापक परिवर्तन लाए हैं, और खेल को विभिन्न तरीकों से प्रभावित किया है। स्मार्टफोन (Smartphones) के आगमन और इंटरनेट (Internet) की पहुंच ने पोकर की लोकप्रियता को बढ़ावा दिया है। ऑनलाइन पोकर खेलने की बढ़ी हुई पहुंच ने आम लोगों को स्मार्टफोन पर गेम डाउनलोड करने की अनुमति दी है। 2020 तक, यह उम्मीद की गई थी कि भारत का मोबाइल गेम बाजार $1.1 बिलियन का होगा और तब तक उपयोगकर्ताओं की संख्या 628 मिलियन हो जाएगी।इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Internet and Mobile Association of India) के विवरण के अनुसार, 451 मिलियन मासिक सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के मामले में भारत अब चीन (China) के बाद दूसरे स्थान पर है। इन लाखों लोगों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पोकर को मनोरंजन के स्रोत के रूप में अपना रहा है ताकि कुछ गुणवत्तापूर्ण समय बिता सकें, अपने समस्या-समाधान कौशल में सुधार कर सकें और अपने तनाव को कम कर सकें। पोकर की बढ़ती मांग ने कई लाइव पोकर प्रतियोगिताओं जैसे इंडिया पोकर प्रोस (India Poker Pros), इंडिया पोकर चैंपियनशिप (India Poker Championship), इंडिया पोकर सीरीज (India Poker series) आदि का उदय किया है।इन प्रतियोगिताओं ने देश भर के पोकर उत्साही लोगों का दिल जीत लिया है, जिसमें प्रतिभागियों ने सक्रिय भाग लिया है और भारी नकद पुरस्कार जीते हैं। अभिषेक गोइंडी, निपुण जावा आदि जैसे भारतीय पोकर खिलाड़ी ने प्रसिद्धि प्राप्त की है, और कई भारतीयों को एक पेशेवर करियर विकल्प के रूप में इस खेल को अपनाने के लिए प्रेरित किया है।पोकर ज्यादातर खिलाड़ियों की संख्यात्मक क्षमताओं से प्रेरित होता है। शायद यही कारण है कि यह जापान (Japan), जर्मनी (Germany) और रूस (Russia) जैसे देशों में लोकप्रिय है, जहां लोगों को अधिक प्रज्ञा माना जाता है। अब सवाल यह उठता है कि पोकर के खेल में कौशल की अधिक आवश्यकता है या भाग्य की? तर्क काफी सरल है: यदि भाग्य कौशल पर हावी है तो पोकर भाग्य का खेल है, और यदि कौशल भाग्य पर हावी है तो पोकर कौशल का खेल है।भाग्य के खेल में एक खिलाड़ी अधिक बार नहीं जीत सकता, जबकि कौशल के खेल में एक खिलाड़ी के जीतने की संभावनाएं अधिक रहती है। इस से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि पोकर भाग्य से नहीं बल्कि कौशल से खेला जा सकता है। लेकिन यह अभी भी महत्वपूर्ण सवाल छोड़ता है कि क्या कौशल भाग्य पर हावी हो सकता है? यदि देखा जाएं तो एक अल्पावधि में भाग्य का एक बड़ा तत्व मौजूद है, परंतु एक पेशेवर पोकर खिलाड़ी लगातार गणितीय रूप से बेहतर निर्णय लेकर भाग्य के पहलू को कम करते जाते हैं और इसलिए वे लंबे समय तक जीतते हैं। साथ ही यह प्रश्न कि पोकर भाग्य या कौशल का खेल है, इसके कानूनी रूप से वैध होने पर सवाल को खड़ा करता है। पोकर को कौशल का खेल बताकर इसे वर्षों से कानूनी रूप से वैध माना गया है। 'वास्तविक मुद्रा' कार्ड गेम (विशेष रूप से रम्मी) के आसपास कानूनी अस्पष्टता, और परिणामी स्पष्ट कानूनों को तैयार करने में लंबे समय तक देरी ने गेमिंग कंपनियों (Gaming companies) को तीन पत्ती, इंग्लिश फ्लश (English flush) और पोकर जैसे कार्ड गेम की पेशकश करने के लिए प्रोत्साहित किया है।हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 1967 के एक फैसले में फैसला सुनाया कि रम्मी कौशल का खेल है और इसे कानूनी रूप से क्लबों में खेला जा सकता है, लेकिन खेल में पैसे के उपयोग पर कोई स्पष्ट फैसला नहीं दिया।इसके बाद, भारत में विभिन्न उच्च न्यायालयों ने रमी और इसे खेलते समय पैसे लगाने के उपयोग के बारे में परस्पर विरोधी फैसले दिए हैं।
वहीं गुजरात उच्च न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय रम्मी और पोकर सहित कार्ड गेम में वास्तविक मुद्रा के उपयोग को गैर कानूनी मानते हुए फैसला सुनाया। तेलंगाना राज्य में रम्मी खेलों में वास्तविक मुद्रा के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है जबकि असम और ओडिशा ने पैसे से जुड़े सभी कार्ड गेम पर प्रतिबंध लगा दिया है।वहीं ऑनलाइन पोकर गेम चलाने वाले मंच, जीतने वाले प्रतिभागी पर 3-5 फीसदी कमीशन चार्ज करके पैसा कमाते हैं। जबकि कुछ मंच व्यक्तिगत खिलाड़ियों के जमा राशि से कमीशन को घटाना पसंद करते हैं।साथ ही अच्छी तरह से प्रबंधित पोकर मंचों को अपने प्रणाली को मजबूत करने के लिए बहुत अधिक पैसा खर्च करने की आवश्यकता होती है। हालांकि भारत में पोकर का खेल तेजी से बढ़ ही रहा है और इसका भविष्य काफी अच्छा दिखाई दे रहा है। ऐसा कहा जा सकता है कि भारतीय खेलों की अगली पीढ़ी के प्रशंसकों को आकार देने में पोकर का बहुत महत्व होगा, जिसमें कई युवा खेल खेलकर आजीविका कमा सकेंगे।

संदर्भ :-
https://bit.ly/3vYms3k
https://bit.ly/3t1g899
https://bit.ly/3t1vfj3

चित्र सन्दर्भ

1. पोकर खिलाडियों को दर्शाता चित्रण (Piqsels)
2. ऑनलाइन पोकर को दर्शाता चित्रण (Freepik)
3. कम्प्यूटर के ऊपर रखे ताश के पत्तों को दर्शाता एक चित्रण (Pixabay)
4. विश्व पोकर यात्रा में निहारिका बिंद्रा को दर्शाता चित्रण (flickr)



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