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हमारे लखनऊ शहर में लगभग 10 संग्रहालय हैं, जिनमें राज्य संग्रहालय और रेजीडेंसी में 1857 संग्रहालय
शामिल हैं।असंख्य कला दृश्यों से संपन्न हमारा लखनऊ शहर, अपने आप में एक विशाल चलता-फिरता
संग्रहालय है, तथा यह इस लिहाज़ से "लखनऊ सिटी संग्रहालय" का भी हकदार है।हाल ही में सरकार द्वारा इस
कदम को भी मंज़ूरी दी गई है। यदि हमें इसे सही मायने में सफल बनाना है तो स्थानीय नागरिकों की भागीदारी
बहुत जरूरी है। बर्लिन (Berlin) और न्यूयॉर्क (New York) जैसे अंतरराष्ट्रीय शहरों से "सिटी लैब्स
(City Labs)" परियोजनाओं की कई सीख उल्लेखनीय हैं। इन संग्रहलयों में शहर के वर्षों के इतिहास को
दर्शाया गया है और साथ ही ये हमें भविष्य में शहर कैसा दिखेगा इसकी कल्पना करने की स्वतंत्रता भी देता
है। अपने शहर को बेहतर कैसे बनाएं, इस पर विचार विमर्श करने की अनुमति देता है - यहां संग्रहालय शहर के
विकास का एक अभिन्न अंग बन सकता है। अंतः हमें लखनऊ शहर को संग्रहालय और संग्रहालय को शहर के
रूप में देखना प्रारंभ करना होगा। शहर का संग्रहालय कैसे डिजाइन,राजनीतिक और निजी क्षेत्र की ऊर्जा को उस
शहर के रूप,व्यक्तित्व और गुणवत्ता में योगदान करने के लिए एक नागरिक लेंस के रूप में शामिल कर सकता
है? न केवल एक पर्यवेक्षक लेकिन एक वास्तविक खिलाड़ी के रूप में?
हालांकि लखनऊ में जल्द ही हुसैनाबाद में प्राचीन स्मारकों के बीच एक ईरानी प्रतिनिधिमंडल के साथ
एक अनूठा इतिहास और विरासत से भरपूर संग्रहालय की स्थापना होने वाली है।संग्रहालय, जिसे
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिला है, न केवल लखनऊ के इतिहास को फिर से
देखने में मदद करेगा, बल्कि लोगों को संपूर्ण रूप से अवधी व्यंजनों का सर्वोत्तम आनंद लेने का
मौका भी देगा। साथ ही संग्रहालय को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से मंज़ूरी भी प्राप्त हो गई है, तथा
यह लगभग 50,000 वर्ग फुट में फैला होगा। यह परिसर एक तीन मंजिला संरचना होगी जो क्लॉक
टॉवर के दृश्य पेश करेगी। इसके भूतल में हुसैनाबाद का प्रारूप होगा, जिसमें आगंतुक हुसैनाबाद की
कहानी, लखनऊ के इतिहास, उसके नवाबों, कर्बला की कहानी और नवाबी युग के बाद के शहर की
गहरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। परिसर में शौचालय, स्मारिका की दुकान और नियंत्रण कक्ष की
सुविधा होगी।आगंतुकों के लिए ऑडियो गाइड (Audio guides), चित्र, सूचना पैनल (Panel),
डिजिटल स्क्रीन (Digital screen) और परस्पर संवादात्मक कियोस्क (Kiosks) उपलब्ध होंगे।अवध
के भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों जैसे बेगम हजरत महल से संबंधित कलाकृतियां और अभिलेखीय
दस्तावेज भी इस अत्याधुनिक संग्रहालय में प्रदर्शित किए जाएंगे। एक ही छत के नीचे अवध के
समृद्ध इतिहास और विरासत का हिस्सा बनना स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी एक
बहुत ही अलग अनुभव होगा। हालांकि यह परियोजना कुछ वर्षों से लंबित है।
लेकिन यदि आप हाल ही में लखनऊ की यात्रा करने का विचार कर रहे हैं तो शहर के समृद्ध
इतिहास के बारे में वास्तविक ज्ञान यहाँ मौजूद संग्रहालयों की यात्रा के साथ प्राप्त किया जा सकता
है।निम्न लखनऊ संग्रहालयों की सूची दी गई है जो इतिहास के प्रति उत्साही लोगों के लिए देखने
योग्य स्थान हैं:
1. राज्य संग्रहालय लखनऊ : लखनऊ में सबसे प्रमुख संग्रहालयों में से एक, राज्य संग्रहालय सभी
इतिहास प्रेमियों के लिए है। लकड़ी के काम से लेकर जटिल दीवार की नक्काशी तक, यह संग्रहालय
आपको इस खूबसूरत शहर के इतिहास में वापस ले जाता है। शुरुआत में केवल अवधी विरासत को
चित्रित करने वाली चित्रकारी और मूर्तियां थीं, अब लखनऊ और उसके आसपास के क्षेत्रों(विशेष रूप से
जहां भगवान बुद्ध बड़े हुए थे) की कला और संस्कृति का चित्रण करने वाली कुछ सबसे महत्वपूर्ण
कलाकृतियां और खुदाई की गई प्राचीन वस्तुएं मौजूद हैं।राज्य संग्रहालय की अपनी यात्रा पर, 1000
वर्ष पुरानी मिस्र की ममी और लकड़ी के ताबूत को देखने से न चूकें, जो इसके कई खजानों के बीच
संग्रहालय का मुख्य आकर्षण हैं।
2. 1857 स्मारक संग्रहालय, लखनऊ : लखनऊ में अपने गौरवशाली इतिहास को समर्पित एक और
संग्रहालय 1857 का स्मारक संग्रहालय है। इसमें 1857 के प्रसिद्ध विद्रोह से संबंधित सभी विवरण
हैं, जिसे भारत के स्वतंत्रता संग्राम का प्रारंभिक बिंदु माना जाता है।विद्रोह के दौरान नष्ट हुए भवनों
या स्मारकों से प्राप्त हुए मूल्यवान वस्तुओं को 1920 में केंद्र सरकार के संरक्षण में लाया गया था
तथा इनको संरक्षित करने के लिए संग्रहालय का निर्माण किया गया था। आपको उस समय से प्राप्त
की गई सभी मूल चित्रकारी, तस्वीरें और अन्य सामग्री यहां देखने को मिलेगी। साथ ही, संपूर्ण प्रथम
स्वतंत्रता संग्राम के सचित्र कीर्तिमान भी मौजूद हैं।
3.क्षेत्रीय विज्ञान शहर, लखनऊ : शहर के इतिहास से आगे बढ़ते हुए, अब हम एक ऐसी जगह पर जाते
हैं जो विज्ञान के सभी जानकारों के लिए एकदम सही है। 3डी (3D) शो से लेकर खगोलीय घटनाओं के
अवलोकन तक, आगंतुकों के लिए विज्ञान के महत्व के संबंध में जानने और सीखने के लिए यहां
चीजों की एक श्रृंखला मौजूद है।
4. गांधी संग्रहालय, लखनऊ : महात्मा गांधी को समर्पित, यह संग्रहालय राष्ट्रपिता के बारे में, उनकी
जीवन शैली से लेकर उनकी विचारधाराओं तक, हर चीज के बारे में एक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
संग्रहालय की स्थापना वर्ष 1973 में हुई थी और इसमें गांधी जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं को
आवृत करने वाली 250 से अधिक तस्वीरें हैं।
5. लोक कला संग्रहालय, लखनऊ : संस्कृति के प्रति उत्साही लोगों के लिए, लोक कला संग्रहालय में
1600 अद्वितीय कलाकृतियों का खजाना है, जिसमें तस्वीरें, पुरानी चित्रकारी, मृण्मूति॔, संगीत वाद्ययंत्र,
लकड़ी के लेख और अन्य अवशेष शामिल हैं।उत्तरप्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा स्थापित, इस
कला और शिल्प संग्रहालय के परिसर में एक पुस्तकालय भी है जहाँ आपको दुर्लभ पुस्तकों का संग्रह
मिलेगा।
6. मोतीलाल नेहरू बाल संग्रहालय, लखनऊ : जैसा कि नाम से पता चलता है, लखनऊ का यह संग्रहालय
4 से 14 साल की उम्र के बच्चों के लिए स्वर्ग है। मोतीलाल नेहरू बाल संग्रहालय में पुस्तकों का
व्यापक संग्रह अत्यंत ज्ञानवर्धक है।
भव्यता और उदारता दो शब्द हैं जो नवाबों के शहर का संक्षेप में वर्णन करते हैं। संस्कृति, कला और
मनोरम व्यंजनों से भरपूर, लखनऊ एक ऐसा शहर है जहां जाए बिना इतिहास के प्रति उत्साही लोगों
की यात्रा संपूर्ण नहीं हो सकती है।
संदर्भ :-
https://bit.ly/3rGIncQ
https://bit.ly/34wihjN
https://bit.ly/3BcXpdl
https://bit.ly/3rATK5U
चित्र संदर्भ
1. लखनऊ स्टेट संग्रहालय भवन का बाहरी भाग को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. हुसैनाबाद क्लॉक टॉवर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. बुद्ध गैलरी स्टेट म्यूजियम लखनऊको दर्शाता एक चित्रण (youtube)
4. 1857 स्मारक संग्रहालय, लखनऊ को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. गेटवे ऑफ़ रीजनल साइंस सिटी लखनऊ को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
6. गांधी संग्रहालय, लखनऊ को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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