लखनऊ की ठुमरी

लखनऊ

 04-01-2018 05:00 PM
ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि
लखनऊ कला स्थापत्य व पाक-कला का गढ रहा है, यहाँ से कई प्रकार के गायन व नृत्य कला का जन्म व विकास हुआ है। यहाँ के नवाबी ठाट के मध्य कला का विशिष्ट ध्यान रखा गया था। यह कहना गलत नही होगा कि जहाँ का शासक ही कला प्रेमी और खुद कलाकार हो तो वहाँ पर कला को फलने-फूलने का पूरा अवसर प्राप्त होता है। खयाल व अन्य कितने ही प्रकार की गायन शैलियाँ यहाँ पर प्रफुल्लित हुई उन्ही में से एक है ठुमरी। ठुमरी के जन्म के विषय में यह कहा जाता है कि वो मध्य 19वीं शताब्दी में लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह के दरबार में हुआ था। इसके अलावाँ कुछ अन्य स्थानों पर भी ठुमरी का उल्लेख मिलता है जिसमें इसको अरगा नाम से बोला गया है। परन्तु यह कहना ज्यादा सटीक लगता है कि इस गायन को सही शह व नाम लखनऊ में ही मिला। गायन की चंचल प्रकृति का रूप लिए दुमरी रागों की शुद्धता की अपेक्षा भाव एवं सौंदर्य प्रधान होती है। इसमें गीत के शब्द कम होते हैं। शब्दों के भावों को विभिन्न प्रकार से प्रस्तुत किया जाता है। दुमरी में विभिन्न स्वर-समूहों- कण, खटका, मींड, मुर्की आदि का प्रयोग होता है। गायन की इस शैली में श्रृंगार रस की प्रधानता होती है। चंचल प्रकृति की गायन शैली राग भैरवी, ख्माज, देस, तिलंग, काफी, पीलू आदि रागों में गायी जाती है। इसके साथ दीपचंदी तथा जत ताल बजाई जाती है। विलंबित लय की ताल में गायन आरंभ कर दुमरी गायक कहरवा ताल की द्रुत लय में गाते हैं जिसे लग्घीलड़ी भी कहते हैं। दुमरी गायन की दो शैलियाँ प्रचलित हैं। प्रथम, पूर्वी अंग की ठुमरी जो लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, पटना और बंगाल में प्रचलित है। दूसरी है, पंजाबी अंग की ठुमरी, जिसे उस्ताद बड़े गुलाम अली खां द्वारा प्रचलित किया गया। ठुमरी के मशहूर गायक व गायिकाओं में बेगम अख्तर, मालिनी अवस्थी गौहर जान, इंदु बाला, मलिका जान, गिरिजा देवी, सविता देवी और शोभा गुर्टू, सोहनी महाराज, अब्दुल करीम ख़ाँ और फ़ैयाज़ ख़ाँ आदि हैं। बेगम अख्तर द्वारा गाया गया ठुमरी “हमरी अटरिया पर आजा रे....” ठुमरी की खूबसूरती आज भी बिखेर रही है यह गायन बॉलीवुड व अन्य मंचों पर सफलता के साथ प्रदर्शित हुआ है। इसके कुछ बोल युँ हैं- हमरी अटरिया पे आओ सवारियां, देखा देखी बलम होई जाए-2, तस्सवुर में चले आते हो कुछ बातें भी होती हैं, शबे फुरकत भी होती हैं मुलाकातें भी होती हैं, प्रेम की भिक्शा मांगे भिखारन, लाज हमारी राखियो साजन। 2 आओ सजन हमारे द्वारे, सारा झगड़ा खत्म होइ जाए 2 हमरी अटरिया-2 तुम्हरी याद आंसू बन के आई, चश्मे वीरान में 2, ज़हे किस्मत के वीरानों में बरसातें भी होती है हमारी अटरिया पे 2 1. नाद अण्डरस्टैंडिंग राग म्युज़िकः संदीप बागची, ईश्वर, मुम्बई, 1998 2. द म्युज़िक ऑफ़ इंडिया- हिस्ट्री एण्ड डेवलपमेंट वाल्युम 2: राम अवतार वीर, पंकज पब्लीकेशन न्यु डेल्ही, 1986 3. थेयरी ऑफ इंडियन म्युज़िकः राम अवतार वीर, पंकज पब्लीकेशन न्यु डेल्ही, 1980 4. सरस्वती संगीत मंजूषा: अंजू मुंजाल, न्यु सरस्वती हाउस न्यु डेल्ही, 2016



RECENT POST

  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id