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क्रिसमस (Christmas) परंपरा के साथ-साथ उत्सव का भी समय है। 25 दिसंबर को ईसाइयों द्वारा यीशुमसीह जन्म की खुशी मनाई जाती है। यीशु के जन्म पर एक चमकदार सितारा भी दिखाई दिया था,
जिसका वर्णन बेथलहम के सितारे (Star of Bethlehem) की कहानी, न्यू टेस्टामेंट बुक ऑफ मैथ्यू (New
Testament Book of Matthew) में है, जबकि जन्म के अन्य पहलू ल्यूक (Luke) में वर्णित हैं।मैथ्यू के
सुसमाचार में कहा गया है कि जब यीशु का जन्म हुआ था, तब पूर्वी आकाश में एक चमकीला तारा
चमक रहा था, जिसे बुद्धिमान (इन्हें मैगी भी कहा जाता है) लोगों के एक समूह द्वारा देखा गया था।
वो चमकीला तारा उन्हें यीशु के बेथलहम जन्मस्थान तक ले जाता है, जहाँ वे उनकी पूजा करते हैं
और उन्हें उपहार देते हैं। तब बुद्धिमानों को हेरोदेस (Herod - यहूदिया के राजा, जो गुप्त रूप से
अपने स्वयं के राज्य को बनाए रखने के लिए मसीहा को खोजने और मारने के इरादे से बुद्धिमानों
को उनके यीशु से मिलने के बाद उसके घर लौटने के लिए आमंत्रित करता है।) के पास न लौटने की
दिव्य चेतावनी दी जाती है, इसलिए वे एक अलग मार्ग से अपने घर लौटते हैं।लेकिन क्रिसमस की
कहानी में सबसे हैरान करने वाला संस्करण क्रिसमस का तारा है, जिसे बेथलहम (Bethlehem) का
सितारा भी कहा जाता है, जिसने काफी लंबे समय से विद्वानों को रहस्यमय रखा हुआ है।
क्रिसमस की कहानी में सबको हैरान कर देने वाले इस संस्करण ने काफी लंबे समय से विद्वानों को
रहस्यमय रखा हुआ है।कई ईसाई मानते हैं कि तारा एक चमत्कारी संकेत था।नॉटिंघम ट्रेंट
विश्वविद्यालय (Nottingham Trent University) में खगोल विज्ञान के सहयोगी प्राध्यापक डॉ.
डेनियल ब्राउन (Dr. Daniel Brown) का सुझाव है कि तथाकथित खगोलीय घटना बाइबिल (TheBible) की व्याख्या और आंशिक अलंकरण का हिस्सा है।बेथलहम का सितारा दुनिया भर में
पारंपरिक ईसाई क्रिसमस कहानी का हिस्सा है।लेकिन क्या ये घटनाएँ किसी न किसी रूप या तरीके
से हुईं और क्या बेथलहम का तारा वास्तव में मौजूद था? यह एक ऐसा सवाल है जो खगोलविदों
द्वारा 1614 में जोहान्स केपलर (Johannes Kepler) के समय से खुद से पूछाजा रहा है औरऐसा माना
जा रहा है कि अब हम एक संभावित निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं। जबकि कुछ धर्मशास्त्रियों ने दावा
किया कि तारे ने एक भविष्यवाणी को पूरा किया, जिसे स्टार भविष्यवाणी (Star Prophecy) के रूप
में जाना जाता है। दूसरी ओर खगोलविदों ने तारे को असामान्य खगोलीय घटनाओं से जोड़ने के कई
प्रयास किए हैं, जैसे कि बृहस्पति और शनि या बृहस्पति और शुक्र, एक धूमकेतु, या एक सुपरनोवा
(Supernova) का संयोजन। वहीं कुछ आधुनिक विद्वान कहानी के इस ऐतिहासिक घटनाको
वास्तविक न मानकर मैथ्यू के सुसमाचार के लेखक द्वारा बनाई गई एक पवित्र कथा मानते
हैं।जिसके परिणामस्वरूप खगोलविदों ने सैकड़ों वर्षों में क्रिसमस के तारे के लिए कई वैज्ञानिक
स्पष्टीकरण पेश किए हैं।
एक क्रिसमस धूमकेतु :अतीत में, कुछ इच्छुक खगोलविदों ने यह भी सुझाव दिया है कि बेथलहम का
तारा पृथ्वी के पास से गुजरने वाला एक धूमकेतु था। सुदूर सौर मंडल के ये बर्फीले पिंड जब
आंतरिक सौर मंडल में प्रवेश करते हैं तो अक्सर काफी चमकते हैं।वे कभी-कभी एक समय में हफ्तों
या महीनों के लिए आकाश में दिखाई देने के लिए भी जाने जाते हैं। और सुपरनोवा की तरह, हमारे
पास धूमकेतुओं के संबंध में अन्य संस्कृतियों के ऐतिहासिक अभिलेख भी मौजूद हैं।निश्चित रूप से,
पांच ईसा पूर्व के वर्ष में, चीनी (Chinese) खगोलविदों ने एक "ब्रूम स्टार (Broom Star)" की
उपस्थिति का उल्लेख किया, जिसकी कई शोधकर्ताओं ने धूमकेतु के रूप में व्याख्या की है। सुपरनोवा
की तरह, चीनी विद्वानों ने कई ऐतिहासिक धूमकेतुओं को अभिलेखित किया, और यहां तक कि
कई बार दर्ज किया कि उल्का प्रभाव के अकरण कई लोगों की मृत्यु हुई है।
प्राचीन महान संयोग :वर्ष 7 ईसा पूर्व में, बृहस्पति और शनि के एक ही नक्षत्र में मीन राशि में तीन
युति थे। क्योंकि ग्रह अपनी कक्षाओं में अलग-अलग गति से चलते हैं, और अलग-अलग दूरी पर
स्थित होते हैं, कभी-कभी वे रात के आकाश में एक दूसरे से गुजरते हुए दिखाई देते हैं।वे आकाश में
स्थिर या पीछे की ओर बढ़ते हुए भी दिखाई दे सकते हैं, जिसे खगोलविद प्रतिगामी गति कहते
हैं।हालाँकि, बृहस्पति शनि की तुलना में सूर्य के अधिक निकट है, इसलिए यह हमारे रात्रि आकाश में
भी तेजी से आगे बढ़ता हुआ प्रतीत दिखाई देता है।इसलिए यदि अपेक्षाकृत कम समय के लिए ही
बृहस्पति और शनि की तीन निकट संयोजन हुए हों, तो यह कल्पना करना आसान है कि प्राचीन
खगोलविदों ने वास्तव में उन पर ध्यान दिया होगा।
मिथक या हकीकत : साथ ही,कई उत्साही खगोलविदों और उत्सुक शौकीनों द्वारा भी अन्य खगोलीय
स्थितियों की ओर इशारा किया गया है। जबकि अन्य लोगों ने सुझाव दिया है कि बेथलहम का
सितारा शायद एक खगोलीय घटना नहीं थी। इसके बजाय, इन खगोलीय घटनाओं के वर्षों के संयुक्त
प्रभाव ने मैगी को एक नए राजा के जन्म के संकेतों को देखने के लिए प्रेरित किया हो सकता है।
लेकिन क्या इनमें से कोई भी चीज वास्तव में बेथलहम के सितारे का कारण बन सकती है?सच्चाई
यह है कि इन घटनाओं में से कोई भी विवरण मैथ्यू की किताब की कथा से पूरी तरह से मेल नहीं
खाता है। प्राचीन लोगों को ग्रहों के बारे में अच्छी समझ थी, इसलिए कई ग्रहों के संयोजन को "तारा"
कहना अजीब हो सकता है।अंत में, हम शायद कभी नहीं जान पाएंगे कि बेथलहम के सितारे की
बाइबिल (Bible) की कथा को वास्तव में किस चीज ने प्रेरित किया।
संदर्भ :-
https://bit.ly/3ppruC1
https://bit.ly/3ssISId
https://bit.ly/3yXU5So
चित्र संदर्भ
1. बेथलहम के सितारे (Star of Bethlehem) की कहानी को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. खड़की से देखने पर बेथलहम के सितारे को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. बेक्रिसमस ट्री पर बेथलहम के सितारे को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4.सर्वनाश (Apocalypse) से पांचवीं और छठी मुहरों के उद्घाटन को दर्शाता एक चित्रण(flickr)
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