लखनऊ देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले प्रदेश की राजधानी है यहाँ पर यदि देखा जाये तो किसी प्रकार का कोई खनिज़ नही पाया जाता है। बड़ी इमारतों व भवनों को बनाने के लिये यहाँ पर विभिन्न खनिज़ों को देश के अलग-अलग स्थानों से मंगाया जाता है। लखनऊ में यदि खानों की बात की जाये तो यहाँ की नदियों में विभिन्न स्थानों पर उत्खनन किया जाता है जिससे बालू निकाला जाता है। किसी भी स्थान के निर्माण में खनिजों का प्रमुख योगदान होता है। यदि लखनऊ में देखा जाये तो शुरुआती दौर में यहाँ पर पत्थरों आदि का प्रयोग ज्यादा मात्रा में नही किया गया था। ज्यादातर निर्माण का कार्य इंट के प्रयोग से किया गया है रूमी दरवाजे से लेकर इमामबाड़ा तक यह देखा जा सकता है। कालांतर में यातायात की उपलब्धता के बाद से यहाँ पर बड़ी संख्या में पत्थरों व अन्य खनिजों का प्रयोग होने लगा। लखनऊ के शुरुआती इतिहास के दौर में यहाँ पर अफगानिस्तान से मंगाये गये खनिज पत्थर (लाज़वर्द) का प्रयोग देखने को मिलता है। यहाँ के राजकोष में कई प्रकार के रत्नों को सुरक्षित रखा गया था जिसमें गोलकोंडा के खानों से आये हीरे भी शामिल थे। 1- हिस्टोरिक लखनऊ, सिडनी हे।
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