ऑनलाइन गेमिंग से पैसे कमाना आसान है या जीवन गवाना

हथियार और खिलौने
27-09-2021 11:49 AM
ऑनलाइन गेमिंग से पैसे कमाना आसान है या जीवन गवाना

21वीं सदी की शुरुआत के साथ चर्चा में आया इंटरनेट, आज पूरे विश्व में जाल की भांति फ़ैल गया है। इसके आ जाने से, न केवल लोगों की जीवन शैली बदल गई है, बल्कि पूरे के पूरे देशों की संस्कृति में बदलाव देखा जा रहा है। लोगों के जीवन को आसान बनाने के संदर्भ में, इंटरनेट संभवतः मानव इतिहास का सबसे क्रन्तिकारी अविष्कार रहा है। आज इंटरनेट संचार और मनोरंजन तक सीमित न रहकर, रोजगार का भी सबसे प्रमुख साधन बन गया है। आज से लगभग 50 वर्ष पूर्व भला किसने सोचा होगा की, “भविष्य के लोग अपना पसंदीदा काम करते हुए, घर बैठे मनचाहा पैसा कमा सकेंगे”। हालांकि आज भी कई लोग इस असमंजस में हैं, की क्या वास्तव में घर बैठे-बैठे केवल ऑनलाइन गेम खेलकर पैसा कमाया जा सकता है? क्या ऑनलाइन गेमिंग को एक भरोसेमंद और वास्तविक नौकरी के रूप में अपनाया जा सकता है?
हम सभी की यह इच्छा रहती है की, हम अपना पसंदीदा काम करते हुए पैसा भी कमाएं, और यदि वह पैसा खेल खेलते हुए आ जाये, तो कहने की क्या! आज ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग गेम्स (Online Live Streaming Games) अर्थात खेलों के सीधे प्रसारण ने, खेल उद्दोग को पूरी तरह से बदल के रख दिया है, और गेमिंग को एक वास्तविक करियर बना दिया है। आज ऑनलाइन स्ट्रीमिंग (online streaming) और गेमिंग को आजीवन व्यवसाय व्यवसाय के रूप में चुनने पर $300,000 डॉलर यानि 22113345.00 रुपये प्रतिवर्ष कमाना भी संभव हो गया है।
ट्रम्पएससी (TrumpSC) के रूप में लोकप्रिय, जेफ़री शिह (Jeffrey Shih) हर्थस्टोन (एक ऑनलाइन खेला जाने वाला खेल), का सीधा प्रसारण (Live Streaming) करते हैं। जिन्हें दुनियभार के 20,000 से भी अधिक रेगुरलर दर्शक प्रतिदिनं देखते हैं, जिनकी संख्या निरंतर बढ़ रही है। उन्होंने ऑनलाइन गेम के सीधे प्रसारण को आज से दस वर्ष पूर्व शुरू किया था। शुरू में इस गेम की लाइव स्ट्रीमिंग एक महंगी सेवा थी, जिसके लिए उन्हें हर महीने भुकतान करना पड़ता था। और शुरू में उन्होंने इसे शौक के रूप में प्रसारित किया, और दर्शकों की संख्या धीरे-धीरे पहले कुछ महीनों में 500 लोगों से बढ़कर 3,000 लोगों तक पहुंच गई। तब की तुलना में ऑनलाइन गेम प्रसारित (Online gaming streaming) करना आज अधिक आसान है। आज यहां एकमात्र आवश्यक निवेश एक वेब कैमरा (Web camera) और एक अच्छा माइक्रोफ़ोन (Microphone) है।, यहां तक ​​कि वेबकैम भी वैकल्पिक है, जो हमारे कम्प्यूटरों में पहले से मौजूद होता है। जेफरी के अनुसार यदि कोई, सच में इस क्षेत्र को गंभीरता से लेना चाहता है, तो उसके लिए मात्र छह महीने मेहनत करना पर्याप्त हैं। उनका मानना है की आज भी यह उद्दोग अपनी प्रारंभिक अवस्था में है, और भविष्य में यह असीमित स्तर तक वृद्धि करेगा। बीते कुछ वर्षों के दौरान ऑनलाइन गेमिंग के प्रचलन ने, भारत में भी अपार लोकप्रियता हासिल की है। मिसाल के तौर पर टोटल गेमिंग (Total Gaming) के यूट्यूब चैनल में गरेना फ्री फायर (Garena Free Fire) की लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान मात्र 33 सेकंड के भीतर लाइव चैटबॉक्स (Live Chatbox) में सौ से भी अधिक सन्देश प्रेषित हो जाते हैं। दरअसल लाइव स्ट्रीमिंग अथवा खेलों के सीधे प्रसारण के दौरान आप कंप्यूटर पर गेम खेलने के साथ-साथ उसका सीधा प्रसारण यूट्यूब जैसे ऑनलाइन वीडियो प्रसारित माध्यमों पर कर सकते हैं।
भारत में लोकप्रिय गेमिंग चैनल टोटल गेमिंग के मालिक को उसके युवा दर्शक अजय (गेमिंग की दुनिया में अज्जुभाई के रूप में जाने जाते हैं।) अजय खेल संबंधी वीडियो शुरू करने से पहले दर्शकों का स्वागत करते हैं, और प्रायोजकों का नाम पड़ते हैं, और खेलने लग जाते हैं। यह वीडियो औसतन कुछ घंटों के हो सकते हैं, इस दौरान वह दर्शको से भी संवाद बनाये रखते हैं, और दर्शक उन्हें सुपरचैट (एक सुविधा जिसमें दर्शक चैटबॉक्स में अपने संदेश को हाइलाइट करने के लिए भुगतान करते हैं) के माध्यम से पैसे भी भेजते हैं। मात्र दो दिनों के भीतर इस स्ट्रीम को यू-ट्यूब (YouTube) पर दो मिलियन व्यूज मिल जाते हैं। लेकिन यह सिर्फ अज्जुभाई की कहानी नहीं है। आज भारत में उनके जैसे कई भारतीय स्ट्रीमर हैं, जो वैश्विक गेमिंग उद्योग में फल-फूल रहे हैं, और सालाना 159 बिलियन अमेरिकी डॉलर का राजस्व उत्पन्न कर रहे है। ऊपर से जैसे ही COVID-19 महामारी ने लोगों को घर के अंदर रहने के लिए मजबूर किया, गेम-स्ट्रीमिंग कई गुना बढ़ गई, इससे संबंधित वीडियो पिछले साल 100 अरब घंटे देखे गए, जहाँ 40 मिलियन से अधिक सक्रिय गेमिंग चैनल, और 80,000 से अधिक यू-ट्यूब (YouTube) गेमिंग निर्माता लगभग 1,00,000 ग्राहकों तक पहुंचे। स्ट्रीमर्स की कमाई का बड़ा हिस्सा यू-ट्यूब विज्ञापन और सुपर चैट जैसे मुख्य स्रोतों से आता है। केपीएमजी (KPMG) की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 में 250 मिलियन की तुलना में गेमर्स (Gamers) की संख्या बढ़कर 2020 तक 400 मिलियन हो गई। जानकारों का अनुमान है की वर्ष 2021 में वैश्विक गेम लाइवस्ट्रीमिंग दर्शक 728.8 मिलियन तक पहुँच जाएंगे, वही 2024 तक इसके 920 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है।
इतनी अपार कमाई होने के बावजूद ऑनलाइन गेमिंग को एक टिकाऊ करियर के रूप में देखना इतना आसान काम नहीं है, कई बार एक पेशेवर गेमर बनना कठिन काम होता है, आपको बहुत अभ्यास करना पड़ सकता है, और सबसे लोकप्रिय खेलों के साथ सबसे अच्छा प्रदर्शन करना पड़ सकता है। यह आसान रास्ता नहीं है, लेकिन यह असंभव भी नहीं है। परंतु खेलों के प्रसारण के अलावा भी इस उद्द्योग में अच्छी कमाई हो सकती है। अच्छी खबर यह है कि एंड्रॉइड/आईओएस (Android / IOS) गेम्स का विकास और कोडिंग तेजी के दौर में हैं, और उद्योग में प्रवेश करना और ऐप या गेम डेवलपर बनना अपेक्षाकृत आसान है। यदि आप ऑनलाइन गेमिंग से धन लाभ के इस लेख में खो-चुके हों, तो हम आपको इससे जुड़े कुछ कटु सत्यों से भी अवगत कराएँगे, जो जरूरी भी है। नीचे दिए गए एक छोटे से असली घटना पर आधारित प्रसंग से इसके दूसरे पहलु को भी समझेंगे। दक्षिण कोरिया में रहने वाले ली सेउंग सेप (Lee Seung Sepp) को वर्ल्ड ऑफ वारक्राफ्ट ( Warcraft) खेलना बेहद पसंद था। वह एक नवयुवक था जो वह ऑनलाइन गेमिंग का आदि था, और उसने अपने गेमिंग शौक को पूरा करने के लिए मात्र 28 सालों में अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़ दी, असल में उसे काम पर देर से आने पर निकाल दिया गया था। वह अपने कमाए हुए पैसे से गेम खेलने के लिए नजदीकी इंटरनेट कैफे में जाने लगा। गेमिंग की बढ़ती लत के कारण वह नियमित रूप से खाना और यहाँ तक की पानी पीना भी भूल जाता था। उसकी लत के कारण उसकी प्रेमिका ने भी उसका साथ छोड़ दिया। कुर्सी पर बैठे-बैठे वह खाना पीना भी भूल गया और एक दिन अचानक किसी परेशानी के कारण वह उसी कुर्सी पर झुक गया, उसे अस्पताल ले जाया गया। जहाँ कुछ घंटों बाद उसकी मृत्यु हो गई। मृत्यु का कारण निर्जलीकरण और थकावट के कारण हृदय गति रुकना था।
विशेषज्ञों का कहना है कि गेमिंग की लत इतनी तीव्र हो सकती है कि बहुत से लोग नींद और अन्य सामान्य गतिविधियों जैसे दोस्तों से मिलना, सामाजिककरण, सब छोड़ देते हैं। और यह भयवाह रूप से उम्र कम करता है। ऑनलाइन गेमिंग और वीडियो गेम उद्योग भारत और दुनिया भर में तीव्र गति से बढ़ रहा है, विशेष रूप से कोविड महामारी की शुरुआत और उसके बाद हुए लॉकडाउन के बाद से। हालाँकि, उद्योग के विकास ने बच्चों में गेमिंग की लत जैसी बड़ी समस्या को भी जन्म दिया है। शोध से पता चला है कि ऑनलाइन वीडियो गेम का बच्चों और छात्रों पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, मात्र छह साल से अधिक उम्र के कुछ बच्चे आदी हो गए हैं। शोध बताते हैं कि वीडियो गेम के आदी लोगों में 94% पुरुष हैं और केवल 6% महिलाएं हैं। जिन पुरुषों का साक्षात्कार लिया गया, उनमें से कई अपने सामाजिक जीवन से असंतुष्ट थे और उनमें आत्म-सम्मान कम था।

संदर्भ
https://bit.ly/3kyUtRv
https://bit.ly/3uaDsjZ
https://bit.ly/3i6wx6y
https://bit.ly/3obvkhW
https://bit.ly/3ucxCym

चित्र संदर्भ
1. सामूहिक रूप से गेम खेलते बच्चों का एक चित्रण (ZDNet)
2. टोटल गेमिंग के यूट्यूब पृष्ठ का एक चित्रण (youtube)
3. सुपर चैट के जरिये भेजी जाने वाली धनराशि का एक चित्रण (youtube)
4. आज बच्चों को ऑनलाइन गेम की लत लग चुकी है जिसको संदर्भित करता एक चित्रण (The Economic Times)