लखनऊ की मछलियाँ

मछलियाँ और उभयचर
14-12-2017 06:37 PM
लखनऊ की मछलियाँ
बचपन में शिशु या पहली कक्षा कि हिंदी की किताब में मछली जल की रानी है यह कविता थी जिसे सारे बच्चे कंठस्थ करके रखते थे। आज पढाई का दौर बदला है पर आज भी यह कविता पुस्तकों में अपना स्थान बनाये हुए है। लखनऊ और उत्तर प्रदेश में मछली की महत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहाँ के राज्य चिन्ह में मछलियों का अंकन है। मछलियाँ जैव विविधता में एक बड़ी भूमिका का निर्वहन करती हैं और यदि विभिन्न अलग-अलग प्रजातियों की मछलियाँ कहीं पायी जाये तो इसका अर्थ है सोने पर सुहागा। प्रत्येक प्रजाति के मछली की अपनी एक महत्ता होती है जो जैव विविधता में अपना अमूल्य योगदान प्रदान करती है। लखनऊ में मत्स्य जीवन में कई विविधतायें पाई जाती हैं। लखनऊ में कुल 83 नस्ल की मछलियाँ पायी जाती हैं जो 58 पीढ़ियों से ताल्लुक रखे हैं। यह मछलियाँ 21 विभिन्न परिवार व 8 विभिन्न क्रमों से सम्बन्धित हैं। स्यपरिनिफॉर्मेस परिवार की मछलियाँ लखनऊ में सबसे अधिक मात्रा में पाई जाती हैं। इस परिवार की करीब 56 नस्लें यहाँ उपलब्ध हैं। 1. फिश डाइवर्सिटी ऑफ लखनऊ डिस्ट्रिक्ट: हरि ओम वर्मा, अंजू अग्रवाल, कृष्ण गोपाल