दुनिया में केले की हजारों किस्में पायी जाती हैं। इन लोकप्रिय किस्मों में से एक किस्म लाल केले की भी
है, जो मूल रूप से भारत और दक्षिण पूर्व एशिया (Asia) में उगाया जाता है। विभिन्न व्यापार मार्गों के
माध्यम से यह दक्षिण अमेरिका (America), संयुक्त अरब अमीरात (Arab Emirates) और अफ्रीका
(Africa) तक पहुंच गया है। इन केलों ने अब भारत में भी अपनी लोकप्रियता काफी बढ़ा ली है, मुख्य
रूप से अपने स्वास्थ्य लाभ और अपनी प्रसिद्धि या ख़ासियत के कारण। केले की यह किस्म लाल-बैंगनी
रंग की होती है। कुछ किस्मों का आकार सामान्य केले के आकार से बड़ा होता है, तो कुछ का छोटा।
इस किस्म का वैज्ञानिक नाम मूसा एक्यूमिनाटा (Musa acuminata) है, जिन्हें अंग्रेज़ी में रेड़
डक्का(Red Dacca), क्लैरेट बनाना (Claret banana), जमेकन रेड़ बनाना (Jamaican Red
banana) भी कहा जाता है। इन केलों की खास बात यह है, कि इनमें बीटा कैरोटीन (Beta Carotene)
और विटामिन सी (Vitamin C) की मात्रा पीले रंग के केलों की तुलना में अधिक होती है। इसके अलावा
इनमें पोटेशियम (Potassium) और लौह तत्वों की भी भरपूर मात्रा पायी जाती है। इस फल में शर्करा के
तीन प्राकृतिक स्रोत सुक्रोज़ (Sucrose), फ्रुक्टोज़ (Fructose) और ग्लूकोज़ (Glucose) मुख्य रूप से
पाये जाते हैं, जो उन्हें ऊर्जा के प्रमुख स्रोतों में से एक बनाते हैं। अगर कच्चे लाल केले को कमरे में रखा
जाए तो ये कमरे के तापमान में पक जाते हैं। लाल केले, पीले केलों की तुलना में अधिक मीठे और
स्वादिष्ट होते हैं।इनका जीवन काल भी पीले केलों की तुलना में अधिक होता है। हालांकि, पीले केलों की
तुलना में इनका दाम अधिक है। यूं तो, लाल केलों को छिलका उतारकर साबुत खाया जाता है, लेकिन
इनका उपयोग मिठाई,सलाद और अन्य व्यंजनों में भी किया जा सकता है। इसके अलावा इन्हें तलकर
या भूनकर भी खाया जा सकता है।
लाल केले से होने वाले फायदों की बात करें तो, लाल केले वजन
घटाने, किडनी से सम्बंधित समस्याओं को दूर करने, धूम्रपान छोड़ने, त्वचा की गुणवत्ता सुधारने, खून को
साफ करने, बालों का पोषण करने, बवासीर का इलाज करने, चिंता को दूर करने आदि के लिए अत्यधिक
लाभदायक है।एक छोटे लाल केले में केवल 90 कैलोरी होती है और इसमें ज्यादातर पानी और कार्ब्स
(Carbs) होते हैं। इसमें मौजूद पोटेशियम और मैग्नीशियम (Magnesium) रक्तचाप कम करने में
सहायक हैं। लाल केले में कैरोटीनॉयड (Carotenoids) होते हैं, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidants) हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर जैसे रोगों से बचाव करने
में अत्यधिक सहायक हैं। इसमें मौजूद विटामिन और रेशे प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं और
पाचन क्रिया में सुधार करते हैं। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic index) स्कोर कम है, जिसका
मतलब है, कि यह खून में शर्करा के नियंत्रण में भी सहायक है।
लाल केले की एक किस्म कमालपुर केला भी है, जिसे कर्नाटक के गुलबर्गा ज़िले में स्थित कमालपुर गाँव
की घाटी और उसके आस-पास के क्षेत्रों में उगाया जाता है। चूंकि, इसकी कीमत सामान्य केलों से अधिक
होती है, इसलिए इसे ‘रईस आदमी का फल’ भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए है, क्यों कि इन्हें उगाने में
अधिक श्रम और संसाधनों की आवश्यकता होती है।लाल केलों की तरह यह भी स्वाद में उत्तम होने के
साथ-साथ स्वास्थ्यवर्धक भी हैं। अपनी उच्च ऊर्जा क्षमता के कारण एथलीटों द्वारा इन्हें अत्यधिक पसंद
किया जाता है।
केले की खेती व्यापार और आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी है। स्थायी केले के उत्पादन को सुरक्षित
रखने और छोटे किसानों के लिए आय पैदा करने के लिए, उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री महत्वपूर्ण
है। बहुमूल्य गुणों के कारण इसकी खेती करना अत्यंत लाभदायक है।हाल के वर्षों में, रसायनों के
अंधाधुंध उपयोग के प्रतिकूल प्रभावों को देखते हुए, दुनिया भर में जैविक केले के उत्पादन की नई प्रवृत्ति
को अपनाया जा रहा है। केला दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण खाद्य फसलों में से एक है तथा भारत में
इसकी फसल कृषि सकल घरेलू उत्पाद का 2.8 प्रतिशत हिस्सा बनाती है। यह किसानों के जीवन निर्वाह
के लिए एक महत्वपूर्ण फसल है, और भोजन या आय के लिए साल भर की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
यह लाखों लोगों के लिए एक प्रमुख खाद्य फसल है, जो स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के माध्यम से
आय प्रदान करती है। केला एक बारहमासी फसल है, जो जल्दी बढ़ता है और पूरे वर्ष भर काटा जा
सकता है।
उत्तर प्रदेश में केले की खेती के तहत लगभग 67.4 हजार हेक्टेयर क्षेत्र है और यहां हर साल
लगभग 30.8 लाख टन केले का उत्पादन होता है।
रामपुर में केला उत्पादन आर्थिक रूप से अत्यंत लाभदायक है, क्यों कि केला उत्पादन के लिए यहां की
परिस्थितियां अनुकूल हैं। यहां की जलवायु और भूमि दोनों ही इसकी खेती के लिए उपयुक्त हैं, इसलिए
इस क्षेत्र में केला उत्पादन अन्य फसलों के मुक़ाबले बहुत ही लाभप्रद है। 2016-17 में रामपुर जिले में
किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, यहां केले की खेती की कुल लागत प्रति हेक्टेयर 1,65,515 रुपये थी।
केले की खेती से सकल और शुद्ध लाभ क्रमशः प्रति हेक्टेयर 2,55,000 और 89,485 रुपये था। इस
प्रकार लाभ लागत अनुपात (Benefit Cost Ratio) 1.54 प्राप्त हुआ, जो दर्शाता है कि केले की खेती
रामपुर के लिए अत्यधिक लाभदायक फसल है तथा क्षेत्र में उच्च आय और रोज़गार सृजन में महत्वपूर्ण
भूमिका निभा सकती है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3xxTkgK
https://bit.ly/3iUaD7D
https://bit.ly/3vCdZPq
https://bit.ly/2TOIzbg
https://bit.ly/3gOqhPc
https://bit.ly/35Dcm9B
https://bit.ly/3xyXB3t
चित्र संदर्भ
1. ग्वाटेमाला में बाजार में लाल केलों का एक चित्रण (wikimedia)
2. लाल केलों का एक चित्रण (wikimedia)
3. लाल केले के बृक्ष का एक चित्रण (wikimedia)
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