नवाबों का शहर लखनऊ अपनी नवाबी रहन-सहन के साथ-साथ बेजोड़ इमारतों, नक्काशी और
दार्शनिक स्थलों से जुड़े किस्सों, कहानियों के संदर्भ में एक अंतहीन चर्चा बना रहता है। यहां कई
प्राचीन ऐतिहासिक इमारते ऐसी हैं, जिनका रंगरूप, स्वरूप भले ही समय के साथ न बदला हो, परन्तु
उन इमारतों के उपयोग करने का प्रयोजन परिवर्तनशील रहा है। लखनऊ की एक ऐतिहासिक स्थली
(सफेद बारादरी) के संदर्भ से इसे समझते हैं।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कैसरबाग मोहल्ले में स्थित सफ़ेद बारादरी, सफ़ेद संगमरमर
द्वारा निर्मित एक आलीशान इमामबाड़ा है, इस स्मारक का निर्माण वाजिद अली शाह (वाजिद अली
शाह लखनऊ के नवाब अजमद अली शाह के पुत्र थे, इनके पुत्र बिरजिस क़द्र अवध के अंतिम नवाब
रहे।) ने करवाया। लखनऊ कभी अवध साम्राज्य की राजधानी थी। यह स्मारक 1845 में निर्मित की
गई। सफ़ेद बारादरी एक उर्दू शब्द है, जिसका अर्थ होता है “श्वेत वर्ण के बारह द्वारों वाला महल ”।
वाजिद अली शाह द्वारा इस स्मारक को (अज़ादारी) शोक अथवा मातम के लिए इमामबाडा के रूप में
बनवाया गया था। कुछ अन्य सूत्रों के अनुसार इस इमारत का निर्माण कार्य 1848 में आरम्भ करवाया
था, जो 1850 में पूरा किया गया तथा इसका नाम कस्र-उल-अज़ा रखा
था। इस खूबसूरत स्मारक का
परिसर बागों, फव्वारों, मस्जिदों, महलों, हरम और आंगन से घिरा हुआ है।
कैसरबाग बारादरी वर्गाकार मण्डप के रूप में है, यह मंडल महल परिसर के बीचों-बीच बना हुआ है।
इसके मुख्य कक्ष हाल में बलरामपुर के दो महाराजा मानसिंह एवं दिग्विजय सिंह (यह दोनों
एसोसिएशन संस्थापक थे) की मूर्तियां स्थापित हैं। इन मूर्तियों का अनावरण 13 अगस्त 1902 को
संयुक्त प्रान्त आगरा एवं अवध के लेफ्टिनेंट गवर्नर सर जेम्स जौन डिग्ग्स ला टूश (James
Digges La Touche) के द्वारा किया गया। स्मारक के बाहर मुख्य प्रवेश द्वार के दोनों किनारों पर
प्रकाश द्वीप लिए दो पीतल की मूर्तियां भी हैं। भव्य बारादरी शानदार सफ़ेद पत्थरों से निर्मित है,
माना जाता है कि इसे पहले चांदी के साथ प्रसस्थ किया गया था। इसी के निकट नवाब सआदत अली
खां का मकबरा, बेगम हजरत महल पार्क एवं मकबरा, शाह नजफ़ इमामबाडा जैसी बेहद खूबसूरत
और दार्शनिक इमारत भी हैं।
एक ओर जहां पहले इस स्थान को शोक स्थल के तौर पर निर्मित किया गया था, परन्तु आज यह ठीक
इसके विपरीत लखनऊ में प्रमुख उत्सव और उल्लास का केंद्र बन गया है, जहां पर शहर के अभिजात
वर्ग द्वारा विवाह और स्वागत समारोह आयोजित किए जाते हैं।
1856 में जब अंग्रेजो ने अवध को कब्ज़े में लिया उसके बाद से ही बारादरी का प्रयोग राजशाही
अधिकारीयों, रईसों और धनी वर्ग के रिश्तेदारों द्वारा अदालत के तौर पर किया जाने लगा और यहाँ
पर याचिकाओं और दावों को सुना जाने लगा। कुछ सालों पश्चात इसे ब्रिटिश साम्राज्य की रानी के
प्रति वफादारी दर्शाने के बदले अवध के तालुकादारों को, उनकी महफिले और सभाए आयोजित करने
के लिए सौंप दिया। और इसे नया नाम ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशन ऑफ अवध (British Indian
Association of Avadh) दे दिया गया। आजकल यहां बहुत से कला एवं शिल्प प्रदर्शनियां,
कार्यशालाएं और विवाह समारोहों का आयोजन भी किया जाता है।
बारादरी (शाब्दिक रूप से बारह दरवाजे) वास्तुकला के परिपेक्ष्य में अनूठा संग्रह है, यह एक सुंदर
नवाबी शैली का मंडप था। सफ़ेद बारादरी लखनऊ के कैसर बाग (जिसे कैसरबाग या कैसर बाग भी
कहा जाता है) क्षेत्र में स्थित है। हालाँकि यह एक ऊँचे मंच अथवा स्थान पर बनाई गई है, परंतु इसके
बावजूद यहां चारों ओंर से सुलभता पूर्वक पहुंचा और प्रवेश किया जा सकता है। पूर्व दिशा में इसका
मुख्य प्रवेश द्वार है, और इसके सामने एक बड़ी छत है जिसमें नक्काशीदार संगमरमर स्क्रीन बाड़ के
रूप में हैं। स्थान की संरचना के शीर्ष पर कोनों में अष्टकोणीय मीनारें हैं। सफ़ेद बारादरी के आंतरिक
भाग में विस्तृत प्लास्टर का काम किया गया है, अंदर सुंदर धनुषाकार द्वार और जुड़वां स्तंभों वाली
खिड़कियां हैं। छत से लटकते झूमर इसकी शोभा में चार चाँद लगा देते हैं। इस परिसर की सुंदरता ने
बॉलीवुड को भी कई बार अपनी ओंर आकर्षित किया है फ़िल्मी जगत की कुछ बेहद चर्चित फ़िल्में जैसे
उमराव जान, शतरंज के खिलाडी, जुनून एवं गदर तनु वेड्स मनु, इशकजादे एवं बुलटराजा आदि की
शूटिंग यहां हुई है।
सफ़ेद बारादरी में लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता। आज इस इमारत को व्यक्तिगत समारोंह
आयोजन के लिए प्रयोग किया जाता है, वही कुछ दशको पहले यहां पर शोक सभाएं सम्पन्न होती है।
यह निश्चित ही एक रोचक इतिहास है और हमारा शहर लखनऊ ऐसे ही ढेरों ऐतिहासिक प्रकरणों से
भरा पड़ा है।
संदर्भ
https://bit.ly/35oyW5R
https://bit.ly/3guccaC
https://bit.ly/3vsqjBx
https://bit.ly/3xtDnrJ
https://bit.ly/3pYJ2ne
चित्र संदर्भ
1. सफ़ेद बारादरी, कैसरबाग (लखनऊ) का एक चित्रण (wikimedia)
2. कैसरबाग में सफेद बारादरी के दक्षिण में खंडहर में मंडप का एक चित्रण (flickr)
3. सफ़ेद बारादरी के भीतरी परिदृश्य का एक चित्रण (Wikimedia)
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