ब्रह्माण्‍ड में पृथ्‍वी से बाहर महासागरों की स्थिति

लखनऊ

 08-06-2021 08:31 AM
समुद्र

पृथ्‍वी सौरमण्‍डल का एकमात्र ऐसा ज्ञात ग्रह है, जिसकी सतह पर जल के बड़े-बड़े स्थिर पिण्‍ड मौजूद हैं।जून 2020 में, गणितीय मॉडलिंग अध्ययनों (mathematical modeling studies) के आधार नासा (NASA) के वैज्ञानिकों ने बताया कि संभवत: आकाशगंगा में महासागरों वाले एक्सोप्लैनेट (exoplanets) और भी हो सकते हैं।आइए इस विश्व महासागर दिवस पर पृथ्‍वी में महासागरों के प्रारंभिक स्‍वरूप को देखने का प्रयास करते हैं।हमारे सौर मंडल में, पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक ऐसे क्षेत्र विशेष की परिक्रमा करती है जिसे जीवन योग्‍य माना जाता है। इस क्षेत्र के भीतर पर्याप्त मात्रा में वायुमंडलीय दबाव के साथ तापमान, जल को लंबे समय तक तरल बनाए रखने में मदद करता है।
पृथ्वी के बाहर महासागरों का अध्ययन एस्ट्रोसियनोग्राफी (Astrooceanography) के अंतर्गत किया जाता है। एस्ट्रोबायोलॉजी (astrobiology), एस्ट्रोकेमिस्ट्री (astrochemistry) और प्लेनेटरी जियोलॉजी (planetary geology) जैसे अन्य ग्रह विज्ञानों के विपरीत, यह केवल शनि के टाइटन (Titan) और बृहस्पति के गैनीमेड (Ganymede) में भूमिगत महासागरों की खोज के बाद शुरू हुआ। यह क्षेत्र तब तक काल्‍पनिक ही बना हुआ था जब तक कि आगे केअंतरिक्ष मिशन (Mission) चंद्रमा की चट्टान या बर्फ की परत के नीचे के महासागरों तक नहीं पहुंचे थे। सौर मंडल में आकाशीय पिंडों के महासागरों या यहां तक ​​​​कि महासागरीय दुनिया के बारे में कई सिद्धांतजैसे नेप्च्यून (Neptune) में हीरे से बने महासागरों से लेकर तरल हाइड्रोजन (liquid Hydrogen) के विशाल महासागर,जो बृहस्पति की सतह के नीचे मौजूद हो सकते हैं, तक प्रचलित हैं।इन सिद्धांतों के अनुसार अपने भूगर्भिक इतिहास की शुरुआत में, मंगल और शुक्र के पास बड़े जलीय महासागर मौजूद थे। मंगल में महासागर की परिकल्पना से पता चलता है कि मंगल की सतह का लगभग एक तिहाई हिस्सा कभी पानी से ढका हुआ था, और संभवत: एक रनवे ग्रीनहाउस प्रभाव (runaway greenhouse effect) ने शुक्र के वैश्विक महासागर को उबाला होगा।पानी में घुलने वाले लवण (salts) और अमोनिया (ammonia) जैसे यौगिक इसके हिमांक को कम करते हैं ताकि पानी बड़ी मात्रा में अलौकिक वातावरण में नमकीन या संवहन बर्फ के रूप में मौजूद हो सके। कई बौने ग्रहों और प्राकृतिक उपग्रहों की सतह के नीचे अपुष्ट महासागरों का अनुमान लगाया गया है; विशेष रूप से, चंद्रमा यूरोपा (europa) के महासागर में पृथ्वी के पानी की मात्रा के दोगुने से अधिक होने का अनुमान है।माना जाता है कि सौर मंडल के विशाल ग्रहों में अभी तक पुष्टि की गई रचनाओं की तरल वायुमंडलीय परतें हैं। एक परिस्थितिजन्य रहने योग्य क्षेत्र के भीतर तरल पानी के सतही महासागरों सहित, एक्सोप्लैनेट (exoplanets ) और एक्सोमून (exomoons) पर भी महासागर मौजूद हो सकते हैं। महासागरीय ग्रह एक काल्पनिक प्रकार के ग्रह हैं जिनकी सतह पूरी तरह से तरलता से ढकी हुई है।
माना जाता है कि यूरोपा की उपसतह तरल पानी है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यूरोपा का छिपा हुआ महासागर नमकीन, ज्वारीय है, और यह इसकी बर्फीली सतह को हिलाने का कारण बनता है, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी दरारें उत्‍पन्‍न होती हैं। हालांकि यूरोपा के बारे में यह भी कहा जाता है कि जीवन को सहारा देने के लिए आवश्यक सामग्री - पानी, ऊर्जा, कार्बनिक यौगिक - यह हमारे सौर मंडल के रहने योग्य क्षेत्र जैसी नहीं हैं। नासा का कैसिनी मिशन (Cassini Mission) का अंतरिक्ष यान शनि ग्रह में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, यह मिशन हमें हमारे पड़ोसी गैसीय ग्रहों और और उसके चंद्रमाओं के करीब ले गया। अपनी जांच में इसने एक आश्चर्यजनक खोज की: एन्सेलेडस (Enceladus)। इस छोटे से चंद्रमा की सतह में गैस के ढेर हैं, इसमें एक चट्टानी कोर (core)भी मौजूदहै, जो बर्फ की मोटी परत से ढकी हुई है, और बीच में एक गहरा, नमकीन सागर है। यह अलौकिक जीवन की तलाश के लिए सबसे आशाजनक स्थानों में से एक है। एन्सेलेडस सौर मंडल के उन कुछ स्थानों में से एक है, जहां तरल पानी मौजूद है। नासा एस्ट्रोबायोलॉजी प्रोग्राम (NASA Astrobiology Program) ने नेटवर्क फॉर लाइफ डिटेक्शन (Network for Life Detection), एन-एफओएलडी (N-FoLD) की स्थापना की घोषणा की, जो शोधकर्ताओं को हमारे पड़ोसी ग्रहों और उनके चंद्रमाओं, पर जीवन और उसके सुराग का पता लगाने के लिए जोड़ता है। एन- एफओएलडी में जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Georgia Institute of Technology) के नेतृत्व में एक समुद्री अनुसंधान गठबंधन शामिल किया।इस गठबंधन को ओशन्स एक्रॉस स्पेस एंड टाइम (ओएएसटी) (Oceans Across Space and Time (OAST)) कहा जाता है और इसे मंगल ग्रह, बृहस्पति के बर्फीले चंद्रमा यूरोपाऔर शनि के चंद्रमा एन्सेलेडस (Enceladus) पर वर्तमान और पिछले महासागरों के रहस्यों को उजागरकरने के लिए 7 मिलियन डॉलर का नासा एस्ट्रोबायोलॉजी (NASA Astrobiology ) अनुदान प्राप्त हुआ। ओएएसटी उन परिस्थितियों के अध्ययन में भी तेजी लाएगा, जिन्होंने पृथ्वी के महासागरों में जीवन को जन्म दिया।
ओएएसटी भविष्‍य में नासा को यूरोपा के लिए एक रॉकेट (rocket) की सहायता से पनडुब्बी भेजने में सहायता करेगा, जिससे उसकी बर्फ की परत के नीचे समुद्र में जीवन की तलाश की जा सके। या ओएएसटी, एन-एफओएलडी सहयोगियों के साथ शामिल हो सकता है ताकि नासा को सूखे मंगल ग्रह के परिदृश्य, जो कभी महासागर थे, का पता लगाने में मदद मिल सके।ओएएसटीकी टीम खगोलीय लक्ष्यों के साथ सांसारिक डेटा को जोड़ने की विशेषज्ञता रखती है।इसके18 सह-अन्वेषकों और उनकी टीमों में से कई ने पहले ही हमारे अपने ग्रह के युगों-पुराने रॉक रिकॉर्ड (eons-old rock record), वायुमंडल, महासागरों और आइसकैप्स (icecaps) में जैव-भू-रसायन की खोज की है, ताकि इन आकड़ों को दूसरी दुनिया में ले जाया जा सके। अन्य ओएएसटी शोधकर्ताओं ने मंगल की जांच को डिजाइन (design) करने में मदद की है।बोमन (Bowman ) (स्क्रिप्स (Scripps) जैविक समुद्र विज्ञानी) ने कहा, "ओएएसटी शोधकर्ताओं के पास अंटार्कटिक, गहरे समुद्र की खाइयों और अत्यधिक रसायन और लवणता वाली झीलों जैसे विभिन्न कठोर वातावरणों में जीवन का पता लगाने और उन्हें चिह्नित करने की विशेषज्ञता है।" "हम इस विशेषज्ञता का लाभ यह समझने के लिए उठाएंगे कि सौर मंडल के आसपास विभिन्न महासागर पर्यावरणीयचरम सीमाओं में जीवन कैसे वितरित किया जा सकता है।" अंतरिक्ष यान सौर मंडल की खोज का एकमात्र तरीका नहीं हैं, और स्टीफन डायमंड और कील विश्वविद्यालय (यूके) (StephenDiamond and Keele University (UK)) पर आधारित प्रायोगिक खगोल भौतिकीविदों की एक टीम का नेतृत्व करते हैं, जो हारवेल (Harwell) में एन्सेलेडस के नमकीन महासागरीय स्थितियों को फिर से बनाने का प्रयास कर रहे हैं। वे पानी के अधिक रहस्यमय गुणों में से एक, पानी के दबाव में ठंडा होने पर क्लैथ्रेट (Clathrate) बनाने की क्षमता, की जांच करने के लिएएक रहस्‍यमय उज्ज्वल प्रकाश का उपयोग कर रहे हैं। क्लैथ्रेट बर्फ जैसी संरचनाएं हैं जो छोटे पिंजरों (tiny cages) की तरह व्यवहार करती हैं, और कार्बन डाइऑक्साइड (carbon dioxide) और मीथेन (methane) जैसे अणुओं को फंसा सकती हैं।एन्सेलेडस की स्थितियां क्लैथ्रेट्स के निर्माण के लिए सही हो सकती हैं, और वे कैसे बनते हैं, इसके बारे में अधिक समझने से एनसेलडस के महासागर में क्या हो रहा है, इसके बारे में सुराग मिल सकता है। यह अनुमान लगाने के लिए कि एन्सेलेडस पर क्लैथ्रेट कहाँ हो सकते हैं, पृथ्वी पर प्रयोगों को यथासंभव वास्तविक परिस्थितियों को प्रतिबिंबित करना होगा। कैसिनी जांच से पता चला कि एन्सेलेडस का महासागर मैग्नीशियम सल्फेट (magnesium sulfate) (नमक) से भरा हुआ है।
माना जाता है कि गैसीय ग्रह बृहस्पति और शनि में सतहों की कमी है और तरल हाइड्रोजन का एक उच्‍च स्तर है; हालांकि इन ग्रहों के भूविज्ञान को अच्छी तरह से समझा नहीं गया है। बर्फीले ग्रह यूरेनस (Uranus) और नेपच्यून (Neptune) के घने वायुमंडल के नीचे गर्म, अत्यधिक संकुचित, सुपरक्रिटिकल (supercritical) पानी होने की संभावना की परिकल्पना की गई है। हालांकि उनकी संरचना अभी भी पूरी तरह से समझ में नहीं आई है।

संदर्भ:
https://bit.ly/2TAOBMu
https://bit.ly/3fTL9Wf
https://bit.ly/2RrmSxh
https://bit.ly/3ggjtd7

चित्र संदर्भ
1. भूवैज्ञानिक डेटा के आधार पर एक कलाकार की प्राचीन मंगल और उसके महासागरों की छाप का एक चित्रण (wikimedia)
2. यूरोपा पर संदिग्ध पानी का फोटो सम्मिश्रण का एक चित्रण (wikimedia)
3. गेनीमेड की आंतरिक संरचना का कलाकार का कट-ऑफ प्रतिनिधित्व, दो बर्फ परतों के बीच एक तरल जल महासागर के साथ। पैमाने पर खींची गई परतों का एक चित्रण (wikimedia)
4. दो प्राकृतिक उपग्रहों के साथ एक काल्पनिक महासागर ग्रह का एक चित्रण (wikimedia)


RECENT POST

  • लोगो डिज़ाइन की ऐतिहासिक दौड़ में, सुंदरता के बजाय, सरलता की जीत क्यों हुई ?
    संचार एवं संचार यन्त्र

     30-12-2024 09:42 AM


  • आइए देखें, कोरियाई नाटकों के कुछ अनोखे अंतिम दृश्यों को
    द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

     29-12-2024 09:24 AM


  • क्षेत्रीय परंपराओं, कविताओं और लोककथाओं में प्रतिबिंबित होती है लखनऊ से जुड़ी अवधी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:31 AM


  • कैसे, उत्तर प्रदेश और हरियाणा, भारत के झींगा पालन उद्योग का प्रमुख केंद्र बन सकते हैं ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:32 AM


  • आनंद से भरा जीवन जीने के लिए, प्रोत्साहित करता है, इकिगाई दर्शन
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:36 AM


  • क्रिसमस विशेष: जानें रोमन सभ्यता में ईसाई धर्म की उत्पत्ति और विकास के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:35 AM


  • आइए जानें, सौहार्द की मिसाल कायम करते, लखनऊ के ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों को
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:30 AM


  • आइए समझते हैं, कैसे एग्रोफ़ॉरेस्ट्री, किसानों की आय और पर्यावरण को बेहतर बनाती है
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:32 AM


  • आइए देंखे, मोटो जी पी से जुड़े कुछ हास्यपूर्ण और मनोरंजक क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:27 AM


  • लखनऊ के एक वैज्ञानिक थे, अब तक मिले सबसे पुराने डायनासौर के जीवाश्म के खोजकर्ता
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:35 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id