यह माना जाता है कि पृथ्वी पर 90% खाद्य पदार्थों के उत्पादन में मधुमक्खी का बहुत बड़ा योगदान है। जिसमें कई प्रकार के फल-सब्जियां शामिल हैं। बादाम, काजू, संतरा, पेठा, कपास, सेब, कॉफी आम, भिंडी, आड़ू, नाशपाती, काली मिर्च, स्ट्रॉबेरी, अखरोट, तरबूज आदि मधुमक्खियों द्वारा ही परागित होते हैं। लेकिन यह एकमात्र कारण नहीं है कि मानव प्रजाति मधुमक्खियों का ऋणी है। असल में, मधुमक्खियां बड़े पैमाने पर कई लोगों के लिए आजीविका का एक प्रमुख स्रोत हैं। यहाँ हम जानते हैं कि किस प्रकार मधुमक्खियों से जुड़े उद्पाद आय का एक प्रमुख साधन हैं? विश्व भर में मधुमक्खियों की लगभग 20,000 से अधिक प्रजातियां पायी जाती हैं, लेकिन उनमें से केवल 7 प्रजातियां ऐसी होती हैं जो मधु (शहद ) का उत्पादन करती हैं। भारत में इनकी पांच प्रजातियां ही व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण समझी जाती हैं। मधुमक्खियां शहद, मोम, पराग, प्रोपोलिस और शाही जेली जैसी खास वस्तुओं का उत्पादन करती हैं। मधुमक्खी पालक अन्य किसानों तथा वैज्ञानिकों को रानी मधुमक्खी भी बेचते हैं, जो शोध तथा जिज्ञासावश इन्हे खरीदते हैं। कई व्यवसायी मधुमक्खियों का प्रयोग कर फल और सब्जी उत्पादकों को परागण सेवा भी उपलब्ध कराते हैं। कई लोग मधुमक्खियों को एक शौक के रूप में रखते हैं। लोग इन्हे आय के प्रमुख स्रोत तथा कुछ लोग एक निष्क्रिय आय के तौर पर भी लेते हैं।
चूँकि शहद के अनगिनत फायदों से हम सभी भली-भांति परिचित हैं, अतः आप अंदाज़ा लगा सकते हैं की मधुमक्खी पालन कितना बड़ा फायदे का सौदा साबित हो सकता है। भारत अपने कुल शहद उत्पादन का 60% प्रतिशत हिस्सा अमेरिका, कनाडा, अफ्रीका और पश्चिम एशिया जैसे देशों को निर्यात करता हैं। वहीं अब जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी अपने देशों में शहद की मांग को पूरा करने के लिए चीन के बजाय भारत का रुख करने लगे हैं। निर्यातकों के अनुसार अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये का कमजोर हो जाना इन शहद खरीदारों का भारत के प्रति आकर्षण का प्रमुख कारण है। साथ ही चीन का शहद भारत की तुलना में अधिक महंगा भी है। जानकारों के अनुसार भारत से शहद का निर्यात वर्ष 2018-19 में 19% बढ़कर सालाना 61,333.88 टन हो गया, जिसकी कीमत 732.16 करोड़ रुपये है।
संदर्भ
● https://bit.ly/3ui9auL
● https://bit.ly/3uiqeRt
● https://bit.ly/3uhNdvX
● https://bit.ly/2QQQVxS
● https://bit.ly/3tbYhJC
चित्र संदर्भ
1.मधुमक्खी, भारतीय मुद्रा तथा वरोआ डिस्ट्रक्टर का एक चित्रण (Pixabay,Pixabay,Wikimedia)
2.मधुमक्खी पालन का एक चित्रण (Pixabay)
3.मधुमक्खी पालन का एक चित्रण (Unsplash)
4.वरोआ डिस्ट्रक्टर का एक चित्रण(Wikimedia)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.